Rahul Wriddhi

Wriddhiman saha serious allegations coach: टीम से बाहर होने के बाद ऋद्धिमान साहा ने कोच राहुल द्रविड़ पर लगाए गंभीर आरोप, कही यह बात

Wriddhiman saha serious allegations coach: कोच राहुल द्रविड़ ने मुझे संन्यास लेने के लिए कहा थाः ऋद्धिमान साहा

खेल डेस्क, 20 फरवरीः Wriddhiman saha serious allegations coach: श्रीलंका के खिलाफ होने वाली आगामी सीरीज के लिए भारतीय चयन समिति ने टेस्ट टीम में बड़े बदलाव किए हैं। चेतन शर्मा की अगुवाई वाली चयन समिति ने चार सीनियर खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर दिया हैं। जिसमें पूर्व उपकप्तान अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, ऋद्धिमान साहा और ईशांत का नाम शामिल हैं।

इन चारों में से अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा और ईशांत शर्मा अपनी-अपनी टीम के लिए रणजी ट्रॉफी के मुकाबले खेल रहे हैं। वहीं ऋद्धिमान साहा ने टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लिया है फिर भी उन्हें टीम में जगह क्यों नहीं दी गई। इस मामले पर खुद ऋद्धिमान साहा ने बड़ा खुलासा किया हैं।

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चयनकर्ताओं द्वारा बाहर किए जाने के बाद ऋद्धिमान साहा ने अपनी निराशा व्यक्त की हैं। उन्होंने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में बड़ा खुलासा किया हैं। उन्होंने मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ पर गंभीर आरोप (Wriddhiman saha serious allegations coach) लगाया हैं। उन्होंने कहा कि मुझे टीम से बाहर किए जाने की सूचना पहले ही दे दी गई थी और कोच राहुल द्रविड़ ने मुझे संन्यास लेने की सलाह दी थी।

उन्होंने कहा हां टीम प्रबंधन ने मुझसे कहा था कि अब मेरे नाम पर चर्चा नहीं की जाएगी। मैं यह तब तक नहीं बता सकता था जब तक मैं भारतीय टीम का हिस्सा था। यहां तक कि कोच राहुल द्रविड़ ने भी सुझाव दिया कि मुझे संन्यास लेने के बारे में विचार करना चाहिए। उन्होंने गांगुली के बारे में कहा जब मैंने पिछली साल नवंबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ कानपुर में खेले गए पहले टेस्ट मेें दर्द निवारक दवा लेते हुए नाबाद 61 रन बनाए थे तब दादा (सौरव गांगुली) ने मुझे व्हाट्सएप पर बधाई दी थी।

उन्होंने आगे कहा कि सौरव गांगुली ने यहं तक कहा कि जब तक मैं बीसीसीआई अध्यक्ष हूं तब तक तुम्हें किसी चीज की चिंता नहीं करनी चाहिए। उनके इस तरह के संदेश ने वास्तव में मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया। लेकिन मैं यह नहीं समझ सका कि सबकुछ इतनी तेजी से कैसे बदल गया। बता दें 2010 में भारत में पदार्पण करने वाले साहा पूर्व कप्तान धोनी के संन्यास लेने के बाद ही टीम के स्थायी सदस्य बने। जिसके बाद पंत के आने से उन्हें लगातार मौके नहीं मिले।

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