Surat railway station plan 5

Redevelopment of Surat and Udhna Railway Stations: सूरत रेलवे स्टेशन को मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब ( एमएमटीएच ) के अनुरूप विकसित करने की परिकल्पना

सूरत और उधना रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए अनुमानित लागत लगभग 1285 करोड़ रूपये है,कार्य दिए जाने के बाद पूरा करने की समयावधि चार वर्ष है।

  • आईआरएसडीसी ने सूरत और उधना रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास हेतु आमंत्रित किया आरएफ़क्यू

सूरत, 25 जुलाई: Redevelopment of Surat and Udhna Railway Stations: देश भर में रेलवे स्टेशनों के पुनर्निर्माण/विकास के लिए कार्यरत नोडल एजेंसी भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम लिमिटेड (आईआरएसडीसी) ने गुजरात के सूरत और उधना रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन (आरएफ़क्यू) आमंत्रित किया है। पुनर्विकास का उद्देश्य इन रेलवे स्टेशनों को रेलोपोलिस‘ में बदलना है। रेलोपोलिस‘- मिश्रित उपयोग के विकास के साथ एक मिनी-स्मार्ट सिटी होगा जहां कोई भी रह सकता हैकाम कर सकता हैट्रांसपोर्ट की विभिन्न सुविधाओं का उपयोग कर सकता है,  सभी सुविधाओं के साथ यह बड़े निवेश और व्यावसायिक अवसरों को आकर्षित कर सकता है।

Redevelopment of Surat and Udhna Railway Stations

ये पुनर्विकसित रेलवे स्टेशन यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएं (Redevelopment of Surat and Udhna Railway Stations) प्रदान करेंगे और उनके यात्रा अनुभव को बढ़ायेंगे। विकास के लिए कुल क्षेत्रफल सूरत रेलवे स्टेशन के लिए 3,40, 131 वर्ग मीटर और उधना रेलवे स्टेशन के लिए  7,38,088 वर्ग मीटर है। सूरत और उधना रेलवे स्टेशन परिवेश विकास के लिए निर्मित क्षेत्र ( बीयूए ) क्रमशः लगभग 4, 65,000 वर्ग मीटर और 37, 175 वर्ग मीटर है। सूरत और उधना रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए चार साल के तय समय सीमा के अंतर्गत  अनुमानित लागत लगभग 1285 करोड़ रूपये है। प्री-बिड मीटिंग 6 अगस्त 2021 को आयोजित की जाएगी वहींबोली जमा करने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2021 है। अधिक जानकारी के लिए etenders.gov.in देखें।

Redevelopment of Surat and Udhna Railway Stations

आईआरएसडीसी के सीईओ और एमडी एस. के. लोहिया ने कहा, “सूरत एक गतिशील वाणिज्यिक और औद्योगिक केंद्र तथा दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते हुए शहरों में से एक है। सूरत और उधना रेलवे स्टेशन पुनर्विकास परियोजना का उद्देश्य स्थानीय अर्थव्यवस्था को और मजबूत करना तथा शहर की पर्यटन क्षमता को बढ़ावा देना है। स्टेशनों को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे जैसा बनाने और यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए वैश्विक मानकों के अनुरूप पुनर्विकास किया जायेगा। सूरत रेलवे स्टेशन को मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब ( एमएमटीएच) के रूप में विकसित करने की परिकल्पना की गयी हैइस प्रकार यात्रियों को परेशानी मुक्त और आरामदायक यात्रा प्रदान किया जा सके।

Redevelopment of Surat and Udhna Railway Stations

रेल मंत्रालय और गुजरात सरकार के सहमति के साथ आईआरएसडीसी जीएसआरटीसी और एसएमसी के बीच एक संयुक्त उद्यम के रूप मेंकंपनी अधिनियम, 2013 के तहत निगमित एक विशेष प्रयोजन के तहतसूरत इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्टेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (एसआईटीसीओ) की ओर से आईआरएसडीसी द्वारा स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा।

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ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) और स्मार्ट सिटी सिद्धांतों का उपयोग करके स्टेशन परिवेश को बदलने के लिए इन स्टेशनों को एकीकृत रेलवे स्टेशनों और उप-केंद्रीय बिजिनस डिस्ट्रिक्ट के रूप में पुनर्विकास करने की कल्पना की गई है। पुनर्विकसित स्टेशनचारो तरफ  के परिवेश के साथ सहज पहुँच और कनेक्टिविटी प्रदान करेगा तथा विकास का नया मानक बनाएगा जो स्टेशन परिवेश और शहर के लिए अद्वितीय और यादगार पहचान देने के लिए अधिकतम अनुमेय ऍफ़एसआई का उपयोग करेगा।

Redevelopment of Surat and Udhna Railway Stations

पुनर्विकसित स्टेशन (Redevelopment of Surat and Udhna Railway Stations) अनेक लाभ प्रदान करेंगे जैसे कि आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देनारोजगार के अवसर पैदा करनापर्यटन क्षमता में वृद्धिभीड़भाड़ को कम करनारेलवे स्टेशन के पूर्व और पश्चिम की ओर संतुलित उपयोग और मल्टी-मॉडल हब के साथ एक विश्व स्तरीय पारगमन प्रणाली की शुरुआत करना जो कि किफायतीलाभप्रद और सस्टेनेबल है।

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सूरत गुजरात का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। इसने पिछले चार दशकों में तेजी से बढ़ते औद्योगिक क्षेत्र के कारण उच्च विकास दर देखी है जिसने रोजगार के अवसर पैदा किए हैं और युवाओं के आव्रजन को प्रोत्साहित किया है। शहर में वर्तमान में क्षेत्रीय सेवाओं के 2.5-3 लाख उपयोगकर्ता हैंजिनमें सार्वजनिक परिवहन सेवाओं में/से 80% स्थानान्तरण की संभावना है।

यह आंकड़ा प्रतिदिन 4-4.5 लाख क्षेत्रीय यात्रियों और अतिरिक्त 1-2 लाख नए उपयोगकर्ताओं तक बढ़ने की उम्मीद है। यह इन रेलवे स्टेशनों के लिए बहु-मॉडल परिवहन केंद्रों के रूप में पुनर्विकास के लिए अच्छा संकेत है जो सीधे क्षेत्रीय सेवाओं (यानीट्रेन और क्षेत्रीय बसों) और शहरी सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों ( हाई मोबिलिटी बस कॉरिडोरबस रैपिड ट्रांजिट सिस्टमसिटी बस और उपनगरीय बस सेवा ) से जुड़ते हैं।

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