Rajnish shukl

Acharya Rajnish Kumar Shukla honored: बिहार के कला एवं संस्कृति मंत्री के हाथों सम्मानित हुए आचार्य रजनीश कुमार शुक्ल

Acharya Rajnish Kumar Shukla honored: रजनीश कुमार शुक्ल भारत के दार्शनिक शिक्षाविद, प्रोफेसर, कवि तथा प्रशासक हैं। इनका जन्म 25 नवंबर, 1966 को कुशीनगर, उत्तर प्रदेश में हुआ।


वर्धा, 9 दिसंबर: Acharya Rajnish Kumar Shukla honored: बटोही, सहरसा द्वारा संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के सौजन्य से आयोजित तीन दिवसीय ‘वैदेही अंतरराष्ट्रीय महोत्सव’ में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति प्रो.रजनीश कुमार शुक्ल को प्रथम भारती मंडन दर्शनरत्न सम्मान 2021 मुख्य अतिथि कला मंत्री डॉ. आलोक रंजन ने दिया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि पद्मश्री निरंजन गोस्वामी और संयोजक डॉ. ओम प्रकाश भारती भी उपस्थित थे।

इस मौके पर वैदेही कला संग्रहालय का लोकार्पण किया गया। कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. आलोक रंजन ने अपने वक्तव्य में कहा कि शुक्ल एक विद्वान शिक्षाविद हैं और शिक्षा के क्षेत्र में इनका उल्लेखनीय योगदान है। ऐसे व्यक्तित्व को सम्मानित करना न सिर्फ मेरे लिये वरन समस्त बिहार के लिये गौरव की बात है।

ज्ञात हो कि (Acharya Rajnish Kumar Shukla honored) रजनीश कुमार शुक्ल भारत के दार्शनिक शिक्षाविद, प्रोफेसर, कवि तथा प्रशासक हैं। इनका जन्म 25 नवंबर, 1966 को कुशीनगर, उत्तर प्रदेश में हुआ। प्रोफेसर शुक्ल ने कई राष्ट्रीय संस्थानों का नेतृत्व करते हुए राष्ट्रीय शिक्षा एवं सांस्कृतिक नीति के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। वर्तमान में वे महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के कुलपति हैं। इसके पूर्व वे भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद तथा भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद दिल्ली के सदस्य सचिव के रूप में सेवा दे चुके हैं। मूल रूप से वे वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के तुलनात्मक दर्शन और धर्मशास्त्र के प्रोफेसर हैं।

उनकी रचनाओं में कांट का सौंदर्यशास्त्र, वाचस्पति मिश्र कृत तत्वबिंदु, वेस्टर्न फिलोसफी एंड इंट्रोडक्शन, गौरवशाली संस्कृति, स्वातंत्र्योत्तर भारतीय दार्शनिक पृष्ठभूमि,अभिनवगुप्त ऑफ फिलासफर ऑफ मिलेनियम, समेकित अद्वैत विमर्श, तुलनात्मक दर्शन, भारतीय दर्शन में प्राप्यकरित्वाद, भारतीय दर्शन के पचास वर्ष, प्रास्पेक्टिव आन कम्परेटिव रिलिजन आदि प्रमुख हैं । भारतीय कला, संस्कृति तथा दर्शन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए इनको ‘भारती मंडन दर्शन रत्न सम्मान, 2021’ से सम्मानित किया गया।

शिक्षाविद आचार्य रजनीश कुमार शुक्ल (Acharya Rajnish Kumar Shukla honored) ने भारती मंडन के नाम से प्राप्त सम्मान के प्रति आयोजन समिति के प्रति धन्यवाद भाषण में आभार प्रकट किया। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए माता वैदेही की पावन मिथिलांचल की धरती पर संग्रहालय खोले जाने की प्रशंसा की और इसके लिये हर सम्भव सहयोग के लिये आश्वासन दिया। पूरे देश मे चल रहे रामायण सर्किल के कार्यक्रम की कड़ी के रूप में वैदेही कला संग्रहालय को देखा जायेगा और भविष्य में एक पर्यटन स्थल के रूप विकसित होगा।

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