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VDA vice president planted harishankari tree: वाराणसी विकास प्राधिकरण परिसर में उपाध्यक्ष ने किया हरीशंकरी वृक्ष का रोपण

VDA vice president planted harishankari tree: उपाध्यक्ष ईशा दूहन ने परिसर में स्थापित नक्षत्र वाटिका में औषधि और पर्यावरण की दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हरिशंकरी पौधे का रोपण किया

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 22 जुलाई: VDA vice president planted harishankari tree: वाराणसी विकास प्राधिकरण परिसर में वृक्षारोपण अभियान के तहत हरिशंकरी पौधे का रोपण किया गया। उपाध्यक्ष ईशा दूहन ने परिसर में स्थापित नक्षत्र वाटिका में, औषधि और पर्यावरण की दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण हरिशंकरी पौधे (पीपल, बरगद और पाकड़) का रोपण किया।

उत्तर प्रदेश शासन द्वारा इस वर्ष वृक्षारोपण जनांदोलन-2022 के अंतर्गत प्रदेश में 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य, आम जनमानस की सहभागिता से पूर्ण करने का संकल्प लिया गया है। वृक्षारोपण जनांदोलन-2022 के अंतर्गत वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा “हरी भरी काशी “ जनसहभागिता अभियान का शुभारंभ 1 जुलाई को किया गया। उपाध्यक्ष के नेतृत्व में प्रारंभ किये गये इस अभियान में समस्त उच्चाधिकारियों ने वृक्ष रोपित कर अभियान को पूरा करने का संकल्प लिया। यह अभियान 31 जुलाई तक माहपर्यंत गतिमान रहेगा।

वृक्षारोपण जनांदोलन-2022 के अंतर्गत वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा “हरी भरी काशी “ जनसहभागिता अभियान के अंतर्गत वृक्षारोपण माह के अंतर्गत, आज उपाध्यक्ष वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा प्राधिकरण प्रांगण स्थित ओएचटी पार्क में स्थापित नक्षत्र वाटिका में अन्य अधिकारियों के साथ हरिशंकरी वृक्ष का रोपण किया गया। मालूम हो कि हरिशंकरी, तीन दिव्य पौधों पीपल, बरगद और पाकड़ के शंकर पौधे को कहा जाता है।

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हरिशंकरी के तीनों पौधों अर्थात पीपल, बरगद और पाकड़ को एक ही स्थान पर इस तरह रोपते हैं कि तीनों वृक्षों का संयुक्त छत्र विकसित हों, इससे तीनों वृक्षों के तने विकसित होने पर एक तने के रूप में नजर आते हैं। हरिशंकरी की छाया में दिव्य औषधीय गुण व पवित्र आध्यात्मिक प्रवाह होता है। इसके नीचे बैठने वाले को पवित्रता, आरोग्य और ऊर्जा मिलती है।

हरिशंकरी का अर्थ होता है भगवान विष्णु और शंकर की छायावली। मत्स्य पुराण में भी हरिशंकरी से जुड़ी कथा का उल्लेख है कि माता पार्वती के श्राप से भगवान विष्णु पीपल, भगवान शिव बरगद और ब्रह्मा पलाश वृक्ष बन गये थे, इसीलिए पीपल, बरगद व पाकड़ के सम्मिलित रोपण को ‘हरिशंकरी’ कहते हैं।

पौराणिक मान्यता के अनुसार पाकड़ वनस्पति जगत का नायक है जिसकी वैदिक अनुष्ठान व हवन आदि में ख़ास अहमियत होती है। प्राधिकरण अधिकारियों एवं कार्मिकों द्वारा वृक्ष रोपित कर उनकी जिवित्तता सुनिश्चित करते हुये अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी का निर्वहन करने हेतु संकल्पित कराया गया।

इस अवसर पर वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा माह पर्यंत शासन द्वारा प्रदत्त लक्ष्यों की पूर्ति हेतु दैनिक रूप से पौधे रोपित किए जा रहे है, जिनमें मुख्यतः सागवान, शीशम, कंजी, प्रासोपिस, गोल्डमोहर, पेल्टाफोरम, हर सिंगार, गुड़हल, अशोक, चाँदनी, कनेर इत्यादि पौधों का रोपण किया जा है। आज प्राधिकरण में विभिन्न प्रयोजनों से आने वाले आम जनमानस को जीवदायी वृक्ष उपहार स्वरूप भेंट करते हुये वृक्ष को रोपित कर, उनकी जिवित्तता सुनिश्चित करते हुये, अपनी सामाजिक ज़िम्मेदारी का निर्वहन करने हेतु संकल्पित भी कराया गया।

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