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उत्तर बिहार की कम वोल्टेज की समस्या का हो सकेगा समाधान: आर. के. सिंह

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पावरग्रिड ने वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2020 तक, लगभग 2870 सर्किट किमी एवं 7,470 एमवीए की परिवर्तन क्षमता की अंतर-क्षेत्रीय पारेषण सिस्ट्म को जोड़ा: श्री आर. के. सिंह

केन्‍द्रीय विद्युत राज्‍य मंत्री द्वारा पावरग्रिड सहरसा उप-केन्‍द्र में 400 के.वी. डी/सी किशनगंज – दरभंगा लाईन के लीलो का शिलान्यास

परियोजना के पूरा होने के उपरांत, सहरसा जिले के साथ-साथ सुपौल, खगडिया और बेगुसराय जिलो के  विद्युत परिदृश्य मे भी होगा सुधार

उत्तर बिहार की कम वोल्टेज की समस्या  का हो सकेगा  समाधान

13 SEP 2020 by PIB Delhi

आज माननीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) (विद्युत एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा) और  राज्य मंत्री (कौशल विकास और उद्यमशीलता),भारत सरकार श्री आर. के. सिंह द्वारा पावरग्रिड के 400/220/132 के.वी. सहरसा उप-केंद्र  में 400 के.वी. डबल सर्किट किशनगंज – दरभंगा पारेषण लाईन के लीलो निर्माण परियोजना का शिलान्यास वर्चुअल माध्यम से किया गया। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि  श्री बिजेन्‍द्र प्रसाद यादव, माननीय उर्जा, मद्य निषेध एवं निबंधन मंत्री, बिहार सरकार तथा गरिमामयी उपस्थिति के रूप में श्री दिनेश चंद्र यादव, माननीय सांसद, मधेपुरा ऑन-लाईन जुड़े हुए थे। इस शिलान्यास कार्यक्रम  के अवसर पर पावरग्रिड  के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री के. श्रीकांत ने सभी गण-मान्य अतिथियों का स्वागत किया।

इस अवसर पर पावरग्रिड के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए श्री आर. के. सिंह ने कहा, “पावरग्रिड, जो अब एक महारत्न सीपीएसई है, ने देश के हर प्रांत एवं क्षेत्र को राष्ट्रीय ग्रिड से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । खासकर बिहार में, ऊर्जा मंत्रालय के तत्वावधान में, पावरग्रिड ने वर्ष 2014-15 से लेकर वर्ष 2020 तक, लगभग 2870 सर्किट किमी एवं 7,470 एमवीए की परिवर्तन क्षमता की अंतर-क्षेत्रीय पारेषण सिस्ट्म को जोड़ा है। अंतर-क्षेत्रीय पारेषण सिस्टम बिहार को देश के अन्य राज्यों से सस्ती और विश्वसनीय बिजली प्राप्त करने में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि बिजली की आपूर्ति की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने उत्तर बिहार के पावर परिदृश्य का अध्ययन किया और दरभंगा के साथ सहरसा 400 केवी उप-केंद्र के लिए अतिरिक्त कनेक्टिविटी प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। सहरसा उप-केंद्र पर किशनगंज-दरभंगा 400 kV डबल सर्किट लाइन के लूप-इन-लूप-आउट सेक्शन के निर्माण से इसे प्राप्त करने की योजना है। इसके साथ सहरसा और इसके आस-पास के इलाके जैसे सुपौल, खगड़िया और बेगूसराय को नेशनल ग्रिड से लगातार बिजली की आपूर्ति हो सकेगी।

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पावरग्रिड द्वारा 400/220/132 के.वी. उप-केंद्र की स्थापना सहरसा में की जा रही है। इस उप-केंद्र को 400 के.वी. लीलो किशनगंज – पटना लाईन के माध्यम से पटना और किशनगंज से जोड़ा जाएगा। बाढ़ बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण सहरसा में एक अतिरिक्त विद्युत स्‍त्रोत की आवश्यकता को देखते हुए 400 के.वी. दरभंगा-किशनगंज निर्माणाधीन लाईन के लीलो का सहरसा उप-केंद्र में का प्रावधान किया गया है। लगभग 100 करोड़ की लागत से बनने वाले इस प्रोजेक्ट से सहरसा,  सुपौल, खगड़िया एवं बेगुसराय जिलों की विद्युत स्थिति में काफी सुधार होगा। इस परियोजना से उत्तरी बिहार में लो  वोल्टेज की समस्या का समाधान हो सकेगा। यह परियोजना उत्तर बिहार के लिए एक वरदान साबित होगी  और  इस  क्षेत्र के विकास में सहायक सिद्ध होगी।  

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पावरग्रिड, विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक ‘महारत्न’ सार्वजनिक उद्यम है जो अत्याधुनिक रखरखाव तकनीकों, स्वचालन एवं डिजिटलीकरण के उपयोग से अपने विशाल नेटवर्क की उपलब्‍धता 99% से ऊपर बनाए रखता है। अगस्त, 2020 की समाप्ति पर  पावरग्रिड और उसकी सहायक कंपनियों की कुल पारेषण परिसंपत्तियों में 1,64,511 सर्किट किमी की पारेषण लाइनें, 249 सब-स्टेशन और 4,14,774 एमवीए से अधिक की ट्रांसफार्मेशन क्षमता सम्मिलित है।