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Adani Group entry copper business: अडानी ग्रुप की अब कॉपर बिजनेस में एंट्री, जानें पूरी डिटेल…

Adani Group entry copper business: अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की अनुषंगी कच्छ कॉपर लिमिटेड कॉपर रिफायनरी प्रोजेक्ट की स्थापना कर रही

बिजनेस डेस्क, 27 जूनः Adani Group entry copper business: अडानी समूह की सब्सिडियरी कच्छ कॉपर लिमिटेड रिफाइंड तांबे के उत्पादन के लिए एक ग्रीनफील्ड कॉपर रिफाइनरी परियोजना स्थापित कर रही है। वर्ष 2024 में इस प्लांट से उत्पादन शुरू हो जाएगा। गौरतलब है कि अभी हाल ही में गौतम अडानी ने अपना 60 वां जन्मदिन मनाया था। इस दिन उन्होंने 60 हजार करोड़ रुपए का दान किया था।

अडानी समूह ने एक बयान में कहा, ‘‘अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड की अनुषंगी कच्छ कॉपर लिमिटेड कॉपर रिफायनरी प्रोजेक्ट की स्थापना कर रही है। दो चरणों में बनने वाला यह प्लांट हर साल दस लाख टन रिफाइंड तांबे का उत्पादन करेगा।’’ बयान में कहा गया कि इस परियोजना के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अगुआई में बैंकों के एक गठजोड़ से कर्ज मिला है।

केसीएल परियोजना के पांच लाख टन की क्षमता वाले पहले चरण के लिए बैंकों के इस गठजोड़ ने 6,071 करोड़ रुपये की कर्ज आवश्यकता के लिए समझौता किया और इसे मंजूरी दी। अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड के निदेशक विनय प्रकाश ने कहा कि इस परियोजना का परिचालन वर्ष 2024 की पहली छमाही में शुरू हो जाएगा।

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यह पैसा ग्रीनफील्ड प्लांट के पहले चरण के हिस्से के रूप में सालाना 0.5 मिलियन टन (MTPA) की तांबा शोधन क्षमता (Copper Refining Capacity) स्थापित करने में खर्च होगा। दो चरणों में कुल 1 एमटीपीए की क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। यह लोन भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में बैंकों के एक कंसोर्टियम द्वारा दिया जाएगा। अडानी एंटरप्राइजेज द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार, कंसोर्टियम के अन्य बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, एक्जिम बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं।

आखिर क्यों तांबे में पैसा लगा रहे अडानी

Adani Group entry copper business: कोरोना महामारी के बाद से दुनियाभर में तांबे की डिमांड काफी बढ़ गई है। इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैस का कहना है कि यह इंडस्ट्रियल कमोडिटी एक ऐसे नए सुपर साइकल में है, जो साल 2004 से 2011 के बीच देखने को मिली थी। भारत की बात करें तो यहां तांबा बाजार में अधिक बड़े प्लेयर्स नहीं हैं। इसलिए यहां तांबा बाजार में अच्छे मौके हैं।

रिन्यूएबल एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाओं के चलते देश में तांबे की मांग बढ़ने का अनुमान है। स्टरलाइट कॉपर के बंद होने के बाद से भारत इस धातु का शुद्ध आयातक बन गया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इससे पहले लगभग दो दशकों तक देश तांबे का शुद्ध निर्यातक था।

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