Vande Bharat Train: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देंगे गुजरात को वंदे भारत ट्रेन का उपहार, जानें पूरी डिटेल…
- गांधीनगर रेलवे स्टेशन से प्रधानमंत्री दिखायेंगे वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी
- ‘KAVACH’ तकनीक से युक्त पहली वंदे भारत ट्रेन
- GSM/GPRS, टच-फ्री स्लाइडिंग डोर जैसी सुविधाएं, 0 से 100 किमी तक की गति केवल 52 सेकंड में प्राप्त करेगी
Vande Bharat Train: 30 सितम्बर को पीएम मोदी देंगे गुजरात को वंदे भारत ट्रेन का उपहार
गाँधीनगर, 27 सितंबर: Vande Bharat Train: 29 और 30 सितंबर को गुजरात दौरे पर आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने गृह राज्य को एक बड़ा उपहार देने जा रहे हैं। प्रधानमंत्री 30 सितंबर को राज्य की राजधानी गाँधीनगर से वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर इसे राष्ट्र को समर्पित करेंगे। इस अवसर पर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव और रेलवे राज्यमंत्री दर्शना जरदोष भी उपस्थित रहेंगे।
मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने पिछले एक वर्ष में राज्य में परिवहन सुविधाओं को दृढ़ बनाने के लिए उल्लीखनीय कार्य किया है, ऐसे में यह वंदे भारत ट्रेन गुजरात के नागरिकों के लिए पब्लिक ट्रान्सपोर्ट की सुविधा बढ़ायेगी। दिल्ली की दो रूटों पर बड़ी सफलता के बाद भारत की पहली स्वदेशी सेमी हाई स्पीड ट्रेन अब गुजरात की पटरियों पर भी दौड़ती दिखाई देगी। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही गुजरात में वंदे भारत ट्रेन का सफल ट्रायल भी किया गया था।
‘KAVACH’ तकनीक से युक्त पहली वंदे भारत ट्रेन
गुजरात में चलने वाली इस वंदे भारत ट्रेन में पहली बार KAVACH (Train Collision Avoidance System) तकनीक को लॉन्च किया जा रहा है। इस तकनीक की मदद से दो ट्रेनों की आमने-सामने से होने वाली टक्कर जैसी दुर्घटनाओं को अब रोका जा सकेगा। इस तकनीक को देश में ही विकसित किया गया है जिसके कारण इसकी लागत काफी कम है।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार द्वारा 2022 के बजट में 2,000 किलोमीटर तक के रेल नेटवर्क को ‘कवच’ के तहत लाने की योजना के बारे में ऐलान किया गया था और मार्च 2022 में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसका सफल परीक्षण भी किया था।
बहुत खास है वंदे भारत ट्रेन
स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड के नाम से प्रसिद्ध यह ट्रेन 0 से 100 किमी. प्रति घंटे तक की गति मात्र 52 सेकंड में प्राप्त कर लेती है। इस ट्रेन में यात्रियों की सुविधाओं के लिए स्लाइडिंग फुटस्टेप्स के साथ-साथ टच फ्री स्लाइडिंग डोर के साथ स्वचालित प्लग दरवाजे भी लगे हुए हैं।
एसी की मॉनिटरिंग के लिए कोच कंट्रोल मैनेजमेंट सिस्टम, और कंट्रोल सेन्टर व मेन्टेनेन्स स्टाफ के साथ कम्युनिकेशन एवं फीडबैक के लिए GSM/GPRS जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है।
दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष शौचालय, और सामान्य यात्रियों के लिए टच-फ्री एमिनिटीस वाले बायो वैक्यूम टॉयलेट्स की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार, दृष्टिबाधित यात्रियों की सुविधा के लिए सीटों में ब्रेल लिपि के साथ सीट संख्या उकेरी गई है ताकि ऐसे यात्री अपनी सीटों तक आसानी से पहुँच सकें।
इतना ही नहीं, आधुनिक तकनीक की बात करें तो इस ट्रेन में बेहतर ट्रेन नियंत्रण प्रबंधन के लिए लेवल-II सेफ्टी इंटीग्रेशन सर्टिफिकेशन, कोच के बाहर रियर व्यू कैमरों सहित 4 प्लेटफार्म साइड कैमरे, सभी कोचों में एस्पिरेशन आधारित फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम और इलेक्ट्रिकल क्यूबिकल्स और शौचालयों में एरोसोल आधारित फायर डिटेक्शन एंड सप्रेस सिस्टम जैसे बेहतर अग्निशमन सुरक्षा उपाय किए गए हैं।
आयातित ट्रेन से आधी लागत में तैयार हो जाती है वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन
वंदे भारत एक्सप्रेस ने भारत में यात्री यात्रा के एक नए युग की शुरुआत की है। मात्र 100 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली यह ट्रेन समान सुविधा वाली आयातित ट्रेन से लगभग आधी लागत में बनकर तैयार हो जाती है। प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए, ट्रेन की प्रमुख प्रणालियों को भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है।
अगस्त 2023 तक देश भर में 75 वंदे भारत ट्रेनें चलाने का है लक्ष्य
उल्लेखनीय है कि गुजरात में चलने वाली नई वंदे भारत एक्सप्रेस देश की तीसरी वंदे भारत ट्रेन है। अन्य दो ट्रेनें दिल्ली-वाराणसी और नई दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी कटरा के बीच चलाई जा रही हैं। आजादी का अमृत महोत्सव समारोह के हिस्से के रूप में, प्रधानमंत्री ने अगस्त 2023 तक देश भर में 75 वंदे भारत ट्रेनें चलाने का लक्ष्य रखा है।
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