प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन को किया संबोधित, जानें क्या कहा
प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन को किया संबोधित, जानें क्या कहा
नई दिल्ली, 02 मार्चः प्रधानमंत्री (Prime Minister) नरेंद्र मोदी ने यहाँ आयोजित मैरीटाइम इंडिया शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे देश का मैरीटाइम इतिहास समृद्ध है हमारे तटों पर सभ्यताएं फली-फूलीं हजारों वर्ष हमारे बंदरगाह महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रहें है हमारे तटों ने हमें विश्व से जोड़ा है
इस सम्मेलन के माध्यम में से विश्व को भारत आने और अपनी विकास यात्रा का हिस्सा बनने का आमंत्रण दे रहा हूं भारत मैरीटाइम क्षेत्र में विकास के प्रति गंभीर है और विश्व की अग्रणी नीली अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है हमारे प्रमुख फोकस क्षेत्रों में वर्तमान अवसंरचना को उन्नत बनाना, अगली पीढ़ी की अवसंरचना तैयार करना और सुधार कार्यक्रम को बढ़ाना शामिल है इन कदमों से हम अपने आत्मनिर्भर भारत के विजन को मजबूती दे सकते हैं
उन्होंने कहा कि 2014 में प्रमुख बंदरगाहों की क्षमता प्रतिवर्ष 870 मिलियन टन थी जो कि बढ़कर अब प्रतिवर्ष 1550 मिलियन टन हो गई है यह उत्पादकता लाभ ना केवल हमारे बंदरगाहों के लिए सहायक है बल्कि हमारे उत्पादों को अधिक स्पर्द्धी बनाकर पूरी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में भी सहायक है अब भारतीय बंदरगाहों के पास डायरेक्ट पोर्ट डिलेवरी, डायरेक्ट पोर्ट एंट्री तथा सहज डेटा प्रवाह के लिए पोर्ट कम्युनिटी सिस्टम जैसी सुविधाएं है
हम बंदरगाहों पर भंडारण सुविधा और उद्योगों को आकर्षित करने के लिए प्लग एंड प्ले अवसंरचना तैयार करने में बड़े पैमाने पर निवेश कर रहे हैं बंदरगाह सतत ड्रेजिंग तथा घरेलू शिप रिसाइक्लिंग के माध्यम से अपशिष्ट को धन में प्रोत्साहित करेंगे
हम बंदरगाह क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहन देंगे नयी मैरीटाइम अवसंरचना जीवन की सुगम्यता को प्रोत्साहित करने का बड़ा साधन है रो-रो तथा रो-पैक्स परियोजनाएं नदियों के उपयोग के लिए हमारे विजन के महत्वपूर्ण तत्व है वाटरड्रोम 16 स्थानों पर विकसित किये जा रहे हैं ताकि सी-प्लेन संचालन सक्षम हो सके 5 राष्ट्रीय राजमार्गों पर रिवरक्रूज टर्मिनल इंफ्रास्ट्रक्चर तथा जेट्टी विकसित की जा रही है
प्रधानमंत्री (Prime Minister) ने कहा कि भारत विश्व के साथ अपने श्रेष्ठ व्यवहारों को साझा करना चाहता है भारत सरकार ने द्वीप अवसंरचना तथा ईको सिस्टम के समग्र विकास का काम भी प्रारंभ किया है भारत मैरीटाइम क्षेत्र में उर्जा के नवीकरणीय साधनों के उपयोग को प्रोत्साहित करना चाहते हैं हम देश के प्रमुख बंदरगाहों पर सौर तथा पवन आधारित विद्दुत प्रणाली स्थापित करने की प्रक्रिया में है
हमारा उद्देश्य भारतीय बंदरगाहों पर तीन चरणों में 2030 तक नवीकरणीय उर्जा का उपयोग कुल उर्जा का 60 प्रतिशत से अधिक करना चाहते हैं इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनसुख भाई मांडविया, धर्मेंद्र प्रधान, विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रीगण, महामहिम तथा विशिष्ठ अतिथिगण भी उपस्थित थे
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