honored 21 employees

Rajkot division honored 21 employees: रेल संरक्षा में उत्कृष्ट कार्य के लिए राजकोट मंडल के 21 कर्मचारी सम्मानित

Rajkot division honored 21 employees: 3 रेलकर्मियों को पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक (GM) आलोक कंसल द्वारा वर्चुअल रूप से सम्मानित किया गया

राजकोट, 31 जनवरीः Rajkot division honored 21 employees: आज राजकोट मंडल के 21 कर्मचारियों को रेल संरक्षा (सेफ्टी) में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित (Rajkot division honored 21 employees) किया गया है। इनमें से 3 रेलकर्मियों को पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक (GM) आलोक कंसल द्वारा वर्चुअल रूप से तथा अन्य 18 कर्मचारियों को राजकोट मंडल रेल प्रबंधक अनिल कुमार जैन द्वारा “मेन ऑफ दी मंथ” पुरस्कार देकर व्यक्तिगत रूप से सम्मानित किया गया।

राजकोट मंडल के सीनियर डीसीएम अभिनव जेफ ने बताया कि इन कर्मचारियों को अकटूबर 2021 से दिसम्बर, 2021 तक की अवधि के दौरान ड्यूटी में उनकी सतर्कता, ट्रेन परिचालन में संरक्षा सुनिश्चित करने और किसी अप्रिय घटना को रोकने के लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

जीएम अवार्ड से सम्मानित 3 रेलकर्मी: सौरभ भारद्वाज (स्टेशन प्रबंधक-वांकानेर) ने अपने स्टेशन से गुज़र रही मालगाड़ी के एक वेगन में गर्म धुरा (Hot Axle) को देखकर ट्रेन को रुकवा दिया था। अश्विनी कुमार (पेट्रोलमेन, गेंग नंबर-27, खोराणा) ने खोराणा-कणकोट के बीच पेट्रोलिंग के दौरान वेल्ड फ्रेक्चर देखा और उस ट्रैक पर आ रही मालगाड़ी को तुरंत रुकवा दिया था। हरजिभाई (कीमेन, गेंग नंबर-47, हापा) ने भी लाखाबावल-पिपली के बीच पेट्रोलिंग के दौरान वेल्ड फ्रेक्चर का पता लगने पर तुरंत उसकी सूचना अपने अधिकारी को दे दी थी।

डीआरएम अवार्ड से सम्मानित 18 रेलकर्मी: मंदीप व सत्या (पॉइंट्समेन, जामवंथली), सागर सी. बारड (गेटमेन LC-215, पिपली यार्ड) राजेश एस (पॉइंट्समेन, साबली रोड) और हरीश चंद (पॉइंट्समेन, पिपली) ने अपनी ड्यूटी के दौरान माल गाड़ियों मे हेंगिंग पार्ट को देखकर तुरंत उचित कार्यवाही की थी। बिपिन प्रसाद (ट्रेन मैनेजर यानि गार्ड, हापा) ने गाड़ी के एक वेगन में स्प्रिंग को मिसिंग पाया था। रमाकान्त (गेटमेन LC-39) और राकेश झा (सहायक स्टेशन मास्टर, बजरंगपुरा) ने माल गाड़ी मे स्पार्किंग देखा था। विवेक वाघेला (स्टेशन मास्टर, कानालूस) ने माल गाड़ी के वेगन का दरवाजा टूटा हुआ देखा था। बी. वी. महावर (स्टेशन प्रबन्धक, थान) और जितेंद्र कुमार (गेटमेन, गेट संख्या – 97) ने माल गाड़ी के एक कोच से धुंवा निकलते देखा था।

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संजय ए (लोको पायलट, हापा) और नरेश सैनी (सहायक लोको पायलट, हापा) ने रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे इंजीनियरिंग विभाग के कर्मचारियों को देखकर आपातकालीन ब्रेक लगा कर तुरंत गाड़ी खड़ी कर दी थी। आलोक शर्मा (ट्रेन मैनेजर यानि गार्ड, सुरेन्द्रनगर) ने ब्रेक वान में ब्रेक सिलिंडर लिवर के ब्रैकेट को टूटा हुआ देखा था। घनश्याम मीना (लोको पायलट, हापा) और मुकेश पांडे (ट्रेन मैनेजर यानि गार्ड, हापा) ने मालगाड़ी के एक वेगन में से भारी मात्रा मे वेगन मे भरे लिक्विड का रिसाव देखा था तथा दीपक दवे (लोको पायलट, राजकोट) ने अपनी गाड़ी को खंढेरी स्टेशन पर थ्रू सिग्नल मिलने के बावजूद कॉशन इंडिकेटर बोर्ड देखकर आपातकालीन ब्रेक लगाकर गाड़ी खड़ी कर दी थी।

रेल प्रशासन को पुरस्कार प्राप्त करनेवाले सभी रेलकर्मियों पर गर्व है, जिन्होंने अपनी त्वरित कार्रवाई और सतर्कता से किसी भी अप्रिय घटना की संभावना को टालने में मदद की। इस अवसर पर राजकोट मंडल के सीनियर डिविजनल सेफ़्टी ऑफिसर एन आर मीना, वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक आर सी मीणा, सीनियर डिविजनल इंजीनियर (समन्वय) राजकुमार एस तथा सहायक मंडल यांत्रिक इंजीनियर निखिल गुप्ता भी उपस्थित थे।

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