Sikkim Governor visit to Kashi: सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य का काशी में अभूतपूर्व स्वागत

Sikkim Governor visit to Kashi: भाजपा के जमीनी, ईमानदार और कमजोर तबके से ताल्लुक रखने वाले कार्यकर्ता को महामहिम के पद पर सुशोभित करके, पार्टी आलाकमान और प्रधानमंत्री ने सोशल इंजीनियरिंग का दिया बड़ा संदेश

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 29 मार्च: Sikkim Governor visit to Kashi: सिक्किम के नव नियुक्त राज्यपाल महामहिम लक्ष्मण आचार्य का अपने गृह जनपद रामनगर वाराणसी में ऐतिहासिक स्वागत हुआ। महामहिम राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य पदभार ग्रहण करने के पश्चात पहली बार, अपने मित्रों, सगे संबंधियों और सामाजिक राजनैतिक कार्यकर्ताओं के द्वारा अभूतपूर्व स्वागत से भाव विह्वल हो गये।

प्रथम वाराणसी आगमन पर जनता और जनप्रतिनिधियों ने महामहिम का रास्ते भर सैकड़ों स्वागत द्वार, होर्डिंग एवं जगह-जगह ढ़ोल नगारे के साथ अभूतपूर्व स्वागत और अभिनंदन किया। जनतंत्र में राजनेताओं का अभिनंदन बेमिसाल जलसे का शक्ल प्रायः ले लेता है. परंतु किसी संवैधानिक पद पर बैठे हुए व्यक्ति का इतना अभूतपूर्व अभिनंदन शायद पहली बार हुआ है।

स्वागत में दलीय सीमाएं टूट गई। आचार्य के स्वागत हेतु सम्पूर्ण नगर उमड़ पड़ा। काशी में किसी राज्यपाल का ऎसा अविस्मरणीय और शानदार स्वागत पहले कभी नहीं देखा गया।

आचार्य के पहले नब्बे के दशक में, पी वी नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्रीत्व काल के दौरान, काशी के देवेंद्र द्विवेदी को अरुणाचल प्रदेश का राज्यपाल मनोनीत किया गया था। परन्तु वे शपथ ग्रहण नहीं कर सके। एक लम्बे अंतराल के बाद, वाराणसी से एक समर्पित राजनैतिक समाजसेवी का महामहिम जैसे शिखर पर पहुँचने से, आम काशीवासियों का हर्षित होना स्वाभाविक ही है।

वैसे तो अपने मिलनसार स्वाभाव और समर्पण के कारण आचार्य, भाजपा और गैर भाजपा दलों, दोनों में सामान रूप से प्रशंशित रहे हैँ, परन्तु महामहिम लक्ष्मण आचार्य का सिक्किम राज्य का राज्यपाल बनाये जाने से, अगड़ों के साथ ही उत्तर प्रदेश के अत्यंत कमजोर तबको के लोगों में जबरदस्त उत्साह और विश्वास का माहौल स्पष्ट दिखा। इसी कारण सामाजिक समीकरण को साधने में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी पार्टियों पर बहुत भारी पड़ते हैँ।

महामहिम लक्ष्मण आचार्य के लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पहुंचने पर पार्टी कार्यकर्ताओ के भारी भीड़ ने उन्हें मालाओं से लाद दिया। बाबतपुर स्थित एयरपोर्ट से लेकर रामनगर स्थित उनके आवास तक सैकड़ों तोरण द्वार बनाये गये थे। संपूर्ण रास्ते भर जगह-जगह उनके ऊपर गुलाब के फूलों और पंखुड़ियों की वर्षा की गई। विभिन्न चौराहों पर स्थापित महापुरुषों बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर, स्वामी विवेकानंद, सरदार बल्लभ भाई पटेल, महामना मदन मोहन मालवीय और लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया।

रामनगर स्थित अपने आवास पहुंचने पर सुंदरकांड का पाठ, शहनाई और तबला वादन से महामहिम का भक्तिमय, भावपूर्ण, भव्य और दिव्य स्वागत हुआ। शहनाई वादक ने अत्यंत भावुक होकर कहा कि, आज में शहनाई वादन नहीं कर रहा हूं, बल्कि महामहिम के स्वागत में अपना दिल पेश कर रहा हूं। यह सुनकर महामहिम अत्यंत भावुक हो उठे।

अपने आवास पर कार्यकर्ताओं और शुभचिंतको की भारी समूह के द्वारा की गई स्वागत से अभिभूत आचार्य ने सभी के प्रति ह्रदय से आभार व्यक्त किया। जन समुदाय को संबोधित करते हुए महामहिम ने कहा कि, एयरपोर्ट से अपने आवास की 45 मिनट की दूरी को तय करने में 4 घंटे लग गये।

12:00 बजे चला हूं, घर पर 4:00 बजे पहुंचा हूं। रास्ते भर आपके प्यार और स्वागत ने मुझे अभिभूत कर दिया है। इस अवसर पर रामनगर वाराणसी के सभी प्रमुख भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ विभिन्न राजनैतिक एवं सामाजिक संगठनों के प्रमुख लोग उपस्थित थे।

क्या आपने यह पढ़ा…. CR ticket checking income: मध्य रेल द्वारा टिकट चेकिंग में शानदार प्रदर्शन से नया कीर्तिमान, यहां देखें आंकड़े

Hindi banner 02