Worship of Shakti Peeth in neighboring countries: पड़ोसी देशों में भी होती है माताजी की पूजा, जानिए कहां और कितने
Worship of Shakti Peeth in neighboring countries: माताजी में कुल 52 शक्तिपीठ हैं, जिनमें से कुछ भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और अन्य पड़ोसी देशों में स्थित हैं पूजा होती है।
अहमदाबाद, 29 मार्च: Worship of Shakti Peeth in neighboring countries: इस महीने के चैत्र और नवरात्रि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। चैत्र मास की नवरात्रि 2 अप्रैल 2022 शनिवार से शुरू होकर 11 अप्रैल सोमवार को समाप्त होगी। इन नौ दिनों में माताजी के नौ रूपों की पूजा का बहुत महत्व है।
माताजी में कुल 52 शक्तिपीठ हैं, जिनमें से कुछ भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका और अन्य पड़ोसी देशों में स्थित हैं जहां पूजा होती है।
पड़ोसी देशों में रहने वाले हिंदू धर्म के लोग इस नवरात्रि में पूजा-पाठ करने के लिए वहां के शक्ति पीठ पर पहुंचते हैं। सभी शक्ति पीठों का अपना प्रमुख महत्व है पड़ोसी देशों में शक्ति पीठ….
- हिंगलाज शक्ति पीठ – पाकिस्तान
हिंगलाज माता शक्ति पीठ, जिसे हिंगलाज शक्ति पीठ के नाम से भी जाना जाता है, पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां माता सती का सिर गिरा था। मां के इस प्रसिद्ध शक्ति पीठ को ‘नानी का मंदिर’ या ‘नानी का हज’ के नाम से जाना जाता है। पाकिस्तान में हिंदुओं की इस शक्ति पीठ में बहुत आस्था है। - मनसा शक्तिपीठ – तिब्बत
मानसा माता शक्ति पीठ तिब्बत में मानसरोवर नदी के तट पर स्थित है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां माता सती की बायीं हथेली गिरी थी। - इंद्राक्षी शक्ति पीठ – श्रीलंका
इंद्राक्षी शक्ति पीठ श्रीलंका के जाफरा नल्लू इलाके में स्थित है। अहिया की माता सती का जंजार गिरा। - बांग्लादेश में 5 शक्ति पीठ
भारत की पूर्वी सीमा पर पड़ोसी बांग्लादेश में कुल 5 शक्ति पीठ हैं, जिनमें उग्रतारा शक्ति पीठ, अपर्णा शक्ति पीठ, श्रीशैल महालक्ष्मी, चट्टल भवानी और यशोरेश्वरी माता शक्ति पीठ शामिल हैं। उग्रतारा शक्ति पीठ बांग्लादेश में सुनंदा नदी के तट पर स्थित है। मान्यता है कि इसी स्थान पर माता सती की नाक गिरी थी। इस पीठ को सुगंध शक्ति पीठ के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां सती देवी सुगंधा के रूप में शिव त्र्यंबक के साथ निवास करती हैं।
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