Abu public problems: जन समस्याओं की रिकॉर्डिंग को बंद करवाते आईएएस अधिकारी; आखिर क्यों और कब तक सच्चाई को दबाओगे एसडीएम साहबः तस्लीम बानो
Abu public problems: गरीबो को दुत्कार, प्रभावशाली अमीरों का सत्कार: तस्लीम बानो
रिपोर्टः किशन वासवानी
माउंट आबू, 29 अक्टूबरः Abu public problems: माउंट आबू में इन दिनों प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली ही ऐसी बन चली हैं। यहाँ इस कार्यलय में आम व्यक्ति केवल ओर केवल नाम का मोटी रकम ओर प्रभावशाली ही अपने काम का। यहाँ आम व्यक्ति का कोई पैरोकार नही है। यहाँ गरीबों के नसीब में पालिका व एसडीएम ऑफिस के सिर्फ-और-सिर्फ चक्कर काटना ही लिखा है और प्रभवशाली ओर धनबल पर बिना ऑफिस में गए लोगों के काम त्वरित गति से सम्पन्न हो जाते है।
Abu public problems: यहाँ तक कि आम व्यक्ति तो साल-दर-दर साल अर्थात कई वर्षो से पालिका कार्यालय व उसके बाद एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट-काट कर घनचक्कर बन जाता है। किन्तु उसकी समस्याओं की सुनवाई एवम समस्याओं का समाधान कई कई वर्षों से नहीं होता। यानि यहाँ न कोई है, सुनने वाला, न समझने वाला। प्रशासनिक अमले एवम उपखण्ड अधिकारी कार्यालय की कार्यशैली का आलम यह हो चला है कि, आम व्यक्ति के लिए तो अब, अँधे के आगे रोना, ओर अपने दीदे खोना।
माउंट आबू में सबसे पहले जिला कलेक्टर प्रशासन शहरों के संग आयोजित शिविर स्थल शांति विदेशी पार्क पहुंचे जहां पर उन्होंने आम गरीब व्यक्तियों को जारी किए जाने वाले पट्टे व अन्य सुविधाओं की जानकारी मिली जहां पर अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में अभी तक कुछ भी कार्रवाई संभव नहीं हो पाई है। यानी परिणाम शून्य ही रहा। इसके बाद भी एसडीएम ऑफिस में अधिकारियों से काफी देर तक वार्तालाप करते रहे। उसके तुरंत बाद भी वार्ड नंबर 4 में मौका मुहायना करने के लिए पहुंचे।
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उन्होंने लोगों के मुंह से अपनी कि किस तरीके से उन्हें पट्टे को नहीं देने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के लिए विवशता को सुना। साथ ही इसी क्रम में वे नगरपालिका पहुंचे जहां पर पार्षदों ने ही अपनी पीड़ा बयां कर दी कि वे पार्षद होकर भी किसी लायक नहीं रहे ना तो नगरपालिका कोई उन्हें वाला न ही कोई उनकी सुनता है। ना कर्मचारी उन्हें तवज्जो देते और ना ही अधिकारी उनका कोई काम करते हैं।
बची-कुची खामियों को जब कलक्टर बाजार से होते हुए एसडीएम ऑफिस पहुंचे तो वहां मुकेश टेलर अपनी 20 वर्ष पुरानी कियोस्क को न लगने की समस्या को लेकर उनके समक्ष उपस्थित हुआ। जिससे नगर पालिका अधिकारी एसडीएम की बोहें तन गई और वे उस समस्या को ढकने के लिए मीडिया तक के कैमरा को बंद करवाते हुए नजर आए।