नर से नारायण की यात्रा: गिरीश्वर मिश्र(Nar se narayan ki yatra)

इन्हीं के समानांतर धर्म, अर्थ, काम, और मोक्ष के पुरुषार्थों को भी उन्होंने रेखांकित किया. उनका मानना था कि वैयक्तिकता के विरुद्ध जा कर अंतत: साम्यवाद भी व्यक्ति को कुचल … Read More