Yuva Sangam 3

Yuva Sangam 3: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में दक्षिण भारत के युवाओं का दल पहुंचा

Yuva Sangam 3: बीएचयू के आतिथ्य और सत्कार से अभिभूत अतिथियों ने साझा किये अपने अनुभव

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 29 नवंबर: Yuva Sangam 3: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम के अंतर्गत काशी में हो रहे युवा संगम 3 में शिरकत करने हेतु तेलंगाना के विद्यार्थियों का दल काशी पहुंचा। काशी पंहुचे युवाओं के सम्मान में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में स्वागत समारोह का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में अपने संबोधन में कुलसचिव प्रो़ अरूण कुमार सिंह ने कहा कि, भारत भौतिक आधार पर नहीं जुड़ा है। यह संवेदनाओं और भावनाओं के आधार पर हमें जोड़ता है। उन्होंने बताया कि भारत की विविधता में एकता यहाँ की विशिष्टता है। विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. अनिल कुमार त्रिपाठी ने बताया कि हैदराबाद बीएचयू की स्थापना से जुड़ा है। उन्होंने विश्वविद्यालय की स्थापना के संबंध में हैदराबाद के निजाम के योगदान की चर्चा की।

छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा ने मेहमानों को अध्ययन व अनुसंधान में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के वैशिष्टय से अवगत कराया और कहा कि बीएचयू सही मायने में सर्व विद्या की राजधानी है। युवा संगम 3 के लिए बीएचयू के नोडल अधिकारी डॉ नंद लाल तथा समन्वय समिति के सदस्य प्रो. चलपति राव ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

अंतरराष्ट्रीय छात्रावास पर आयोजित इस स्वागत समारोह में तेलंगाना से आए अतिथियों ने अपने अनुभव भी साझा किये। परास्नातक की छात्रा इन्द्रला माहेश्वरी ने कहा कि उनका सपना था कि आईआईटी की पढ़ाई करने काशी हिन्दू विश्विद्यालय आएँ, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

प्रधानमंत्री के एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन के तहत काशी आकर यहाँ की संस्कृति को जानने और आईआईटी बीएचयू में जाने का अवसर मिला, जो अत्यंत सुखद व विशेष है। अनन्या कोदन्ति ने कहा कि यह उनके लिए जीवन भर न भुलाया जा सकने वाला अनुभव है। मुदिगुन्दा श्रीविद्या ने कहा वे पहली बार काशी आई हैं और इसके लिए वे स्वयं को भाग्यशाली मानती हैं।

हैदराबाद से आई शिक्षिका डॉ एम वी एल सूर्य कुमारी ने कहा कि वे काशी के आतिथ्य और सत्कार से अभिभूत हुए हैं। शिक्षिका बागेश्वरी रत्काल ने कहा कि हम प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करते हैं, जिनके दृष्टिकोण व मार्गदर्शन से उत्तर और दक्षिण भारत के सांस्कृतिक आदान-प्रदान को और आगे ले जाने का अवसर मिला है। इस दौरान मेहमानों संग डॉ बाला लखेन्द्र, रंजीत शाण्डिल्य, समन्वय समिति के सदस्य व शोध छात्र नील दुबे, रंजीत राय, अन्नू उपाध्याय आदि मौजूद रहे।

आईआईटी बीएचयू में देखी तकनीक की प्रयोगशाला

सीआरपीएफ वाराणसी के नीतीन्द्र नाथ द्वितीय कमान अधिकारी की अगुवाई में सुरक्षा व्यवस्था के बीच स्वागत समारोह के पश्चात टीम आईआईटी बीएचयू भ्रमण के लिए रवाना हुई। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल के सदस्य काफी उत्साहित व प्रसन्न दिखे और उन्होंने भारत माता की जय का उद्घोष किया।

इस दौरान प्रोफेसर मनीष ने प्रिसिजन इंजीनियरिंग हब आईआईटी में प्रतिनिधियों और छात्रों का स्वागत किया। प्रोफेसर पवन सिंह अतिथियों को विविध जानकारी दी। कार्तिक ने समन्वयन किया और विद्यार्थियों को मेटल 3डी प्रिंटर के बारे में बताया।

भारत कला भवन का भी किया भ्रमण

युवा दल ने बीएचयू स्थित भारत कला भवन संग्रहालय का भी भ्रमण किया। यहाँ भारत कला भवन की निदेशक डॉ जसमिंदर कौर ने इतिहास और उद्देश्य के बारे में बताया। दल को साहित्य, कला और संस्कृति से जुड़ी पुरातन व बहुमूल्य विरासत की वस्तुओं देखने व उनके बारे में जानने का अवसर मिला।

इससे पूर्व विद्यार्थियों और शिक्षकों की टीम का पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पहुंचने पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की टीम द्वारा भव्य स्वागत किया गया।

युवा दल ने रामनगर किले के इतिहास को जाना:

दूसरे दिन के भोजन अवकाश के बाद छात्रों ने प्रसिद्ध रामनगर किले का दौरा किया। जहां पुरातत्व विभाग के एएसआई अधिकारी श्री सुभाष ने किले की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा “रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क का प्रवेश द्वार है, जो सबसे पुराना राष्ट्रीय हिस्सा है और काशी का प्रसिद्ध गंतव्य और समृद्ध विरासत।”

छात्रों ने बुनकरों के कार्यों का अवलोकन किया:

छात्रों ने बुनकरशाला का दौरा किया और श्रमिकों के साथ बातचीत की और हथकरघा बनारसी साड़ियों, विशेष तौर पर हस्तनिर्मित कढ़ाई के निर्माण को देखा। छात्र इस प्रक्रिया से उभरे पैटर्न और डिज़ाइन के बारे में उत्सुक दिखे। कारखाने के दौरे के बाद छात्रों और प्रतिनिधियों को तैयार उत्पाद भी दिखाए गए।

छात्रों ने किया सेंट्रल डिस्कवरी सेंटर का दौरा

छात्रों ने बीएचयू के सेंट्रल डिस्कवरी सेंटर का दौरा किया, जहां उनका स्वागत प्रोफेसर एन.वी. चलपती राव ने किया, कार्यक्रम के समन्वयक ने कंप्यूटर सेंटर के बारे में छात्रों को संबोधित किया।

यह उच्च गुणवत्ता वाले परिष्कृत उपकरण हैं जो SATHI योजना के तहत हासिल किए गए हैं- जिनका उद्देश्य परिष्कृत विश्लेषणात्मक और तकनीकी संस्थानों की मदद कर छात्रों में नई तकनीकों से लैस होने की विशेष क्षमता विकसित करना है।

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