Varanasi Anganwadi Centers

Varanasi Anganwadi Centers: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में आंगनबाडी केंद्रों को किया जायेगा सुदृढ़

  • किट वितरण में रिलायंस फाउंडेशन, फीडिंग इंडिया, युवा अनस्टॉपेबल तथा ऐप्‍टकोडर के सीएसआर फंड का उपयोग भी नवीन कार्यों हेतु लिया गया

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 02 मार्चः
Varanasi Anganwadi Centers: अपने दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंची उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा कमिश्नरी सभागार में आंगनवाड़ी केंद्रों (Varanasi Anganwadi Centers) के सुदृढ़ीकरण हेतु आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया गया। कार्यक्रम के दौरान गेल इंडिया लिमिटेड के सहयोग से आंगनबाड़ी केंद्रों को किट वितरण किया गया।

राज्यपाल ने कार्यक्रम के दौरान संबोधित करते हुए आज हुए विभिन्न एमओयू के लिए सभी के प्रयासों को सराहते हुए कहा कि इसका सुखद परिणाम भविष्य में सबको मिलेगा। पहले यह विभाग सरकारों की प्राथमिकता में नहीं रहता था, अधिकारियों पर कार्य थोपे जाते थे। आज का बच्चा कल का हमारा भविष्य है. उसको आज हम ध्यान देंगे तभी कल के दिन वो भारत को विश्व गुरु बनाने मे मददगार साबित होगा।

उन्होंने 1998 में गुजरात सरकार में किये अपने प्रयासों को रेखांकित करते हुए कहा कि किस प्रकार आईसीडीएस यूनिट व महिला बाल विकास विभाग अस्तित्व में आया तथा प्रमुख कल्याणकारी योजनाएं धीरे-धीरे राष्ट्रीय पटल पर भी अस्तित्व में आई। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में 12000 आंगनवाड़ी केंद्रों में इस प्रकार के साधन उपलब्ध हो चुके हैं।

उन्होंने मंच से इस दिशा में किये जा रहे प्रयासों के लिये युवा मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की मुक्तकंठ से प्रशंसा भी की। उन्होंने कहा कि बच्चों को जन्म से पहले तथा जन्म के बाद अगर अच्छा रखरखाव तथा देखभाल मिले तो स्वास्थ्यगत समस्यायों को बहुत हद्द तक नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी प्रसव अस्पतालों में हो ताकि जच्चा-बच्चा की उचित देखभाल जन्म के समय हो सके।

उन्होंने समाज में बेटा-बेटी भेदभाव को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने बताया कि इन प्रकार के किट वितरण से स्लो लर्नर वाले बच्चों की पहचान की जा सकती है तथा समय से उनका उचित देखभाल कर उनको अच्छे बच्चों की श्रेणी में लाया जा सकता है। उन्होंने महिलाओं में कैंसर के बढ़ते मामलों को रोकने हेतु शुरुआती जांच को प्रेरित किया।

उन्होंने कहा कि इसका एक एम ओ यू आज लखनऊ में हुआ है जिसमें बेल(भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड) के सहयोग से गांव-गांव जांच करने जायेगी जिसका लाभ महिलाओं को मिलेगा। उन्होंने विभिन्न कंपनियों को अपने सीएसआर का इस्तेमाल महिलाओं व बच्चियों के लिये खर्च करने हेतु प्रेरित किया ताकि समाज को एक नयी दिशा देते हुए गंभीर बीमारियों को रोका जा सके।

क्या आपने यह पढ़ा… EC Instructions: उम्मीदवारों को चुनाव आयोग का सख्त निर्देश, इस तरह नहीं मांग पाएंगे वोट…

उन्होंने बताया कि केवल उत्तर प्रदेश में लगभग 15 लाख महिलाओं में कैंसर की बीमारी है जिसको रोकने हेतु हमें जल्दी चिन्हित करने हेतु जांच कराना चाहिए। महिलाओं के प्रति धीरे-धीरे समाज में बदलाव आ रहा है बच्चियां अब अपने कैरियर के प्रति सचेत रहते हुए आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि सभी को अच्छे संस्कार दें।

उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री श्रम एवं सेवायोजन अनिल राजभर ने राज्यपाल के इस दिशा में लगातार प्रयास करने को उल्लिखित करते हुए कहा कि दूसरे प्रदेशों के लोग भी राज्यपाल के प्रयासों को अपनाने को लालायित हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के प्रयासों से गरीब बस्तियों में भी इनका लाभ मिला रहा है। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लगातार विभिन्न क्षेत्रों में प्रयास को सराहते हुए उनके आत्मनिर्भर भारत में सहयोग को भी रेखांकित किया।

आयुष मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने राज्यपाल के प्रति इस तरफ देने हुए धन्यवाद ज्ञापित किया की किस प्रकार उन्होंने महिलाओं, माताओं, बच्चों सबकी सुध ली तथा लगातार वाराणसी के लिए उनके विशेष ध्यान देने को आभार जताया। माँ की खुशी बच्चे के संपूर्ण शारीरिक विकास में मददगार साबित होता है।

जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या ने कार्यक्रम में बोलते हुए राज्यपाल के वाराणसी पर विशेष ध्यान देने के प्रति उनका आभार जताते हुए आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को छोटे बच्चों के प्रति उनके लगाव को सराहा गया। मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने वाराणसी प्रशासन के लगातार सहयोग को राज्यपाल के प्रति आभार प्रकट किया गया। उन्होंने बताया कि गेल इंडिया लिमिटेड द्वारा आज 500 केंद्रों पर किट का वितरण सुनिश्चत किया गया है।

पूर्व में भी 715 केंद्रों को भी किट वितरित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि पूर्व में भी 1419 केंद्रों का कायाकल्प किया जा चुका है। 2500 केंद्रों पर पोषण वाटिका स्थापित की गयी है। विभिन्न स्वास्थ्य प्रयासों के परिणामस्वरूप चिन्हित 25000 बच्चों में 9000 को पूरी तरह ट्रीटमेंट देकर सही किया जा चुका है।

आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों की उपस्थिति को 45% से बढ़कर 80% पहुँच चुकी है जिसको शत प्रतिशत करने को लगातार प्रशासनिक प्रयास किया जा रहा है। पोषण ट्रैकर पर पिछले एक वर्ष से वाराणसी लगातार प्रथम स्थान पर बना हुआ है उन्होंने बताया कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु आज ‘डिजिटल दीदी’ नाम से कोडिंग सिखाने की शुरुआत होगी।

कार्यक्रम में सुशील कुमार महाप्रबंधक गेल, जिला कार्यक्रम अधिकारी, आयुष मंत्री के पीआरओ गौरव राठी समेत गेल इंडिया लिमिटेड के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

Whatsapp Hindi Banner
देश की आवाज की खबरें फेसबुक पर पाने के लिए फेसबुक पेज को लाइक करें