Rejuvenation of Ayodhya

Rejuvenation of Ayodhya: अयोध्या की आध्यात्मिक यात्रा ने आधुनिक कनेक्टिविटी के साथ भरी उड़ान

Rejuvenation of Ayodhya: अयोध्या का परिवर्तन केवल परिवहन बुनियादी ढांचे तक सीमित नहीं है और इसका विस्तार अयोध्या के समग्र विकास तक है

अयोध्या, 19 जनवरीः Rejuvenation of Ayodhya: अयोध्या के केंद्र में, जहां इतिहास सहज रूप से आध्यात्मिकता के साथ जुड़ा हुआ है। एक महान परिवर्तन चल रहा है, जो राम मंदिर के पवित्र आधार से कहीं आगे तक फैला हुआ है। जिस तरह भव्य मंदिर आकार ले रहा है, भारत सरकार ने दूरदर्शी कदम उठाते हुए, अयोध्या की कनेक्टिविटी में व्यापक बदलाव की योजना बनाई है, जिससे प्राचीन शहर को पहुंच के एक नए युग में प्रवेश कराया जा सके।

इस क्रमिक विकास में सबसे आगे है अयोध्या का हाल ही में उद्घाटन किया गया और नये सिरे से तैयार रेलवे स्टेशन, जिसका नाम अब बदलकर अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन कर दिया गया है। 240 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित, यह कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

अचंभित कर देने वाली तीन मंजिला लिफ्ट, एस्केलेटर, फूड प्लाजा और पूजा की जरूरतों को पूरा करने वाली दुकानें, आधुनिक सुविधा के साथ आध्यात्मिकता का मिश्रण हैं। उपयोगी और व्‍यावहारिक होने के अलावा, यह क्लॉकरूम, चाइल्ड केयर रूम और वेटिंग हॉल जैसी सुविधाओं के साथ समावेशिता को प्राथमिकता देता है, गर्व से ‘सभी के लिए सुलभ’ और ‘आईजीबीसी प्रमाणित ग्रीन स्टेशन बिल्डिंग’ का लेबल देता है।

Rejuvenation of Ayodhya: इस कायाकल्‍प का महत्व तब पता चला जब प्रधानमंत्री ने स्वयं अपनी उपस्थिति से अयोध्या की शोभा बढ़ाई और एक अभूतपूर्व विकास-अमृत भारत एक्सप्रेस, जो देश में सुपरफास्ट यात्री ट्रेनों की एक नई श्रेणी है, को हरी झंडी दिखाई। इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने अयोध्या-आनंद विहार टर्मिनल वंदे भारत एक्सप्रेस का भी उद्घाटन किया।

दिसम्‍बर 2023 में महर्षि वाल्मिकी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के उद्घाटन के साथ अयोध्या का परिवर्तन रेलवे से भी आगे बढ़ गया है। 1450 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से विकसित, चरण 1 में 6500 वर्गमीटर में फैले एक अत्याधुनिक टर्मिनल की शुरुआत की गई है, जो सालाना 10 लाख यात्रियों की सेवा के लिए तैयार है।

यह टर्मिनल, नवनिर्मित श्री राम मंदिर को प्रतिबिंबित करता है, इसके अग्रभाग पर मंदिर-प्रेरित वास्तुकला है, जबकि इसके अंदरूनी हिस्से में स्थानीय कला और भित्ति चित्र शहर की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं। दूसरे चरण में, हवाई अड्डे का लक्ष्य सालाना 60 लाख यात्रियों को सेवा प्रदान करना है, बेहतर कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है जो पर्यटन को प्रोत्साहित करने, व्यावसायिक गतिविधियों को बढ़ावा देने और क्षेत्र में रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए तैयार है।

अयोध्या का परिवर्तन केवल परिवहन बुनियादी ढांचे तक सीमित नहीं है और इसका विस्तार अयोध्या के समग्र विकास तक है। प्रधानमंत्री की हालिया यात्रा में चार नई पुनर्विकसित, चौड़ी और सुंदर सड़कों- रामपथ, भक्तिपथ, धर्मपथ और श्री राम जन्मभूमि पथ का उद्घाटन हुआ, जिससे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों की पहुंच बढ़ गई।

अयोध्या के बुनियादी ढांचे का पुनर्विकास और पर्यटन क्षेत्र में निवेश शहर के परिवर्तन के लिए एक समग्र दृष्टिकोण प्रदर्शित करता है। कनेक्टिविटी में सुधार, आगंतुक अनुभव को बढ़ाने और अपनी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करके, अयोध्या तीर्थयात्रा, पर्यटन और आर्थिक समृद्धि का एक संपन्न केन्‍द्र बनने की ओर अग्रसर है।

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