unity is diversity: एकता ही विविधता में परिलक्षित होती है: गिरीश्वर मिश्र
unity is diversity: आए दिन यह तर्क किसी न किसी कोने से तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग पेश करता रहता है कि भारत की विविधता की अनदेखी हो रही है । वह … Read More
unity is diversity: आए दिन यह तर्क किसी न किसी कोने से तथाकथित बुद्धिजीवी वर्ग पेश करता रहता है कि भारत की विविधता की अनदेखी हो रही है । वह … Read More
यह भी है कि अब सभ्यता , समाज और संस्कृति के व्यापक सरोकार यदि उठाए जाते हैं तो वे बाज़ार में स्थित उपभोक्ता व्यक्ति के मनो-जगत की परिधि में ही … Read More
जाने कब से यह धरती मनुष्यसमेत सभी प्राणियों , जीव – जंतुओं और वनस्पतियों आदि के लिए आधार बन कर जीवन और भरण-पोषण का भार वहन करती चली आ रही … Read More
भारत की जनसंख्या में युवा-वर्ग के अनुपात में वृद्धि के साथ शिक्षा व्यवस्था पर दबाव बढ़ता जा रहा है । लोकतांत्रिक व्यवस्था में ‘सर्वोदय’ की भावना भी है और हमारी … Read More
Ram Navami: सनातनी यानी सतत वर्त्तमान की अखंड अनुभूति के लिए तत्पर मानस वाला भारतवर्ष का समाज देश-काल में स्थापित और सद्यः अनुभव में ग्राह्य सगुण प्रत्यक्ष को परोक्ष वाले … Read More
Meaning of mandate: इसमें कोई संदेह नहीं कि गोवा के सागर तट , उत्तराखंड के पहाड़ , उत्तर प्रदेश कि गंगाजमुनी मैदान और पूर्वोत्तर भारत में पर्वत – घाटी वाले … Read More
Mother toungue: भारत की भाषिक विविधता का अद्भुत विस्तार और उसका सहज स्वीकार प्राचीन काल से इस देश में सामाजिक बर्ताव का अहम हिस्सा रहा है । अथर्ववेद में यह … Read More
Country big or religion: देश बड़ा या धर्म?: गिरीश्वर मिश्र Country big or religion: देश की मौजूदा सियासत के हालात कुछ ऐसे हो रहे हैं कि उसकी उठापटक में सभी … Read More
Budget-2022: अर्थशास्त्री आचार्य चाणक्य की मानें तो सुख या खुशहाली के मूल में धर्म होता है . इस धर्म के मूल में अर्थ यानी विविध प्रकार के संसाधन की व्यवस्था … Read More
इन्हीं के समानांतर धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष के पुरुषार्थों को भी उन्होंने रेखांकित किया. उनका मानना था कि वैयक्तिकता के विरुद्ध जा कर अंतत: साम्यवाद भी व्यक्ति को कुचल … Read More