रेल मंत्रालय ने हावड़ा-कालका मेल का नाम बदलकर ‘‘नेताजी एक्सप्रेस’’ रखा
अहमदाबाद, 20 जनवरी: हावड़ा-कालका मेल अब नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नाम पर ‘‘नेताजी एक्सप्रेस’’ नाम से चलेगी। रेल मंत्रालय ने ट्रेन संख्या 12311/12312 हावड़ा-कालका मेल को मंजूरी दे दी है। यह भारतीय रेल की बहुत ही लोकप्रिय और पुरानी रेलगाड़ियों में से एक है। यह रेलगाड़ी हावड़ा-कालका मेल कोलकाता से रवाना होकर दिल्ली होते हुए कालका जायेगी।
रेल मंत्री ने अपने ट्विटर संदेश में लिखा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्राकट्य ने भारत को स्वतंत्रता और विकास के एक्सप्रेस मार्ग पर आगे बढ़ाया था। मैं उनकी जयंती के मौके पर नेताजी एक्सप्रेस की शुरुआत के साथ बेहद रोमांचित हूं।
एक जनवरी 1866 को कालका मेल पहली बार चली थी। उस वक्त इस ट्रेन का नाम 63 अप हावड़ा पेशावर एक्सप्रेस था। 18 जनवरी 1941 को फिरंगियों को चकमा देकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस इसी ट्रेन पर धनबाद जिले के गोमो जंक्शन से सवार होकर निकले थे। नेताजी की यादों से जुड़ी होने के कारण ही रेलवे ने कालका मेल का नामकरण नेताजी एक्सप्रेस के रूप में किया है।
गौरतलब है कि महापुरूषों के नाम पर रेलगाड़ियों का नामकरण करना रेल मंत्रालय की बहुत पुरानी परंपरा है। इसके पहले रेल मंत्रालय ने मशहूर शायर कैफी आजमी के नाम पर कैफियत एक्सप्रेस शुरू की थी। जो दिल्ली से आजमगढ़ के बीच दौड़ती है। कैफी आजमी हिन्दी और उर्दू के मशहूर शायर थे।
बता दें कि 80 साल पहले जिस ट्रेन से नेताजी सुभाष चंद्र बोस गुम हुए थे, उस ट्रेन का नाम अब रेलवे ने नेताजी एक्सप्रेस कर दिया है। हावड़ा कालका मेल अब नेताजी एक्सप्रेस बनकर चलेगी। हावड़ा कालका मेल भारतीय रेल की सबसे पुरानी ट्रेनों में से एक है।
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