BHU 109th Foundation Day

BHU 109th Foundation Day: बीएचयू के स्थापना दिवस पर निकली शानदार झाकियां

BHU 109th Foundation Day: स्थापना स्थल पर कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन तथा विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने किया हवन पूजन

  • 109वें स्थापना दिवस पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में बही वासंती बयार, झांकियों में प्रस्तुत की गई विश्वविद्यालय की विविधता व विरासत

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 15 फरवरीः
BHU 109th Foundation Day: महामना की बगिया काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के 109वें स्थापना दिवस पर बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर में वासंती बयार बही। विद्यार्थियों तथा विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने अत्यंत उत्साह व उल्लास के साथ सर्वविद्या की केंद्र बी एच यू का स्थापना दिवस मनाया। ज्ञातव्य है कि सन् 1916 में वसंत पंचमी के दिन ही विश्वविद्यालय की आधारशिला महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने रखी गई थी।

समारोह की शुरुआत स्थापना स्थल पर हवन-पूजन के साथ हुई, जिसमें कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन, कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा, विभिन्न संस्थानों के निदेशक, संकाय प्रमुख, अधिकारीगण व कर्मचारी उपस्थित रहे। इस अवसर पर अपने शुभकामना संदेश में कुलपति जी ने विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों का आह्वान किया कि वे स्थापना दिवस के अवसर पर यह संकल्प लें कि विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए खुद को पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध करेंगे।

प्रो. जैन ने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थापना के मूल में विद्यार्थियों का चौमुखा विकास है और बतौर शिक्षक हमें यह सुनिश्चित करना होगा, कि संस्थान के प्रत्येक विद्यार्थी का शैक्षणिक, वैचारिक, तथा चारित्रिक विकास हो, तथा वह अपने मार्ग से विमुख न हों, क्योंकि अगर ऐसा होता है तो वह शिक्षक व संस्थान के रूप में हम सभी की जिम्मेदारी है।

कुलपति ने कहा कि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना के समय मालवीय जी का यह विचार था कि विद्यार्थी एक विषय अथवा विभाग तक सीमित न रह जाएं। उन्होंने कहा कि आज नई शिक्षा नीति भी इसी विचार को आगे बढ़ा रही है। उन्होंने विश्वविद्यालय समुदाय के सदस्यों का आह्वान किया कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं तथा अपने विद्यार्थियों में ऐसी क्षमताएं व कौशल विकसित करें कि वे भविष्य में समाज व देश के ज़िम्मेदार नागरिक के रूप में योगदान दें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का उत्थान ही शिक्षक व संस्थान के उत्थान का परिचायक है और हमें इस दिशा में अनुकरणीय रूप से कार्य करना होगा।

विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में विभिन्न संकायो, केन्द्रों, व संस्थानों ने “विकसित भारत, श्रेष्ठ भारत” की थीम पर झांकियां पेश की। इन झांकियों में बीएचयू की विशेषताओं, विविधता व समृद्ध विरासत के साथ साथ विभिन्न क्षेत्रों में देश की उपलब्धियों व वैश्विक पटल पर उभरते भारत की तस्वीर को प्रदर्शित किया गया। स्थापना दिवस समारोह में कुल 31 झाँकिया निकाली गईं। मालवीय भवन से गुजरती हुई भव्य झांकियों में विद्यार्थियों की प्रतिभा, उत्साह, व सृजनात्मकता ने संपूर्ण वातावरण में ऊर्जा व भाव का संचार किया।

विद्यार्थियों ने प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा, सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक मोर्चे पर भारत की उपलब्धियों, भारत द्वारा जी20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी, डिजिटल इंडिया, पर्यावरण संरक्षण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा, नारी सशक्तिकरण आदि अनेक विषयों पर मुख्य मंच के समक्ष प्रस्तुतियां दीं, जिस पर कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन, मुख्य अतिथि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. पंजाब सिंह, कुलसचिव प्रो. अरुण कुमार सिंह, छात्र अधिष्ठाता प्रो. अनुपम कुमार नेमा समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति आसीन थे।

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जहां सेन्ट्रल हिन्दू बॉएज़ स्कूल ने विविधता में एकता की भारत की तस्वीर को पेश किया। वहीं, रणवीर संस्कृत विद्यालय ने वैदिक ज्ञान से लेकर आधुनिक विज्ञान तक भारत की यश यात्रा को अपनी झांकी में परिलक्षित किया। महिला महाविद्यालय की छात्राओं ने अपनी झांकी में कॉलेज की विकास यात्रा की बात की, तो ये भी बताया बालिकाओं की शिक्षा तथा महिला सशक्तिकरण की दिशा में एमएमवी ने कितनी सक्रिय भूमिका निभाई है।

संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय ने प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा व चिकित्सा, योग, सनातन वैभव, तथा अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की शौर्य गाथा का प्रदर्शन किया, तो दृश्य कला संकाय ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को चित्रों तथा भगवान राम की मूर्ति के प्रतिरूप के रूप में प्रस्तुत किया। इस झांकी में भगवान राम के जीवन प्रसंगों को सुन्दर चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया।

चिकित्सा विज्ञान संस्थान के विभिन्न अंगों की झांकियों में चिकित्सा के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों, आईएमएस बीएचयू के योगदान, प्राचीन चिकित्सा पद्धति तथा आधुनिक चिकित्सा के समागम, कोविड19 महामारी के दौरान भारत के संघर्ष व सफलता, आधुनिक चिकित्सा उपकरणों व तकनीकों आदि का प्रदर्शन किया गया। इन झांकियों में दिखाया गया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में की गई नई पहलों से किस तरह आम जन लाभान्वित हो रहे हैं।

विधि संकाय ने विश्वविद्यालय की स्थापना, देश की आजादी से लेकर अब तक भारत की विकास यात्रा को परिलक्षित किया। कला संकाय की झांकी में भगवान राम के जीवन के विभिन्न पहलुओं को एक लघु नाटिका के रूप में दर्शाया गया। सामाजिक विज्ञान संकाय ने अपनी झांकी में एक सशक्त लोकतंत्र के रूप में भारत के वैश्विक पटल पर स्थापित होने को रेखांकित किया।

विज्ञान संस्थान ने वैक्सीन विकास, चंद्रयान तथा वैज्ञानिक प्रगति के भारत के पक्षों को प्रदर्शित किया। शिक्षा संकाय ने गुरु शिष्य परंपरा तथा वैदिक काल से आधुनिक काल तक शिक्षा के विकास को दिखाया। विश्वविद्यालय क्रीड़ा परिषद् ने जीवन में खेलों के महत्व को इंगित किया। विश्वविद्यालय पर्वतारोहण केंद्र ने अपनी गतिविधियों की झलक पेश की, तो वाणिज्य संकाय ने G-20, उद्यमशीलता विकास, तथा आर्थिक मोर्चे पर भारत के महत्वपूर्ण बिंदुओं को दर्शाया।

मंच कला संकाय की झांकी में भारत को ग्रैमी अवॉर्ड मिलने से प्रेरित प्रस्तुति दी गई। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान बीएचयू ने अपनी नई खोजों व उपलब्धियों को अपनी झांकी में दिखाया। प्रबंध शास्त्र संस्थान, दक्षिणी परिसर, पर्यावरण एवं धारणीय विकास संस्थान, राष्ट्रीय सेवा योजना, एनसीसी, वैदिक विज्ञान केन्द्र, उद्यान विभाग इकाई ने भी मनमोहक व महत्वपूर्ण संदेशों वाली झांकियां प्रस्तुत कीं।

महामना की तपोभूमि पर आयोजित भव्य समारोह में वंदनीय मदन मोहन मालवीय जी के आदर्शों, मूल्यों व संघर्ष की झलक भी दिखाई दी।

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