कोंकणी भाषा-संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार ने बनाई कोंकणी अकादमी

  • मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में कला, संस्कृति और भाषा विभाग द्वारा नवस्थापित कोंकणी अकादमी के तहत विभिन्न पुरस्कार, उत्सव और भाषाई पाठ्यक्रम की पहल होगी
  • सभी कोंकणी भाषियों तथा कोंकणी भाषा प्रेमियों को बधाई, दिल्ली सरकार ने कोंकणी भाषा को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली में कोंकणी अकादमी के गठन को मंजूरी दी है : माननीय मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल
  • हर भारतीय के दिल में गोवा का विशेष स्थान है। राजधानी को वास्तविक कोंकणी संस्कृति से अवगत कराएगी दिल्ली सरकार की कोंकणी अकादमी : उपमुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया

रिपोर्ट: महेश मौर्य, दिल्ली
नई दिल्ली, 08 जनवरी 2021: दिल्ली सरकार ने आज कैबिनेट बैठक में कोंकणी अकादमी की स्थापना को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कोंकणी भाषा और संस्कृति को बढ़ावा के लिए यह कदम उठाया गया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में कला, संस्कृति और भाषा विभाग के तहत यह अकादमी स्थापित की जाएगी। इसके माध्यम से दिल्लीवासियों को कोंकणी की समृद्ध संस्कृति, भाषा, साहित्य और लोककलाओं से रू-ब-रू होने का अवसर मिलेगा। इस नवस्थापित कोंकणी अकादमी को जल्द ही सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ एक कार्यालय स्थान आवंटित किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री सह कला, संस्कृति और भाषा विभाग के मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हरेक भारतीय के दिल में गोवा का एक विशेष स्थान है। दिल्ली सरकार की कोंकणी अकादमी राजधानी में कोंकणी संस्कृति को इसके प्रामाणिक रूप में सामने लाएगी

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दिल्ली सरकार ने कला, संस्कृति और भाषा विभाग के तहत 2019 में 14 नई भाषा अकादमियों का गठन किया था। देश की राजधानी होने के नाते दिल्ली में देश की समस्त विविध संस्कृतियों का मेलजोल दिखता है। इन भाषा अकादमियों का उद्देश्य केवल उस भाषा के बोलने वालों के हितों तक नहीं बल्कि उसे व्यापक दर्शकों तक पहुंचना भी है। इसलिए दिल्ली में किसी भाषा विशेष के बोलने वालों की संख्या की परवाह किए बिना दिल्ली सरकार ने देश की सांस्कृतिक विविधता को सामने लाने के लिए इन भाषा अकादमियों की स्थापना की है। दिल्ली में रहने वाले सभी भाषा-भाषियों को अपनी संस्कृति का सम्मान करके उन्हें सम्मान, अपनापन और पहचान की भावना प्रदान करना दिल्ली सरकार अपना फर्ज समझती है।
पहले चरण में कई भाषाओं को शामिल किया गया था तथा कुछ महत्वपूर्ण भाषाओं को अगले चरण में शामिल करने की आवश्यकता है। कोंकणी भाषा भारत के सांस्कृतिक इतिहास का एक बहुत ही रोचक और गतिशील अंग है। दिल्ली सरकार ने हाल ही में तमिल संस्कृति और भाषा को बढ़ावा देने के लिए तमिल अकादमी का भी गठन किया है
कोंकणी अकादमी के तहत पुरस्कार, उत्सव और भाषा पाठ्यक्रम