Allahabad HC judgment about loudspeekar : मस्जिदों पर लाउडस्पीकर लगाना मौलिक अधिकार नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट
रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 06 मई: Allahabad HC judgment about loudspeekar: उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकर का मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट पहुंचा तो वहां भी लाउडस्पीकर के पैरोकारों को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने साफ किया है कि मस्जिदों पर लाउडस्पीकर लगाना मौलिक अधिकार के दायरे में नहीं आता है। इस टिप्पणी के साथ ही कोर्ट ने लाउडस्पीकर लगाए जाने संबंधी याचिका को खारिज कर दिया।
उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकर (Allahabad HC judgment about loudspeekar) पर जोरदार सियासत चल रही है। पिछले दिनों समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी करारा हमला बोला था। इन तमाम विवाद के बीच इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा आदेश सामने आया है। कोर्ट ने कहा है कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर का प्रयोग करना मौलिक और संवैधानिक अधिकार नहीं है। इलाहाबाद हाई कोर्ट के दो जजों की पीठ ने मस्जिद में लाउडस्पीकर लगाने की याचिका को इस आदेश के साथ खारिज कर दिया।
Allahabad HC judgment about loudspeekar: यूपी सरकार ने धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर की आवाज को कम कराने का अभियान चलाया है। इसमें तेज आवाज में बजाए जाने वाले लाउडस्पीकर को उतारा भी जा रहा है। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने धार्मिक स्थलों में पूजा-इबादत की आवाज को परिसर तक ही सीमित करने का आदेश दिया है। इसके बाद यूपी पुलिस की ओर से लाउडस्पीकरों पर दबिश बनाई गई।
उत्तर प्रदेश में एक तरफ लाउडस्पीकर के खिलाफ अभियान जारी है। वहीं, लाउडस्पीकर लगाए जाने की अनुमति मांगे जाने पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश को बड़े परिपेक्ष्य में देखा जा रहा है। मामला दिसंबर 2021 का है। बदायूं के बिसौली गांव में एक मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाकर अजान की मांग से संबंधित आवेदन एसडीएम के समक्ष किया गया। 3 दिसंबर 2021 को एसडीएम ने लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया।
लाउडस्पीकर से संबंधित याचिका भले ही दिसंबर 2021 की हो, लेकिन अभी यह विवाद काफी गरमाया हुआ है। हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से लाउडस्पीकर के खिलाफ अभियान तेज किया गया है। योगी आदित्यनाथ सरकार ने सभी धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को हटाए जाने या आवाज धीमी करने का आदेश दिया है।