Varanasi 1

Language teaching workshop: वाराणसी में सप्तदिवसीय भाषा शिक्षण कार्यशाला का तृतीय दिवस

  • भाषा ज्ञान के बिना शिक्षा है अधूरी… प्रोफेसर सौरभ

Language teaching workshop: वसंत महिला महाविद्यालय में आयोजित कार्यशाला में भोपाल के प्रोफेसर अरुणाभ सौरभ का सारगर्भित व्याख्यान

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 14 अप्रैलः Language teaching workshop: वसंत महिला महाविद्यालय के शिक्षा विभाग की ओर से सप्तदिवसीय भाषा शिक्षण पर राष्ट्रीय कार्यशाला (Language teaching workshop) के तीसरे दिन के मुख्य अतिथि भोपाल स्थित एनसीईआरटी के प्रोफेसर अरुणाभ सौरभ थे। अपने सारगर्भित व्याख्यान में प्रोफेसर सौरभ ने कहा कि भाषा ज्ञान के बिना कोई भी शिक्षा अधूरी है।

भाषा शिक्षण के लिए आवश्यक विधि विषयक कार्यशाला (Language teaching workshop) का संचालन डॉ.आशा पांडेय ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ सीता तिवारी के रुद्राष्टकम से हुआ। शिक्षा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.सुजाता साहा ने मुख्य अतिथि डॉ.अरुनाभ सौरभ का स्वागत किया। डॉ.सुजाता साहा ने मुख्य अतिथि का परिचय देते हुए कहा कि, डॉ.अरूनाभ सौरभ क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान एनसीईआरटी भोपाल में प्रोफेसर हैं तथा उन्होंने कन्नड़, मैथिली, असमिया के हिंदी अनुवाद का भी कार्य किया है। इन्हें “महेश अंजुम हिंदी कविता सम्मान” से भी पुरस्कृत किया गया।

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मुख्य अतिथि प्रोफेसर अरुनाभ ने अपने व्याख्यान में भाषा अध्याय को अत्यंत महत्वपूर्ण बताया और कहा कि, भाषा का क्षेत्र बहुत अधिक व्यापक है। बिना भाषा किसी भी विषय की शिक्षा असंभव है। इन्होंने शब्दकल्पद्रुम नामक पुस्तक के तृतीय खंड के श्लोक “भाष्यते शास्त्र व्यवहाव्यवहारदिना प्रायुज्यते इती”का उल्लेख किया। इन्होंने पाणिनी की अष्टाध्यायी तथा ऋग्वेद के 49 वें मंत्र का उल्लेख किया।

Language teaching workshop: उन्होंने भाषाविज्ञान की भी बात की। इन्होंने भाषा विद्वान चोमस्की की भाषा की परिभाषा का भी उल्लेख किया। महाविद्यालय की छात्राओं ने आज के विषय पर सुन्दर प्रस्तुति के द्वारा सबका मन मोह लिया. कार्यक्रम का समापन प्रतिभागियों के प्रश्नोत्तर से हुआ। अंत में धन्यवाद ज्ञापन डॉ.सुजाता साहा ने किया।

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