Uddhav government gift to farmers: महाराष्ट्र के किसानों को सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, पढ़ें पूरी खबर

Uddhav government gift to farmers: 964 करोड़ रुपये के कृषि कर्ज को माफ करेगी उद्धव सरकार मुंबई, 12 मार्चः Uddhav government gift to farmers: महाराष्ट्र की उद्धव सरकार ने किसानों … Read More

PM kisan yojana: इस तारीख को आ सकती है पीएम किसान योजना की 10वीं किस्त, ऐसे चेक करें लिस्ट में अपना नाम

PM kisan yojana: 1 जनवरी 2022 को पीएम किसान योजना के तहत 10वीं किस्त जारी करेंगे नई दिल्ली, 23 दिसंबरः PM kisan yojana: किसानों के लिए एक अच्छी खबर हैं। … Read More

PM kisan samman nidhi scheme: इन किसानों को नहीं मिलेगा पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ, पढ़ें पूरी खबर

PM kisan samman nidhi scheme: अगर किसान परिवार का कोई सदस्य टैक्स जमा करता है तो उसे योजना का लाभ नहीं दिया जाता नई दिल्ली, 08 दिसंबरः PM kisan samman … Read More

Narendra Singh Tomar: किसानों की समृद्धता के लिए केंद्र का राज्य सरकार को पूरा सहयोग: केंद्रीय कृषि मंत्री

Narendra Singh Tomar: केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार को भारत सरकार की ओर से पहले भी पूरा सहयोग किया गया है और आगे भी पूरी … Read More

Farming: સક્કર ટેટી અને તરબુચની ખેતી કેવી રીતે અપાવશે પાંચ ગણી આવક જાણો વિગત…..

પાંચ હેક્ટરમાં કરેલ સક્કર ટેટી અને તરબુચની ખેતી (Farming) ગાંજણવાવના મહેન્દ્રભાઈને અપાવશે પાંચ ગણી આવક અહેવાલ:નિતિન રથવી ધ્રાંગધ્રા, ૦૬ એપ્રિલ: Farming: ધ્રાંગધ્રા એટલે કે પથ્થરોની ધરા તરીકે ઓળખાતા ધ્રાંગધ્રા પંથકના … Read More

झारखंड के 9 लाख किसानों का कर्ज माफ, राज्यपाल ने किया ऐलान

रांची 27 जनवरी। झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने गणतंत्र दिवस पर झारखंड के तकरीबन 9 लाख किसानों के कर्ज माफी की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि 31 … Read More

હક્કદાર નાના ખેડૂતો યોજનાથી વંચિત અને ઈન્કમટેક્ષ ભરનાર ખેડૂતો ૧૬૭ કરોડનો લાભ લઈ ગયા: ડૉ. મનિષ એમ. દોશી

• ખેડૂતો અને ખેતીને મૂડીપતિઓના હાથમાં ગીરવે રાખવાનું ભાજપ સરકારનું કાવત્રું.• કેન્દ્રની કોંગ્રેસ સરકારે ૭૦,૦૦૦ કરોડ રૂપિયાના ખેડૂતોના દેવા માફી, જમીન સંપાદનનું યોગ્‍ય વળતર, સોઈલ ટેસ્‍ટીંગ, ખાતરમાં સબસીડી, સહકારી પાક … Read More

नए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं: प्रधानमंत्री मोदी

दिल्ली, 29 नवम्बर: भारत मे खेती और उससे जुड़ी चीजों के साथ नए आयाम जुड़ रहे है। बीते दिनों हुए कृषि सुधारों ने किसानों के लिए नई संभावनाओं के द्वार भी खोले हैं। बरसों से किसानों की जो माँग थी, जिन मांगो को पूरा करने के लिए किसी न किसी समय में हर राजनीतिक दल ने उनसे वायदा किया था, वो मांगे पूरी हुई हैं। काफ़ी विचार विमर्श के बाद भारत की संसद ने कृषि सुधारों को कानूनी स्वरुप दिया। इन सुधारों से न सिर्फ किसानों के अनेक बन्धन समाप्त हुये हैं , बल्कि उन्हें नये अधिकार भी मिले हैं, नये अवसर भी मिले हैं। इन अधिकारों ने बहुत ही कम समय में, किसानों की परेशानियों को कम करना शुरू कर दिया है। महाराष्ट्र के धुले ज़िले के किसान, जितेन्द्र भोइजी ने, नये कृषि कानूनों का इस्तेमाल कैसे किया, ये आपको भी जानना चाहिये। जितेन्द्र भोइजी ने मक्के की खेती की थी और सही दामों के लिए उसे व्यापारियों को बेचना तय किया। फसल की कुल कीमत तय हुई करीब तीन लाख बत्तीस हज़ार रूपये। जितेन्द्र भोइ को पच्चीस हज़ार रूपये एडवांस भी मिल गए थे। तय ये हुआ था कि बाकी का पैसा उन्हें पन्द्रह दिन में चुका दिया जायेगा। लेकिन बाद में परिस्थितियां ऐसी बनी कि उन्हें बाकी का पेमेन्ट नहीं मिला। किसान से फसल खरीद लो, महीनों – महीनों पेमेन्ट न करो, संभवतः मक्का खरीदने वाले बरसों से चली आ रही उसी परंपरा को निभा रहे थे। इसी तरह चार महीने तक जितेन्द्र जी का पेमेन्ट नहीं हुआ। इस स्थिति में उनकी मदद की सितम्बर मे जो पास हुए हैं, जो नए कृषि क़ानून बने हैं – वो उनके काम आये। इस क़ानून में ये तय किया गया है, कि फसल खरीदने के तीन दिन में ही, किसान को पूरा पेमेन्ट करना पड़ता है और अगर पेमेन्ट नहीं होता है, तो, किसान शिकायत दर्ज कर सकता है। कानून में एक और बहुत बड़ी बात है, इस क़ानून में ये प्रावधान किया गया है कि क्षेत्र के एस.डी.एम(SDM) को एक महीने के भीतर ही किसान की शिकायत का निपटारा करना होगा। अब, जब, ऐसे कानून की ताकत हमारे किसान भाई के पास थी, तो, उनकी समस्या का समाधान तो होना ही था, उन्होंने शिकायत की और चंद ही दिन में उनका बकाया चुका दिया गया। यानि कि कानून की सही और पूरी जानकारी ही जितेन्द्र जी की ताकत बनी। क्षेत्र कोई भी हो, हर तरह के भ्रम और अफवाहों से दूर, सही जानकारी, हर व्यक्ति के लिए बहुत बड़ा सम्बल होती है। किसानों में जागरूकता बढ़ाने का ऐसा ही एक काम कर रहे हैं, राजस्थान के बारां जिले में रहने वाले मोहम्मद असलम जी । ये एक किसान उत्पादक संघ के CEO भी हैं। जी हाँ, आपने सही सुना, किसान उत्पादक संघ के CEO । उम्मीद है, बड़ी बड़ी कम्पनियों के CEOs को ये सुनकर अच्छा लगेगा कि अब देश के दूर दराज वाले इलाको में काम कर रहे किसान संगठनों मे भी CEOs होने लगे हैं, तो साथियो, मोहम्मद असलम जी ने अपने क्षेत्र के अनेकों किसानों को मिलाकर एक WhatsApp group बना लिया है। इस group पर वो हर रोज़, आस-पास की मंडियो में क्या भाव चल रहा है, इसकी जानकारी किसानों को देते हैं। खुद उनका FPO भी किसानों से फ़सल खरीदता है, इसलिए, उनके इस प्रयास से किसानों को निर्णय लेने में मदद मिलती है। साथियो, जागरूकता है, तो, जीवंतता है। अपनी जागरूकता से हजारों लोगों का जीवन प्रभावित करने वाले एक कृषि उद्यमी श्री वीरेन्द्र यादव जी हैं। वीरेन्द्र यादव जी, कभी ऑस्ट्रेलिया में रहा करते थे। दो साल पहले ही वो भारत आए और अब हरियाणा के कैथल में रहते हैं। दूसरे लोगों की तरह ही, खेती में पराली उनके सामने भी एक बड़ी समस्या थी। इसके solution के लिए बहुत व्यापक स्तर पर काम हो रहा है, लेकिन, आज, ‘मन की बात’ में, मैं, वीरेन्द्र जी को विशेष तौर पर जिक्र इसलिए कर रहा हूँ, क्योंकि, उनके प्रयास अलग हैं, एक नई दिशा दिखाते हैं। पराली का समाधान करने के लिए वीरेन्द्र जी ने, पुआल की गांठ बनाने वाली straw baler मशीन खरीदी। इसके लिए उन्हें कृषि विभाग से आर्थिक मदद भी मिली। इस मशीन से उन्होंने पराली के गठठे बनाने शुरू कर दिया। गठठे बनाने के बाद उन्होंने पराली को Agro Energy Plant और paper mill को बेच दिया। आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि वीरेन्द्र जी ने पराली से सिर्फ दो साल में डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा का व्यापार किया है, और उसमें भी, लगभग 50 लाख रुपये मुनाफा कमाया है। इसका फ़ायदा उन किसानों को भी हो रहा है, जिनके खेतों से वीरेन्द्र जी पराली उठाते हैं। हमने कचरे से कंचन की बात तो बहुत सुनी है, लेकिन, पराली का निपटारा करके, पैसा और पुण्य कमाने का ये अनोखा उदाहरण है। मेरा नौजवानों, विशेषकर कृषि की पढ़ाई कर रहे लाखों विद्यार्थियों से आग्रह है, कि, वो अपने आस-पास के गावों में जाकर किसानों को आधुनिक कृषि के बारे में, हाल में हुए कृषि सुधारो के बारे में, जागरूक करें। ऐसा करके आप देश में हो रहे बड़े बदलाव के सहभागी बनेंगे।

किसानों के साथ धोखाधड़ी करने वाली वेबसाइटों के विरुद्ध MNRE ने दी चेतावनी

प्रधानमंत्री-कुसुम योजना के तहत पंजीकरण के लिए धोखाधड़ी करने वाली वेबसाइटों के विरुद्ध MNRE ने दी चेतावनी 25 OCT 2020 by PIB Delhi नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) द्वारा … Read More

મહુવા તાલુકાના આદિવાસી ખેડુતે ફૂલોની સુગંધીદાર ખેતી કરીને અન્યોને નવો રાહ ચીંધ્યો

૧૫ ગુંઠા જમીનમાં વિવિધ ફુલપાકોની મૂલ્યવર્ધિત ખેતી કરી ઘરઆંગણે વર્ષે રૂા.૩.૭૦ લાખ આવક મેળવતા નિવૃત્ત શિક્ષક ધીરૂભાઈ પટેલઃ મહુવા તાલુકાના આદિવાસી ખેડુતે ફૂલોની સુગંધીદાર ખેતી કરીને અન્યોને નવો રાહ ચીંધ્યો … Read More