Gazal: तमन्ना बस तेरा मनमीत बन जाऊं…
ग़ज़ल(Gazal)
Gazal: तेरे खामोश
होंठों का
मैं कोई गीत बन जाऊं
तू चाहे इस कदर
मुझको कि तेरा मीत बन जाऊं
दबी-दबी हैं
सीने में
मेरी सांसे ओ मेरी जांनां
कभी तू गुनगुनाए
और मैं एक संगीत बन जाऊं
मेरे मोहसिन
हो मुझ पर
बस इतना सा करम तेरा
लगाए सीने से तू
मुझको मैं तेरी प्रीत बन जाऊं
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कि हारा
सब मेरी जां मैं
एक तेरे ही सजदे में
तू हारे
दिल अगर
मुझ पे तो तेरी जीत बन जाऊं
हो सब से ही
अलग हटके
मेरे मेहबूब मेरी चाहत
जो छूले
एक दफा गर तू
तो नई एक रीत बन जाऊं
तेरे पहलू में
ओजस का
निकलेगा दम एक दिन
है इतनी सी
तमन्ना बस तेरा मनमीत बन जाऊं
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