Medicine to prevent filariasis: मऊ जिले में अब तक 3.61 लाख लोगों को खिलाई फाइलेरिया से बचाव की दवा

Medicine to prevent filariasis: अबतक 3,61,479 लोगों को दोनों दवाइयों की खुराक दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि 21.60 लाख लोगो को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है

रिपोर्ट: पवन सिंह
मऊ, 30 नवंबर:
Medicine to prevent filariasis: फाइलेरिया उन्मूलन के लिए चल रहे मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान के तहत लोगों को घर-घर जाकर फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जा रही है। जिले में अब तक 3,61,479 लोगों को फाइलेरिया से बचाव की दवा खिलाई जा चुकी है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ श्याम नरायन दुबे ने बताया कि पेट में कीड़े होने की कई वजह होती हैं पर मुख्य रूप से यह दूषित खान-पान की वजह से होता है। गंदे हाथों से भोजन करना, खुले में रखे हुए भोजन को खाना, अधिक मीठा खाना, दिन भर सिर्फ आराम करना और परिश्रम न करने से पेट में कीड़े या कृमि हो जाते हैं। कृमि लंबे, आवरणहीन और बिना हड्डी वाले होते हैं। कृमि परजीवी वह कीटाणु हैं जो शरीर में प्रवेश करके बाहर या भीतर (ऊतकों या इंद्रियों से) जुड़ जाते हैं और सारे पोषक तत्व को चूस लेते है।

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इनके बच्चे अंडे या कृमि के रूप में बढ़ते हुए त्वचा, मांसपेशियां, फेफड़ा या आंत (आंत या पाचन मार्ग) के उस ऊतक (टिशू) में कृमि के रूप बढ़ते जाते हैं। कृमि व्यक्ति को कमजोर और उसके अंदर मौजूद रोग से लड़ने की क्षमता को खत्म कर देता जिससे व्यक्ति आसानी से किसी भी रोग का शिकार हो जाता है।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डॉ आरवी सिंह ने बताया कि पेट से कृमियों को निकालने के लिए दवा दी जा रही है। फाइलेरिया के संक्रमण से बचाने के लिये भी दवा नियमानुसार (Medicine to prevent filariasis) खिलाई जा रही है। जिले में अबतक 3,61,479 लोगों को दोनों दवाइयों की खुराक दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि 21.60 लाख लोगो को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

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जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि फाइलेरिया और कृमिनाशक दवा पूरे जनपद के व्यक्तियों को आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा अपने सामने ही खिलाई जा रही है। इन दोनों दवाओं को दो वर्ष से कम आयु के बच्चों , गर्भवती और गंभीर रोग से ग्रसित लोगों को नहीं खिलानी है। दवा का सेवन खाली पेट नहीं कराया जाना है। यह टीमें घर-घर भ्रमण कर लक्षित जनसंख्या को अपने सामने मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) के तहत दवा का सेवन करा रही हैं।

उन्होंने बताया कि अगर कोई किसी कारण से दवा खाने से छूट जा रहा है, वह स्वयं भी आशा के घर जाकर इस दवा को खा सकता हैं।फाइलेरिया से बचने के लिये सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें, आस-पास साफ-सफाई रखें तथा अभियान के दौरान फ़ाइलेरिया से बचाव की दवा अवश्य खाएं।

परदहा ब्लाक के इमलिया के श्याम बिहारी भारती ने बताया कि उन्होंने पहली बार दवा खाई है उनके गाव की आशा कार्यकर्ता ने दोनों दवाओं को खिलाया है । इससे उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई | दीना नाथ ने बताया कि वह तो आशा के घर पर जाकर उनके सामने दोनों दवाईयों को खाया है।

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