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भारत-अमेरिका के बीच एच-1 बी वीजा (H-1B Visa) का मामला, भारतीय पेेशेवरों को मिलेगी राहत

(H-1B Visa)

भारत-अमेरिका के बीच एच-1 बी वीजा (H-1B Visa) का मामला, भारतीय पेेशेवरों को मिलेगी राहत

वॉशिंगटन, 14 मार्चः ट्रंप प्रशासन द्वारा जारी परिपत्रों से विदेशी कामगारों के वीजा पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव को लेकर बाइडेन प्रशासन ने परिपत्रों को वापस ले लिया है। बाइडेन प्रशासन ने कहा है कि वह पूर्ववर्ती ट्रंप प्रशासन द्वारा जारी तीन नीतिगत परिपत्रों से विदेशी कामगारों के वीजा पर प्रतिकूल फैसलों या आपत्तियों को लेकर पुनर्विचार करेगा। इसमें एच-1 बी वीजा (H-1B Visa) भी शामिल हैं। तीनों नीतिगत परिपत्रों को वापस ले लिया गया है।

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बाइडेन प्रशासन के इस कदम से बड़ी संख्या में भारतीय आईटी पेशेवरों को राहत मिलेगी जो पूर्व में ट्रंप प्रशासन द्वारा जारी विभिन्न नीतियों के चलते गैर आव्रजन कार्य वीजा खासतौर पर एच-1 बी वीजा (H-1B Visa) पर मुश्किलों का सामना कर रहे थे। अमेरिकी नागरिक एवं आव्रजन सेवा ने घोषणा की है कि वह गैर आव्रजक कामगारों की याचिका फॉर्म आई-129 को दोबारा खोल सकती है अथवा 3 वापस लिये गये परिपत्रों पर आधारित प्रतिकूल फैसलों पर पुनर्विचार कर सकती है।

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यूएससीआईएस के मुताबिक सामान्यतः वह याचिका को दोबारा खोलने के विशेषाधिकार का इस्तेमाल तब करती है जब फैसले के 30 दिन बाद अर्जी लगायी जाये। साथ ही यदि इसे वैध अनुरोध अवधि खत्म होने से पहले दाखिल किया जायें और फैसला एच-1 बी वीजा (H-1B Visa) पर वापस लिये गये तीन परिपत्र के मामलों में से किसी एक या उससे अधिक नीतियों पर आधारित हो तब भी विशेषाधिकार का मामला होता है।

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