parcel

Central rail parcel income: मध्य रेलवे ने पार्सल राजस्व में सभी क्षेत्रीय रेलवे को छोड़ा पीछा, बरकरार रखा नंबर वन स्थान

Central rail parcel income: अप्रैल-21 से नवंबर-21 तक पार्सल ट्रेफिक से 200.77 करोड़ का राजस्व अर्जित

नई दिल्ली, 01 दिसंबरः Central rail parcel income: मध्य रेल ने पार्सल राजस्व में सभी क्षेत्रीय रेलवे पर को पीछे छोड़ते हुए अपनी नम्बर वन पोजीशन बनाये रखी है। नवंबर-2021 माह के लिए मध्य रेल का पार्सल राजस्व रु. 26.37 करोड़ है। अप्रैल-नवंबर 2021 के दौरान पार्सल राजस्व रु.200.77 करोड़ रहा है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 182% अधिक है। अप्रैल से नवंबर 2021 के दौरान 4.64 लाख टन परिवहन किया गया है।

पार्सल यातायात में वृद्धि मुख्य रूप से किसान रेल के सफल परिचालन से हुई है जो क्षेत्र से देश के दूर-दराज के बाजारों में पेरिशेबल यातायात को ले जाती है। वित्तीय वर्ष 2021-22 (अप्रैल से नवंबर) में, किसान रेल ने 2.06 लाख टन परिवहन करके विभिन्न गंतव्यों के लिए 581 सेवाएं परिचालित की हैं और 79.53 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है। किसान रेल की शुरुआत के बाद से, 2.78 लाख टन माल का परिवहन किया गया है, अब तक किसान रेल की 808 सेवाएं चलाई गई हैं।

parcel train

मध्य रेल के महाप्रबंधक अनिल कुमार लाहोटी ने कहा कि रेल द्वारा पार्सल परिवहन ग्राहकों के लिए सबसे सुरक्षित, तेज और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है। उन्होंने कहा कि मध्य रेल के अपने सभी मंडलों में व्यवसाय विकास इकाइयों के प्रयासों से व्यापारियों और डीलरों को अपने माल को जल्दी से पहुंचाने में आसानी हुई है।

क्या आपने यह पढ़ा…. Penalty for traveling without ticket: बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों पर मध्य रेल की कार्यवाही, वसूले गए करोड़ो रुपए

किसान रेल में पार्सल यातायात मुख्य रूप से सांगोला, मनमाड, नासिक, भुसावल, रावेर, सावदा से दानापुर, मुजफ्फरपुर, दिल्ली (आदर्शनगर), शालीमार आदि से अनार, अंगूर, नींबू, शिमला मिर्च सोलापुर क्षेत्र से, फूल लातूर और उस्मानाबाद क्षेत्र से् होता है।,नासिक क्षेत्र से प्याज, भुसावल क्षेत्र से केला, नागपुर क्षेत्र से संतरा और अन्य फल और सब्जियां किसान रेल के माध्यम से दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल जैसे दूर के बाजारों में जल्दी, ताजा और सुरक्षित रूप से पहुंच जाती हैं।

Central rail parcel income: किसान रेल के माध्यम से अपनी उपज का परिवहन करने वाले किसान बड़े बाजारों, उपज के अच्छे मूल्य, त्वरित परिवहन, न्यूनतम अपव्यय के साथ अच्छे राजस्व से बहुत लाभान्वित होते हैं। किसान रेल ग्रामीण महाराष्ट्र के लोगों के लिए विकास और समृद्धि का इंजन बन गई है।

हाल ही में गोधानी (नागपुर) से न्यू तिनसुकिया के बीच छह साल की अवधि के लिए पार्सल कार्गो एक्सप्रेस ट्रेन का नया पट्टा अनुबंध पर दिया गया है। मुंबई से शालीमार के बीच टाइम टेबल वाली पार्सल स्पेशल ट्रेनें प्रतिदिन 355 टन पार्सल ले जा रही हैं और लगभग रु 28.30 करोड़ का राजस्व अर्जित कर रही हैं।

चालू वर्ष के दौरान रेल दूध टैंकरों को नागपुर के बीच दिल्ली ले जाया जा रहा है जिससे 132 लाख रुपये तक का राजस्व प्राप्त होता है। नवंबर 2021-22 पिछले डेढ़ साल के दौरान पार्सल यातायात के लिए 22 नए स्टेशन खोले गए, जिनमें 19 स्टेशन पिछले साल से केवल कोविड अवधि के दौरान खोले गए हैं।

Whatsapp Join Banner Eng