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Bajrang Dal worker murder: कर्नाटक के शिवमोगा में बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या से तनाव, धारा 144 लागू

Bajrang Dal worker murder: कर्नाटक के गृहमंत्री अराना ज्ञानेंद्र ने मृतक के परिजनों से की मुलाकात

नई दिल्ली, 21 फरवरीः Bajrang Dal worker murder: कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद रूकने का नाम नहीं ले रहा हैं। छात्र इसके खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं आम लोग से लेकर राजनीतिक नेता भी इस मामले पर अपनी राय दे रहे हैं। इस बीच कर्नाटक के शिवमोगा में हिजाब विवाद की वजह से बजरंग दल के कार्यकर्ता की चाकू मारकर हत्या (Bajrang Dal worker murder) कर दी गई हैं। लेकिन अभी स्पष्ट नहीं है कि हत्या हिजाब विवाद को लेकर हुई या फिर किसी अन्य कारण से। घटना के बाद पूरे इलाके में तनाव बढ़ गया है, जिसके चलते पुलिस और भी ज्यादा सक्रिय हो गई हैं।

जानकारी के अनुसार घटना कल रात तकरीबन नौ बजे की हैं। 26 वर्षीय बजरंग दल कार्यकर्ता की पहचान हर्षा के रूप में हुई हैं। पुलिस के बताए अनुसार हर्षा ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर हिजाब के खिलाफ पोस्ट लिखी थी। उन्होंने भगवा शॉल का समर्थन किया था। जिसके बाद यह घटना हुई। कई कार्यकर्ता हत्या के बाद अस्पताल पहुंच गए और घटना का विरोध जताने लगे। बढ़ते तनाव को देखते हुए पूरे शिवमोगा में धारा 144 लागू कर दी गई हैं।

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घटना की जानकारी मिलते ही राज्य के गृहमंत्री अराना ज्ञानेंद्र ने मृतक के परिजनों से मुलाकात की। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हत्या का हिजाब विवाद से कोई कनेक्शन नहीं है लेकिन पुलिस फिलहाल जांच कर रही हैं। उन्होंने कहा बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या के पीछे चार से पांच युवकों के समूह के होने की बात सामने आई हैं। हालांकि यह लोग किसी संगठन से थे या नहीं, अभी तक इसकी जानकारी नहीं मिल पाई हैं। उन्होंने आगे कहा कि कानून-व्यवस्था नियंत्रित करने के लिए एहतियात के तौर पर शिवगोमा में स्कूल व कॉलेजों को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया हैं।

आज कर्नाटक हाईकोर्ट में मामले को लेकर होगी सुनवाई

बता दें कि कर्नाटक केे हिजाब विवाद में सबसे अधिक सक्रिय बजरंग दल ही हैं। इसके अलावा कई हिंदू संगठन कर्नाटक के स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनने का विरोध कर रहे हैं। मालूम हो कि इस मामले पर आज कर्नाटक हाईकोर्ट में एक बार फिर सुनवाई होनी हैं। इससे पहले हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने धार्मिक कपड़ों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था। इसके अलावा कर्नाटक अल्पसंख्यक आयोग ने भी इसी तरह का आदेश जारी किया हैं।

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