हे माँ शारदा; (Maa sharda)नाम तो कई हैं तेरे…..
!! हे माँ शारदा !!(Maa sharda)
हे माँ शारदा !!(Maa sharda)
नाम तो कई हैं तेरे
कोई कहें भारती, धवला, विधात्री, धनदा, श्री
कोई वाणी, गिरा, गो, ब्राह्मी, इला स्वरूपीं
हर बरस होती तेरी वन्दन पुष्पित समर्पण
मन-तन-धन में वास जहाँ के विश्व दिगम्बर करें अर्पण
हंसवाहिनी देवी नमस्तुभ्यं
ज्ञान की देवी नीलकमल – सी नयन
ब्रह्म – ब्रह्म देवी दिव्य ज्योतिर्मय नमस्तुभ्यं
करें हुँकार शंखनाद – सी, हो अर्पित सुमन में
तिमिर – तिमिर में आभा सर्वशक्ति सरगम ध्वनि हम
ज्ञानदायिनी जगद्व्यापिनीं नमो नमः
वाणी की स्वर लय तान सुमधुरम् मधुरम्
तृप्त – तृप्त श्री मंगलमय अर्पित तेरी चरण में
गुरु ग्रंथ वेद वेदांत झंकृत स्वर बहे रग – रग में
बुद्धि विवेक इंद्रिय तप त्याग बनें तपोमय हम
शक्तिरूपेण कलानिधि नमस्तुभ्यं
अलंक – अलंक अलंकृत भगवती सन्ध्येश्वरी
संयम सत्य स्नेह जीवन जग सिरमौर बनाएं
कलानिधि सप्त स्वर श्वेतपदम् करें विख्यात जग में
दें सर्वकलाओं परमंयोग परिपूर्ण जग सृजनहार
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