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Cyclone Successful Operation: गुजरात में चक्रवात ‘बिपरजॉय’ से होने वाले गंभीर नुकसान को सफलतापूर्वक रोका गया

  • 1 लाख से अधिक नागरिकों के स्थानांतरण के अभूतपूर्व अभियान के चलते संभव हुई ‘जीरो कैजुअल्टी’
  • मुख्यमंत्री ने चक्रवात ‘बिपरजॉय’ का दृढ़ता से मुकाबला करने के लिए अथक परिश्रम करने वाली ‘टीम गुजरात’ के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को दी बधाई

Cyclone Successful Operation: चक्रवात का सामना करने के लिए राज्य प्रशासन पूरी तरह से सतर्क व तैयार था, इसलिए ही गुजरात में बहुत बड़े नुकसान और जनहानि से बचा जा सका हैः मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

गांधीनगर, 16 जूनः Cyclone Successful Operation: गुरुवार देर रात चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ गुजरात के तटीय इलाकों से टकराया। तीव्र हवाओं और वर्षा के साथ यह चक्रवाती तूफान कच्छ जिले के जखौ तट से टकराया था और उसके बाद आसपास के क्षेत्रों में इस चक्रवात का असर दिखाई दिया।

हालांकि राज्य सरकार के सतर्कता उपायों एवं अग्रिम आयोजन के कारण गुजरात ने न्यूनतम नुकसान के साथ इस चक्रवात का सफलतापूर्वक सामना किया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने केंद्र सरकार के सहयोग के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह का पूरे गुजरात की ओर से आभार व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चक्रवात की गंभीरता को देखते हुए गुजरात में उत्पन्न होने वाले हालात को लेकर समीक्षा करने के लिए पहले ही एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी। उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ समय-समय पर टेलीफोन के जरिए बातचीत कर चक्रवात की परिस्थिति और उसे लेकर प्रशासन की तैयारियों के संबंध में जानकारी हासिल की।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने भारत सरकार के संबंधित अधिकारियों, गुजरात सरकार के अधिकारियों और जिला कलेक्टरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर हर संभव मदद की पहल की।

केंद्र सरकार ने इस प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए गुजरात को अपना संपूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया था। केंद्र सरकार की ओर से राज्य में राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा करने के लिए केंद्रीय मंत्रियों की एक टीम भी गुजरात भेजी गई थी।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि इस चक्रवात का सामना करने के लिए राज्य का प्रशासनिक तंत्र पूर्ण रूप से सजग एवं सतर्क था और इसलिए ही इस तीव्र चक्रवात के खिलाफ गुजरात में बहुत बड़े नुकसान और जनहानि को टाला जा सका है। राज्य सरकार की पूर्व तैयारियों, दूरदर्शिता और समय पर उठाए गए कदमों के कारण हम सकुशल इस प्राकृतिक आपदा से बाहर निकल पाए हैं।

मुख्यमंत्री ने चक्रवाती तूफान का बहादुरी से सामना करने के लिए राज्य सरकार के सभी मंत्रियों, विभागों, जिला प्रशासन और वरिष्ठ अधिकारियों के अथक परिश्रम एवं अनूठी समझ बूझ की प्रशंसा की और ‘टीम गुजरात’ को बधाई दी।

इस चक्रवात का पूर्वानुमान जारी हुआ, तभी से राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने पूरे राज्य के प्रशासनिक तंत्र तथा जिला प्रशासन को इस प्राकृतिक आपदा का मुकाबला करने के लिए विस्तृत एवं अग्रिम योजना बनाने के लिए तैयार किया था।

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल पिछले 4 दिनों से लगातार राज्य के तटीय क्षेत्रों की परिस्थिति का जायजा लेने के लिए सुबह और शाम गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर (एसईओसी) पहुंचे। शुक्रवार सुबह भी उन्होंने एसईओसी जाकर गुजरात से टकराने वाले चक्रवात के प्रभावों, विशेषकर राज्य के तटीय जिलों में इसके चलते उत्पन्न हुए हालात की व्यापक समीक्षा की और जान-माल के नुकसान की हरेक जानकारी हासिल की।

मुख्यमंत्री ने समूचे तंत्र को प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव तथा पुनर्स्थापन कार्य पर ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए हैं। चक्रवात गुजरने के चंद घंटों के अंदर ही बिजली, पानी और सड़क आदि की परिस्थिति को बहाल करने के लिए राज्य सरकार का तंत्र निरंतर परिश्रमरत रहा और समूचे हालात को पूर्ववत करने के योजनाबद्ध प्रयास हुए।

पूर्व तैयारियां और प्रभावी उपाय

• मुख्यमंत्री ने चक्रवात के संदर्भ में गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में राज्य के उच्च अधिकारियों के साथ तत्काल समीक्षा बैठक बुलाई और सभी जिलों के प्रशासनिक तंत्र को स्टैंडबाय रहने के आदेश दिए। विभिन्न जिलों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने सहित माइक्रो प्लानिंग व्यवस्था की भी समीक्षा की।
• मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देश में 1 लाख 8 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया, जिसमें 10,918 बच्चे, 5070 बुजुर्ग और 1152 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं।
• भारतीय तट रक्षक बल (इंडियन कोस्ट गार्ड) ने चक्रवात के कारण बीच समुद्र में फंसे 50 लोगों को एयर लिफ्ट किया। कोस्ट गार्ड ने द्वारका में समुद्र के बीच से 50 लोगों का रेस्क्यू किया। सभी को भारतीय तट रक्षक बल के ओखा ऑपरेशन सेंटर में लाया गया।
• इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर सहायता के लिए भारतीय वायु सेना, हवाई सेना और थल सेना को भी स्टैंडबाय पर रखा गया था।
• समुद्र में मछली पकड़ने गए मछुआरों-सागरखेड़ू सुरक्षित वापस लौट आए और 21 हजार से अधिक नौकाओं को लंगर डालकर खड़ा किया गया।
• गुजरात के 9 तटीय जिलों यानी कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, जूनागढ़, राजकोट और वलसाड तथा 1 केंद्र शासित प्रदेश दीव में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की कुल 19 टीमें तैनात की गई थीं।
• कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोरबी, पोरबंदर, गिर सोमनाथ और जूनागढ़ सहित 7 तटीय जिलों तथा पाटण एवं बनासकांठा में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की 12 टुकड़ियां तैनात की गईं, जबकि सूरत में एसडीआरएफ की 1 टुकड़ी को रिजर्व रखा गया था।
• मुख्यमंत्री ने चक्रवात के दौरान लगातार मॉनिटरिंग शुरू कर दी थी। उन्होंने कंट्रोल रूम से जिला प्रशासन के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जानकारी हासिल कर आवश्यक सुझाव दिए। गांधीनगर स्थित स्टेट इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर में मुख्य सचिव सहित राज्य सरकार के सभी विभागों के वरिष्ठ सचिवों के साथ सर्वग्राही बैठक कर हर छोटी-बड़ी जानकारी हासिल की।

सटीक कम्युनिकेश प्लान से जनता को किया सावधान

गुजरात सरकार के सूचना विभाग की ओर से गुजरात में चक्रवात के पहुंचने से पहले 13 जून की शाम से शुरू कर आज तक राज्य के चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका वाले 6 जिलों में 65 लाख मोबाइल धारकों को मुख्यमंत्री का वॉइस मैसेज (OBD – आउटबाउंड डायलिंग) भेजा गया। इन संदेशों में राज्य सरकार द्वारा किए गए कार्यों और चक्रवात पूर्व के सतर्कता उपायों के बारे में जानकारी दी गई थी।

इसी तरह, लगभग 65 लाख मोबाइल धारकों तक मुख्यमंत्री का जनता के नाम संदेश और ऐसे अन्य पांच संदेश जैसे- चक्रवात पूर्व बरती जाने वाली सावधानी का टैक्स्ट मैसेज, सभी संभावित प्रभावित जिलों में शुरू किए गए कंट्रोल रूम के फोन नंबर और टेलीविजन कमर्शियल को वीडियो फॉर्मेट में व्हाट्सएप मैसेज के मार्फत भेजा गया।

इसके साथ ही राज्य सरकार ने चक्रवात की स्थिति में नागरिकों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर (079-232-51900) भी जारी किया था। राज्य के सभी 33 जिलों का जी-स्वान टेलीफोन हॉटलाइन के साथ संपर्क स्थापित किया गया था।

कच्छ, जामनगर, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, मोरबी और राजकोट जिले में हेम रेडियो स्टेशन शुरू किए गए, साथ ही जियो, बीएसएनएल और वोडाफोन जैसे टेलीकॉम ऑपरेटरों को सभी 743 टावरों के लिए पर्याप्त बैकअप बनाए रखने के निर्देश दिए गए।

गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (जीएसडीएमए) ने भी सूचना विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर टीवी कमर्शियल्स, रेडियो विज्ञापन और अखबारों में विज्ञापन के जरिए नागरिकों को चक्रवात के दौरान ‘क्या करें और क्या न करें’ के संदेश पहुंचाए। संभावित चक्रवात के परिणामस्वरूप संचार व्यवस्था प्रभावित न हो, इसके लिए गुजरात पुलिस सैटेलाइट फोन और वायरलेस नेटवर्क का उपयोग कर रही है।

जिला प्रशासन के भगीरथ प्रयास

प्रभारी मंत्रियों, सचिवों तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने चक्रवाती तूफान के टकराने से पहले नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभियान भली-भांति पूरा किया। बिजली, संचार, जलापूर्ति और परिवहन जैसी चार महत्वपूर्ण सेवाओं को नुकसान पहुंचने की स्थिति में उन्हें तेजी से बहाल करने के लिए जिला प्रशासन ने युद्धस्तर पर कार्य किया।

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स्वास्थ्य विभाग की तैयारी

इस चक्रवात के दौरान राज्य के संभावित प्रभावित क्षेत्रों में कुल 1005 मेडिकल कार्यरत थीं। प्रभावितों के लिए 202 ‘108 एंबुलेंस’ और 302 सरकारी एंबुलेंस सहित कुल 504 एंबुलेंस आवंटित की गई थीं। इसके अलावा, संभावित प्रभावित क्षेत्रों में लगभग 3851 क्रिटिकल बेड की भी व्यवस्था की गई थी। इन क्षेत्रों में कुल 197 डीजी (डीजल जनरेटर) सेट आवंटित किए गए थे।

स्वास्थ्य विभाग ने संभावित प्रभावित क्षेत्रों में दवाइयों और लॉजिस्टिक्स का पर्याप्त स्टॉक सुनिश्चित किया था। प्रभावित जिलों के अस्पतालों में सौ फीसदी डीजल जनरेटरों की व्यवस्था की गई थी। स्वास्थ्य विभाग ने चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका वाले क्षेत्रों में रह रहीं गर्भवती महिलाओं तथा उनकी अनुमानित डिलीवरी तिथि की सूची बनाई थी। 1152 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।

बिजली आपूर्ति दुरुस्त करने के लिए तत्काल एक्शन

ऊर्जा विभाग के अंतर्गत पश्चिम गुजरात वीज कंपनी लिमिटेड (पीजीवीसीएल) की ओर से सौराष्ट्र के 8 जिलों के कुल 3751 गांवों मंस 1127 टीमें तैनात की गईं, जबकि गुजरात एनर्जी ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (गेटको) की ओर से कुल 714 सबस्टेशनों में 51 टीमें तैनात की गईं । पीजीवीसीएल द्वारा संभावित प्रभावित जिलों के आसपास के जिलों में कुल 889 टीमें स्टैंडबाय पर रखी गईं, जबकि गेटको द्वारा आसपास के जिलों में कुल 81 टीमें स्टैंडबाय पर रखी गईं।

प्रभावित सड़कों की मरम्मत करने के लिए सड़क एवं मकान विभाग तैयार

राज्य के सड़क एवं मकान विभाग ने संभावित प्रभावित जिलों में आवश्यक साजो-सामान सहित 132 टीमें तैयार रखी थीं। 328 जेसीबी मशीन, 276 डम्पर, 204 ट्रैक्टर, 60 लोडर और 234 अन्य उपकरणों के साथ ये टीमें प्रभावित सड़कों की मरम्मत का कार्य कर रही हैं। इसके अलावा, प्रभावित जिलों की 263 सड़कों से अब तक 1137 पेड़ों को हटाया गया है।

शहरी विकास विभाग की कार्रवाई

चक्रवात के कारण भारी वर्षा और तेज हवाओं की स्थिति में जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए अग्रिम उपाय करते हुए संभावित प्रभावित 8 जिलों से 4317 होर्डिंग्स को हटा लिया गया। इसके अलावा, प्रभावित बिजली के खंभों, क्षतिग्रस्त सड़कों, बिजली आपूर्ति बाधित क्षेत्रों और क्षतिग्रस्त मकानों को बहाल करने का कार्य किया जा रहा है।

वन विभाग ने उखड़कर गिरे पेड़ों को सड़कों से हटाया

राज्य के वन विभाग ने तीव्र हवाओं के चलते उखड़कर गिरे पेड़ों को हटाने के लिए संभावित प्रभावित जिलों में 237 टीमें तैनात की थीं। इन टीमों ने राज्य में चक्रवात की शुरुआत से लेकर अब तक उखड़कर गिरे कुल 581 पेड़ों को सड़कों से हटाया है।

इसके अलावा, चक्रवात ‘बिपरजॉय’ के प्रभाव से वन्य जीवसृष्टि-वन्य प्राणियों को सुरक्षित रखने के लिए भी वन विभाग ने अग्रिम आयोजन किया था। एशियाई बब्बर शेरों के जोन में रेस्क्यू, रैपिड एक्शन और उखड़कर गिरे पेड़ों को हटाने के लिए कुल 184 टीमें रणनीतिक रूप से पोजिशन में तैनात की गई थीं। कच्छ के अभयारण्य क्षेत्र में भी 13 ऑपरेशनल टीमें तथा आवश्यक साजो-सामान सहित विशेष 6 वाइल्ड लाइफ रेस्क्यू टीमें मुस्तैद थीं।

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के साथ समन्वय

गुजरात सरकार भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में थी और चक्रवात की सभी गतिविधियों के बारे में निरंतर जानकारी हासिल कर रही थी।

गृह विभाग के अधीन राज्य का पुलिस महकमा भी कानून और सुरक्षा व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के लिए सार्वजनिक व्यवस्था पर पैनी नजर बनाए हुए है।

गुजरात ने समय-समय पर अनेक प्राकृतिक आपदाओं का सामना किया है और हमेशा उससे सुरक्षित रूप से उबरकर निकला है। इस बात भी समुचित एवं समय पर किए गए आयोजन तथा पूर्व तैयारियों के साथ गुजरात और उसकी जनता ने चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ का सफलतापूर्वक सामना किया है। गुजरात ने एक बार फिर डिजास्टर मैनेजमेंट की बेहतरीन मिसाल पेश की है।

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