Training Organized On Sexual Harassment

Training Organized On Sexual Harassment: वाराणसी में कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न को लेकर आयोजित हुआ प्रशिक्षण

Training Organized On Sexual Harassment: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में हुए प्रशिक्षण की अध्यक्षता सीडीओ हिमांशू नागपाल ने की

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 01 फरवरीः Training Organized On Sexual Harassment: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण वाराणसी के सचिव अपर जिला जज विजय कुमार विश्वकर्मा एवं आइ.ए.एस हिमांशु नागपाल, मुख्य विकास अधिकारी वाराणसी की संयुक्त अध्यक्षता में कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ। महिला कल्याण विभाग से जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडेय एवं आली संस्था के सहयोग से जनपद स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।

आली संस्था की निदेशक रेनू मिश्रा द्वारा आंतरिक परिवाद समिति एवं स्थानीय परिवाद समिति के कार्यों को विस्तार पूर्वक बताया कि यदि किसी भी प्राइवेट या सरकारी कार्यालय में किसी महिला के साथ लैंगिक उत्पीड़न होता है तो उस कार्यालय में उपस्थित आंतरिक परिवाद समिति (ICC) को उस विषय को प्राथमिकता पर लेना होगा जिस महिला का उत्पीड़न किया जा रहा है. उस महिला के प्रकरण को सुने और उस पर कार्यवाही करनी होगी।

रेनू मिश्रा द्वारा बताया गया कि, यदि किसी महिला को उत्पीड़न से सम्बंधित अपनी स्वयं शिकायत दर्ज करनी है तो SHe BOX पोर्टल पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकती हैं। जिस कार्यालय में 10 से अधिक का स्टाफ़ है उस कार्यालय में आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया जाना है और यदि लैंगिक उत्पीड़न का कोई प्रकरण सामने आता है तो प्रकरण को सज्ञान में लेकर 90 दिन के अन्दर निस्तारण करना होगा।

प्रशिक्षण में उपस्थित सभी सदस्यों को कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के सम्बंध में विस्तार पूर्वक जानकरी दी। अधिनियम की धाराओं पर प्रकाश डालते हुए कार्यशाला में उपस्थित प्रतिभागियों को जानकारी दी गई यदि आपके कार्यस्थल पर किसी भी के द्वारा आपके साथ लैंगिक उत्पीड़न किया जाता है तो आप 90 दिनों के भीतर आंतरिक परिवाद समिति में शिकायत दर्ज कर सकती हैं इस अधिनियम के अंतर्गत महिलाओं को कार्य स्थल पर सुरक्षित वातावरण देने के उद्देश्य से युक्त समितियां का गठन कर क्रियाशील किया जाना आवश्यक है।

इसी प्रकार जिन कार्यालय में 10 से कम कर्मचारी कार्यरत है वहां कि लैंगिक उत्पीड़न की शिकायत जनपद स्तर पर गठित स्थानीय परिवार समिति में दर्ज कराई जा सकती है किसी भी सरकारी गैर सरकारी प्राइवेट निजी उपक्रम सभी संस्थाओं में आंतरिक परिवाद समिति का गठन किया जाना है यदि कहीं आंतरिक परिवाद समिति का गठन नहीं किया जाता है तो ₹50000 तक का जुर्माना किए जाने का प्रावधान है।

प्रशिक्षण में जनपद के कार्यालयों के आंतरिक परिवाद समितियों के अध्यक्षगण एवं कार्यालाध्यक्ष/विभागाध्यक्ष प्रमुख रूप से उपस्थित थे. जिसमें जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पाण्डेय, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, महिला कल्याण अधिकारी अंकिता श्रीवास्तव, केंद्र प्रबंधक रश्मि दुबे, जिला समन्वयक रेखा श्रीवास्तव, प्रियंका राय आली संस्था से अंशुमाला आदि स्टाफ के लोग मौजूद रहे।

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