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Research on hyperloop transport technology: रेलवे और IIT मद्रास ‘स्वदेशी’ हाइपरलूप तकनीक पर करेंगे काम

Research on hyperloop transport technology: केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आईआईटी मद्रास के साथ मिलकर हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट तकनीक पर रिसर्च की मंजूरी दे दी

नई दिल्ली, 20 मईः Research on hyperloop transport technology: केंद्रीय रेलवे, दूर संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आईआईटी मद्रास के साथ मिलकर हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट तकनीक पर रिसर्च की मंजूरी दे दी है। यह तकनीक हाई स्पीड ट्रांसपोर्ट में मदद करती है। रेलवे मंत्री आईआईटी मद्रास के शोध प्रस्ताव को अनुमति देते हुए क​​हा कि भारतीय रेलवे के साथ मिलकर स्वदेशी स्तर पर हाइपरलूप तकनीक पर आधारित ट्रांसपोर्ट सिस्टम और इसके सब सिस्टम को विकसित करने पर काम होगा।

Research on hyperloop transport technology: हाइपरलूप तकनीक के लिए आईआईटी मद्रास में उत्कृष्ट केंद्र भी स्थापित किया जाएगा। इसकी अनुमानित लागत करीब 8.34 करोड़ रुपए होगी। आईआईटी मद्रास के दौरे पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के सामने यहां के छात्रों ने न्यू एकेडमी कॉम्प्लेक्स में विकसित किए गए हाइपरलूप पोड मॉडल का प्रदर्शन किया।

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Research on hyperloop transport technology: हाइपरलूप ट्रांसपोर्ट एक प्रकार की बहुत उच्च गति की ट्रेन है, जो वैक्यूम ट्यूब में चलती है। ट्यूब के अंदर हवा का दबाव बहुत कम होता है, जिससे कैप्सूल की आकृति वाले व्हीकल की गति 1000 किमी प्रति घंटा से भी ज्यादा जा सकती है। आईआईटी मद्रास के छात्रों की एक टीम ‘अविष्कार हाइपरलूप’ पर काम कर रहा है, जिसका मकसद भविष्य में हाइपरलूप पर आधारित परिवहन प्रणाली तैयार करना है।

यह तकनीक यात्रा के अनुभव को पूरी तरह से बदल कर रख देगी. भारतीय रेलवे का कहना है कि आईआईटी मद्रास की ‘अविष्कार हाइपरलूप’ टीम ने जो मॉडल प्रस्तुत किया है, वह 1200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हासिल कर सकता है। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। ‘अविष्कार हाइपरलूप’ टीम का मकसद आईआईटी मद्रास में दुनिया का सबसे बड़ा हाइपरलूम रिसर्च सेंटर बनाना है।

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