UP Election 2021

UP Election 2021: तृणमूल कांग्रेस ने कमलापति त्रिपाठी के कुनबे के जरिए बिछायी सियासी बिसात

UP Election 2021: कमलापति त्रिपाठी के पौत्र और प्रपौत्र ने कहा यूपी मे भी खेला होबे

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 26 अक्टूबर: UP Election 2021: ममता बनर्जी ने अपने पार्टी को राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार देना शुरू कर दिया है। पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद पीएम नरेन्‍द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र से टीएमसी द्वारा यूपी विधानसभा चुनाव में चुनौती पेश करने की तैयारी चल रही है। गाँधी नेहरू परिवार के खसम खास रहे, उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी के केबिनेट मे रेलमंत्री सहित कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल चुके पंडित कमला पति त्रिपाठी के प्रपौत्र एवं कांग्रेस के पूर्व विधायक पंडित ललितेशपति त्रिपाठी ने ट्वीट करते हुए टीएमसी से जुडने की जानकारी दी। दो तस्‍वीरें ममता बनर्जी के साथ शेयर करते हुए उन्होंने लिखा है- खेला होबे।

UP Election 2021: कभी कांग्रेस के थिंक टैंक माने जाते रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. कमलापति त्रिपाठी समेत पूरा कुनबा इस पार्टी के लिए समर्पित था। पूर्वांचल में तो दोनों एक दूसरे के पर्याय कहे जाते थे। पीढियां बदलीं, लेकिन त्रिपाठी परिवार का दखल व दावेदारी हमेशा बनी रही। उसी कुनबे की तीसरी-चौथी पीढ़ी ने मुंह मोड़ने के बाद अब तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। पिता-पुत्र पूर्व विधायक राजेशपति त्रिपाठी और ललितेशपति त्रिपाठी ने पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी स्थित मिनी सचिवालय में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की। साथ ही टीएमसी में शामिल हो गए। खुद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सदस्यता ग्रहण कराई।

UP Election 2021: टीएमसी ज्वाइन करने के बाद ललितेश पति त्रिपाठी ने ट्वीट कर लिखा है कि- ‘शांति और प्रेम की विचारधारा हमें विरासत में मिली है, जो समभाव के संस्कार हमें दिए गए हैं, उनसे बिना समझौता किए जनसेवा में स्वयं को समर्पित कर समाज की प्रगतिशीलता सुनिश्चित करना वर्तमान परिप्रेक्ष्य में आदरणीय ममता बनर्जी जी के नेतृत्व में ही संभव है। खेला होबे!”

क्या आपने यह पढ़ा…. Delhi E-Auto Fair: परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली में ई-ऑटो मेले का किया उद्घाटन

ललितेशपति त्रिपाठी के कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद से सियासी गलियारों में चर्चा रही कि वह भाजपा या सपा से जुड़ सकते हैं। पत्रकार वार्ता के दौरान भी उन्होंने संकेत दिया था कि अब यूपी में नई कांग्रेस बनाऊंगा। अब टीएमसी से जुड़ने के बाद इन अटकलों पर विराम लग गया है। एक दौर में काशी के औरंगाबाद हाउस से ही यूपी और दिल्ली कांग्रेस की नीतियां तय होती थी।

पं. कमलापति त्रिपाठी गांधी परिवार के सबसे करीबी माने जाते थे। पूर्वांचल की राजनीति का केंद्र भी औरंगाबाद हाउस हुआ करता था। इधर कुछ दिनों से कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने औरंगाबाद हाउस को तवज्जो देना कम कर दिया था। इससे राजेशपति त्रिपाठी और ललितेशपति त्रिपाठी नाराज चल रहे थे।

Whatsapp Join Banner Eng