कृषि कानूनों के खिलाफ रेल रोको (Rail roko) के ऐलान का अधिकतर किसान संगठनों ने किया विरोध, जानें क्या है कारण और रेलवे की क्या है तैयारी
नई दिल्ली, 18 फरवरी। केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों ने आज दोपहर 12 से 4 बजे तक रेल रोको (Rail roko) का ऐलान किया है। हालांकि कई किसान संगठनों ने इसका विरोध भी किया है। इस प्रकार विरोध और समर्थन के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने व्यापक तैयारियाँ कर ली है। सिंघु, टीकरी और अन्य स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई हैं।
किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि स्थानीय लोग ही अपने-अपने क्षेत्रों में ट्रेन (Rail roko) रोकेंगे। यह सांकेतिक कार्यक्रम होगा जहाँ किसान इंजन पर फूल-माला चढ़ाने के साथ चालक को फूल देंगे। वहीं यात्रियों को जलपान कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य बंद ट्रेनों को शुरू करवाना है।
यूपी गेट स्थित घटना स्थल का कोई भी किसान इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा। एक नोटिस के बारे में टिकैत ने कहा कि उन्होंने हाईवे की केवल लेन घेरी है। बाकी सभी खुली हैं। यदि एनएचएआई ने ज्यादा सख्ती की तो वह देश के सभी ट्रोल फ्री करवा देंगे। टिकैत ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले वे बंगाल जायेंगे। वहाँ के किसानों की समस्या सुनकर केंद्र व राज्य सरकार से जवाब मांगेंगे।
आंदोलन करनेवाले किसानों के रेल रोको ऐलान के तहत रेल प्रशासन ने रेलवे पटरियों की सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी है। रेलवे ने आरपीएसएफ की 20 अतिरिक्त कंपनियों को तैनात किया गया है। ये कंपनियां पंजाब, हरियाणा, यूपी और पश्चिम बंगाल में विशेष ध्यान केंद्रित करेंगे।
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