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गुजरात: ब्रेन डेड के अंग दान (Organ donation) से 4 लोगों को नया जीवन मिला, पढ़े पूरी खबर…

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सिविल हॉस्पीटल के अधीक्षक डॉक्टर जे.वी.मोदी ने कहा कि सोटो के अंतर्गत 40 दिन के अल्पकाल में ही चार अंगदान Organ donation संभव हुआ है।

अहमदाबाद, 03 फरवरी: शहर के नरोड़ा क्षेत्र निवासी 42 वर्षीय धर्मेशभाई ब्रेनस्ट्रॉक के कारण ब्रेन डेड हो गये थे। उसके बाद उनके परिजनों ने अंगदान Organ donation का निर्णय किया। उनके इस अंगदान से चार लोगों को जीवनदान मिला है। उनकी दो किडनी, एक लिवर और दो आँखों का प्रत्यारोपण किया गया है।

निजी अस्पताल से सिविल हॉस्पीटल के रिट्राइबल सेंटर में अंगदान Organ donation कर प्रत्यारोपण की यह पहली घटना है। 42 वर्षीय धर्मेशभाई को ब्रेनस्टॉक के कारण निजी अस्पताल में दाखिल किया गया था। जहाँ पाँच दिनों की चिकित्सा के बाद उन्हें ब्रेन डेड घोषित किया गया था। धर्मेशभाई को ब्रेन डेड घोषित करने पर उनके परिजनों ने अंगदान का निर्णय किया।

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26 जनवरी गणतंत्र दिवस के अवसर पर अहमदाबाद सिविल हॉस्पीटल में कार्यरत सोटो (स्टेट ऑर्गन टिशू एन्ड ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन) की टीम एम्बुलेंस के साथ नरोड़ा की निजी अस्पताल में पहुँच गयी थी। उसके बाद धर्मेशभाई को सिविल हॉस्पीटल के ट्रोमा सेंटर में कार्यरत रिट्राइबल सेंटर में लाया गया था। जहां जांच के बाद मालूम पड़ा कि धर्मेशभाई की दो किडनी, एक लिवर और दोनों आँखों का दान किया जा सकता है। इसके बाद प्रत्यारोपण की प्रक्रिया शुरू की गई।

धर्मेशभाई पटेल के परिजनों ने बताया कि जब धर्मेशभाई की चिकित्सा चल रही थी। वे अत्यंत गंभीर अवस्था में थे। तभी हम लोगों को लगा था कि जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे धर्मेशभाई का जीना मुश्किल है। उसी समय परिजनों ने उनके अंगदान का निर्णय किया। उनके परिजनों का कहना है कि जीवन वरदान है।

भारतीय संस्कृति में अन्य लोगों को मदद करना या जरूरतमंद लोगों को जीवनदान देने से ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है।परिजनों ने हिम्मत पूर्वक समाज उपयोगी बनने के लिए अंगदान का पवित्र निर्णय किया है। उन्होंने इसके द्वारा समाज को संदेश दिया है कि किसी का जीवन बचाने के लिए सहयोग देना चाहिए।सिविल हॉस्पीटल के अधीक्षक डॉक्टर जे.वी.मोदी ने कहा कि सोटो के अंतर्गत 40 दिन के अल्पकाल में ही चार अंगदान संभव हुआ है।

इससे 10 से 15 व्यक्तियों की कार्यदक्षता में सुधार आया है। धर्मेशभाई पटेल के परिजनों ने अंगदान का प्रेरणादायी निर्णय कर राज्य के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है। सिविल हॉस्पीटल में पूरी टीम हिम्मत के साथ ब्रेन डेड मरीज के परिजनों का काउंसलिंग कर महायज्ञ के लिए प्रेरित किया। यह बहुत कम समय की बहुत बड़ी सफलता है।

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