Bhoomi pujan of hanuman statue: नाथद्वारा के गिरिराज पर्वत पर स्थापित होने वाली 108 फीट ऊंची हनुमान की प्रतिमा का भूमिपूजन
Bhoomi pujan of hanuman statue: विशाल बावा ने किया नाथद्वारा के गिरिराज पर्वत पर स्थापित होने वाली 108 फीट ऊंची प्रतिमा का भूमि पूजन
नाथद्वारा, 07 अप्रैलः Bhoomi pujan of hanuman statue: निकुंज नायक प्रभु श्रीनाथजी की धरा पर 6 अप्रैल (गुरुवार) हनुमान जयंती के विशेष अवसर पर पुष्टिमार्गीय प्रधान पीठ प्रभु श्रीनाथजी की हवेली के तिलकायत सुपुत्र युवराज विशाल बावा के कर कमलों से पवन पुत्र राम भक्त हनुमान की अलौकिक हाथ जोड़े प्रभु श्रीनाथजी के दर्शन करती हुई प्रतिमा का नाथद्वारा के गिरिराज पर्वत (बड़ा मगरा) के शिखर पर स्थापित होने वाली प्रतिमा का भूमि पूजन किया।
यह प्रतिमा तिलकायत की आज्ञा एवं विशाल बावा की प्रेरणा से मुंबई के वैष्णव गिरीश भाई शाह द्वारा बनवाई जा रही है। प्रतिमा 15 फीट आधार पर 108 फीट ऊंचाई लिए दक्षिणमुख हाथ जोड़े प्रभु श्रीनाथजी के दर्शन करती हुई होगी! इसके मूर्तिकार नरेश कुमावत है जिन्होंने नाथद्वारा स्थित विश्वास स्वरूपम शिव प्रतिमा का निर्माण किया था। हनुमान जयंती के विशेष अवसर पर विशाल बावा ने इक्कीस पंडितों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार एवं विधि विधान द्वारा भूमि पूजन किया गया।
इस अवसर पर विशाल बावा ने हनुमान प्रभु का पुष्टिमार्ग के साथ किस तरह घनिष्ठ संबंध है। उसका महत्व बताते हुए अपने प्रवचन ने कहा.. पुष्टीमार्ग तत्वसुख का मार्ग है जिसमें सेवक का केवल एक ध्येय होता है स्वामी को सुख पहुंचाना हनुमानजी की भक्ति में भी यही दर्शनीय भाव है जो पुष्टि का ही द्योतक है। हनुमान के चरित्र का विस्तृत अध्ययन करें तो कहा जा सकता है कि आप पुष्टि भक्त समान ही है।
स्वामी को समर्पित मर्यादा भक्त केवल इसलिए कहा जाता है हनुमानजी को क्योंकि अपने प्रभु की भक्ति मर्यादा पुरुषोत्तम के स्वरूप में ही की है। पुष्टि मार्ग में हनुमान को विशेष स्थान दिया गया है चाहे वह प्रभु श्री रामलीला की पिछवाई हो या करखा के दिनों में हनुमानजी का खंड पर स्थान। करखा के तो सभी पद हनुमान के चरित्र का वर्णन करते हैं मूल रूप से पुष्टि मार्ग में एक और प्रमुख संबंध प्रत्यक्ष जो हनुमान से जुड़ता है वह है पंचांग दंडवत का प्रकार जोकि हनुमान की बैठक पर ही आधारित है और दैन्यता का ही प्रतीक है।
क्योंकि हनुमानजी दैन्यता एवं मुग्धता से ही प्रभु के प्रिय हैं जबसे निकुंज नायक प्रभु श्रीनाथजी ब्रज से मेवाड़ पधारे तो सभी देवी देवता आपकी सेवार्थ ब्रज से मेवाड़ आपके साथ पधारे जैसे शिव जी हनुमानजी माताजी आदि और इसलिए नाथद्वारा में सभी का विशेष स्थान एवं सम्मान है और श्रीजी की कृपा से यह चिरकाल तक यथावत रहेगा। हनुमान जन्मोत्सव पर आप सभी हनुमानजी से समर्पण एवं दैन्यता सीखे ऐसी मंगल कामना करता हूं..।
इस शुभ अवसर पर वैष्णव गिरीश भाई शाह एवं उनके परिवार जन, मंदिर मंडल सीईओ जितेंद्र ओझा, वैष्णव अंजन शाह, श्रीनाथजी मंदिर के सहायक अधिकारी अनिल सनाढ्य, महाराज के सचिव लीलाधर पुरोहित, मंदिर के पंड्या जी परेश नागर, पंडित देव कृष्ण, मंदिर पीआरओ एवं मीडिया प्रभारी गिरीश व्यास, कैलाश पालीवाल, मंदिर सेवकगण एवं सैकड़ों वैष्णव जन उपस्थित थे।
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