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World Breastfeeding Week: विश्व स्तनपान सप्ताह के तहत संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन

World Breastfeeding Week: नवजात को पहले घंटे के अंदर व छह माह तक सिर्फ स्तनपान जरूरी

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 06 अगस्तः World Breastfeeding Week: नवजात को पहले घंटे के अंदर व छह माह तक सिर्फ स्तनपान के प्रति जागरूकता को लेकर विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वीबी सिंह की अध्यक्षता में संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान सीएमओ डॉ वीबी सिंह ने कहा कि भारत सरकार द्वारा वर्ष 2016 में छह माह तक सिर्फ स्तनपान व छह माह के बाद स्तनपान के साथ ऊपरी आहार को बढ़ावा देने के लिए “माँ” कार्यक्रम की शुरुआत की गयी थी।

World Breastfeeding Week: माँ का अभिप्राय “माँ का असीम आशीर्वाद” अथवा “मदर्स अब्सोल्यूट अफेक्शन” है। उन्होने कहा कि “स्तनपान विकल्प नहीं, संकल्प है” के नारे को लेकर क्षेत्र की सभी आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर समुदाय में जागरूक करने के लिए प्रेरित किया जाए, जिससे गर्भावस्था के दौरान ही महिलाओं को स्तनपान की अहम भूमिका के बारे में पता चल सके।

Feeding The Beast

World Breastfeeding Week: इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (आरसीएच) व बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.एके.मौर्य. ने नवजात और माँ को लेकर स्तनपान के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्तनपान का महत्व कोविड संक्रमण के दौरान अधिक हो जाता है, क्योंकि स्तनपान रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्यूएचओ) व यूनिसेफ के माध्यम से जारी किए गए दिशा-निर्देश इस बात पर बल देते हैं कि सभी धात्री महिलाओं को, यहाँ तक कि कोविड से ग्रसित महिलाओं को भी शिशु को स्तनपान कराना चाहिए।

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अभी तक किसी भी शोध से यह साबित नहीं हुआ कि वायरस माँ के दूध से शिशु में पहुँच सकता है। लेकिन माँ को सावधानी बरतने की जरूरत है जैसे कि दूध पिलाने से पहले स्तनों को और स्वयं के हाथ साबुन से कम से कम 40 सेकेंड तक साफ करना तथा चेहरे, नाक व मुंह पर मास्क लगाना।

डॉ मौर्य ने बताया कि इस बार विश्व स्तनपान सप्ताह की थीम “स्तनपान सुरक्षा की ज़िम्मेदारी, साझा ज़िम्मेदारी” रखी गयी है। नवजात को पहले घंटे के अंदर व छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराने से शिशु मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है। धात्री महिलाएं 24 घंटे में कम से कम 10 से 12 बार स्तनपान कराएं। रात में कम से काम चार बार स्तनपान कराएं। एक बार में कम से 15 से 20 मिनट तक स्तनपान कराये, लेकिन उसको स्तनपान तब तक कराएं, जब तक बच्चे का पेट न भर जाए।

इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी हरिवंश यादव, नगरीय व ग्रामीण सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के प्रभारी चिकित्साधिकारी, डीसीपीएम रमेश कुमार वर्मा, नगरीय स्वास्थ्य समन्वयक आशीष सिंह, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ), यूनिसेफ से डॉ शाहिद, ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (बीसीपीएम) एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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