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Vasant college for women workshop concludes: वसंता कॉलेज फॉर वीमेन में चल रहे वर्कशॉप का समापन

Vasant college for women workshop concludes: राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अंजली शर्मा का समापन व्याख्यान

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 05 फरवरी: Vasant college for women workshop concludes: वसंत महिला महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ और छात्र अनुसंधान विकास के तत्वावधान में गुणात्मक अनुसंधान विषयक साप्ताहिक कार्यशाला (Vasant college for women workshop concludes) संपन्न हो गयी। कार्यशाला के अंतिम दिन राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अंजली शर्मा ने सारगर्भित व्याख्यान दिया।

कार्यशाला (Vasant college for women workshop concludes) के प्रारम्भ में एम. एड. प्रथम वर्ष की छात्रा समृद्धि ने सुमधुर आवाज़ में मंगलाचरण प्रस्तुत किया। तत्पश्चात एम.एड.प्रथम वर्ष की छात्रा शालिनी और एम.ए. द्वितीय वर्ष की छात्रा प्रियंका ने क्रमशः हिंदी व अंग्रेजी में पंचम दिवस के अनुसंधान कार्यक्रम का अनुभव व रिपोर्ट संक्षिप्त रूप से प्रस्तुत किया।

कार्यशाला की संचालिका डॉ रचना पांडे (छात्र अनुसंधान विकास की सदस्य) ने आज के विषय से अवगत कराते हुए मुख्य वक्ता डॉ अंजलि शर्मा (एसोसिएट प्रोफेसर, राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय) का विस्तृत परिचय दिया. डॉ अंजली शर्मा ने गुणात्मक अनुसंधान में आंकड़ों के विश्लेषण के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया। उन्होंने सर्वप्रथम गुणात्मक अनुसंधान का संक्षिप्त परिचय देते हुए गुणात्मक अनुसंधान में आंकड़ों के विश्लेषण के विभिन्न तरीकों को बताया. जैसे कंटेंट एनालिसिस,नरेटीव एनालिसिस, डिसकोर्स एनालिसिस, फ्रेमवर्क एनालिसिस, ग्राउंडेड थ्योरी।

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प्रोफेसर शर्मा ने आगे कहा कि डाटा विश्लेषण के विभिन्न तरीकों के बाद डेटा विश्लेषण के चरणों पर विस्तार से प्रकाश डाला। पहला चरण कोड विकसित करना और लागू करना, दूसरा चरण विषयों और पैटर्न की पहचान करना, तीसरा चरण आंकड़ों का सारांश निकालना। इसके पश्चात उन्होंने थीमैटिक विश्लेषण के बारे में बताया और उसके विभिन्न चरणों को भी उदाहरण देते हुए विस्तारपूर्वक समझाया। आपने आगमन और निगमन विधि से भी अवगत कराया।

कार्यशाला की संचालिका डॉ रचना पांडेय ने कार्यशाला से जुड़े विभिन्न प्रतिभागियों उनके अनुभवों से सभी को अवगत करवाया. मुख्य रूप से तेज बहादुर, बिभुलीना मिश्रा और प्रवीन ने अपने अनुभवों को साझा किया। अंत में प्रोफेसर मीनाक्षी बिस्वाल ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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