organ donation

Organ donation: 14 अंगदान द्वारा 38 व्यक्तियों के जीवन में नई रोशनीः डॉ.राकेश जोषी

Organ donation: सिविल अस्पताल को रिट्राइवल सेंटर की स्वीकृति मिलने के बाद 14 ब्रेनडेड व्यक्तियों के अंगदान प्राप्त करने में सफलता मिली हैंः राकेश जोषी

अहमदाबाद, 16 अक्टूबरः Organ donation: अहमदाबाद सिविल हॉस्पीटल में दशहरा का दिन ऐतिहासिक साबित हुआ। नडियाद के 52 वर्षीय अरुण प्रजापति ब्रेन डेड होने पर परिजनों ने अंगदान की स्वीकृति दी। इससे उनकी दोनों किडनी, फेफसा, दोनों हाथ सहित अंगों का दान कर कई लोगों को नई जिंदगी मिली हैं।

सिविल हॉस्पीटल के अधीक्षक डॉ.राकेश जोषी ने बताया कि अरुण भाई के दोनों हाथ मुंबई में चिकित्सा ले रहे जयपुर के 22 वर्षीय युवक को प्रत्यारोपण के लिए ग्रीन कोरीडोर द्वारा भेजा गया हैं। वहीं ह्रदय और फेफसा को भी कोरीडोर द्वारा चेन्नाई भेजा गया हैं। दोनों किडनी सिविल मेडीसिटी स्थित किडनी हॉस्पीटल में प्रत्यारोपण के लिए भेजी गई।

organ donation 1

सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ.जोषी ने बताया कि सिविल अस्पताल को रिट्राइवल सेंटर की स्वीकृति मिलने के बाद 14 ब्रेनडेड व्यक्तियों के अंगदान प्राप्त करने में सफलता मिली हैं। इनके कुल 50 अंगदान स्वीकार किए गए हैं। इसमें 14 लीवर, 25 किड़नी, 4 स्वादुपिंड, 3 ह्रदय, दो हाथ और दो फेफसा शामिल हैं। इसके अतिरिक्त 32 आंख का दान प्राप्त करने में सफलता मिली हैं।

क्या आपने यह पढ़ा…. 7 Killed in idol immersion in up: यूपी के आगरा में बड़ा हादसा, मूर्ति विसर्जन के दौरान डूबने से 7 लोगों की मौत

इन सभी अंगों के दान के द्वारा 38 से भी अधिक व्यक्तियों की जीवनशैली में सुधार आया हैं। उन्हें नई जिंदगी मिली हैं। आज अरुण भाई के अंगदान के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वह नड़ियाद का निवासी था। उसके दिमाग में गांठ हो गई थी। जिससे चिकित्सा के लिए सिविल हॉस्पीटल में भर्ती किया गया था। जहां ब्रेनडेड घोषित होने पर अस्पताल की सोटो टीम द्वारा अरुण भाई के परिजनों को अंगदान के लिए समझाया गया था।

परिवारजनों द्वारा स्वीकृति देने पर ह्रदय, फेफसा और किड़नी का दान किया गया। साथ ही साथ पहली बार अंगदान में दोनों हाथ दान के लिए भी परिजनों ने सहमति दी। उल्लेखनीय है कि दोनों हाथ दान में स्वीकार करने के बाद एक ही जरुरतमंद व्यक्ति में दोनों हाथ का प्रत्यारोपण किया जाता हैं। राज्य में इस प्रकार की प्रथम घटना हैं। जबकि पूरे देश में संभवतः 2015 में पहली बार दोनों हाथ का दान स्वीकार कर प्रत्यारोपण किया गया था। अभी तक कुल 5 घटनाओं में इस प्रकार की सफलता मिली हैं। वहीं विश्व स्तर पर यह 110वीं घटना हैं।

Whatsapp Join Banner Eng