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WR goods train record: पश्चिम रेलवे माल लदान में नई ऊंचाइयों की ओर, पिछले वर्ष की तुलना में 10% अधिक माल लदान दर्ज किया

WR goods train record: पश्चिम रेलवे ने 190 इंडेंटेड ट्रेनों, 153 किसान रेल और 141 मिल्क स्पेशल ट्रेनों सहित 637 टाइल टेबल्‍ड पार्सल ट्रेनें चलाईं

मुंबई, 07 जनवरीः WR goods train record: भारतीय रेलवे द्वारा अंगीकार किये गये दर्शन के सिद्धांतों में से एक “हंगरी फॉर कार्गो” पश्चिम रेलवे की मुख्य प्राथमिकताओं में से एक है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक आलोक कंसल के दूरदर्शी नेतृत्व, सक्षम मार्गदर्शन, गहन निगरानी और निरंतर प्रेरणा के तहत इस दिशा में पश्चिम रेलवे द्वारा विभिन्न प्रयास शुरू किए गए हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम मिले हैं।

महाप्रबंधक कंसल मुख्यालय के साथ-साथ मंडल स्तर पर गठित बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (BDU) के माध्यम से हितधारकों के साथ नियमित बातचीत को प्रोत्साहित करते हैं। इससे न केवल पार्सल और माल यातायात में सुधार हुआ है, बल्कि नए यातायात के मामले में बेहतर माल ढुलाई के अवसर भी प्राप्त हुए हैं।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 1 अप्रैल, 2021 से 6 जनवरी, 2022 तक, पश्चिम रेलवे ने मालगाड़ियों में पिछले वर्ष की इसी अवधि में 60 मिलियन टन की तुलना में 66 मिलियन टन की लोडिंग दर्ज की है जो कि 10% अधिक है।

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इस अवधि के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए पश्चिम रेलवे द्वारा 637 पार्सल ट्रेनें चलाई गई हैं। इसी अवधि में पश्चिम रेलवे ने अपनी विभिन्न पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से 2.46 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया, जिसमें मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, दवाएं, चिकित्सा उपकरण, मछली, दूध आदि शामिल हैं।

साथ ही पश्चिम रेलवे द्वारा 141 दूध स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं, जिनमें 99 हजार टन से अधिक भार और वैगनों का 100% उपयोग किया गया है। इसी तरह, 153 कोविड-19 स्पेशल पार्सल ट्रेनें लगभग 30,500 टन लोड के साथ आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए भी चलाई गईं। इसके अलावा पश्चिम रेलवे ने लगभग 190 इंडेंटेड रेकों का 74,800 टन माल के साथ 100% उपयोग के साथ संचालन किया।

किसानों को उनकी उपज के लिए नए बाजार खोजने में मदद करने के लिए और इसके किफायती और तेज परिवहन के लिए विभिन्न मंडलों से इस अवधि के दौरान 41,000 टन से अधिक भार वाली 153 किसान रेलें भी चलाई गई हैं। इस प्रकार 1 अप्रैल, 2021 से 6 जनवरी, 2022 की अवधि के दौरान पश्चिम रेलवे द्वारा 66 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं को लेकर मालगाडि़यों के कुल 29,434 रेक चलाये गये, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10% अधिक है।

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इस अवधि के दौरान, 63,582 मालगाड़ियों को अन्य क्षेत्रीय रेलवे के साथ इंटरचेंज किया गया, जिसमें 31,805 ट्रेनों को सौंपा गया और 31,777 ट्रेनों को विभिन्न इंटरचेंज बिंदुओं पर लिया गया। बिजनेस डेव्लपमेंट यूनिट (बीडीयू) मौजूदा और संभावित माल ढुलाई ग्राहकों के साथ लगातार संपर्क में हैं ताकि रेलवे बोर्ड द्वारा शुरू किए गए प्रोत्साहनों के साथ माल के त्वरित, विश्वसनीय, किफायती और थोक परिवहन के लिए उन्हें रेलवे के माध्यम से अपने माल के परिवहन के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

उल्लेखनीय है कि पश्चिम रेलवे ने चालू वित्‍तीय वर्ष में दिसंबर, 2021 तक 11279 करोड़ रुपये का कुल प्रारंभिक राजस्‍व हासिल किया है जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 8440 करोड़ रुपये के प्रारंभिक राजस्‍व से 34% अधिक है। पश्चिम रेलवे ने 14 दिसंबर, 2021 को प्रारंभिक राजस्व में 10,000 करोड़ रुपये का मील का पत्थर पार किया था। इसी प्रकार माल ढुलाई में चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों के दौरान पश्चिम रेलवे 1786 करोड़ रु. कंटेनर रेकों के माध्‍यम से अर्जित कर प्रथम रही। यह भारतीय रेल के राजस्व का 35 प्रतिशत भाग है।

इसी तरह पश्चिम रेलवे उर्वरकों की ढुलाई में 1700 करोड़ रुपये (भारतीय रेल के राजस्व का 40 प्रतिशत भाग) का राजस्व अर्जित कर तथा पीओएल रेकों के माध्यम से 1234 करोड़ रुपये (भारतीय रेल के राजस्व का 21 प्रतिशत भाग) का राजस्‍व अर्जित कर भारतीय रेल पर अव्‍वल रही है। इस दौरान पश्चिम रेलवे ने नये माल यातायात के माध्यम से भी करीब 656 करोड़ की कमाई की।

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