Kashi-Tamil Sangamam: काशी-तमिल संगमम के द्वितीय संस्करण के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की ग्यारहवीं संध्या संपन्न
Kashi-Tamil Sangamam: मां गंगा के तट पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ उठाकर डेलीगेट्स काफी मुग्ध नजर आए
रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 29 दिसंबर: Kashi-Tamil Sangamam: काशी-तमिल संगमम के द्वितीय संस्करण के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की ग्यारहवीं संध्या पर काशी और तमिलनाडु के नौ सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। दोनों राज्यों के शास्त्रीय और लोक नृत्य, लोक गायन और वाद्य वादन आदि प्रस्तुतियों ने नमो घाट को संगीतमय कर दिया।
मां गंगा के तट पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रमों का लुत्फ उठाकर समस्त डेलीगेट्स काफी मुग्ध नजर आए। काशी तमिल संगमम के द्वितीय संस्करण के सांस्कृतिक संध्या का आयोजन उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र प्रयागराज एवं दक्षिण क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र तंजावूर, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार द्वारा किया गया है।
काशी-तमिल संगमम के द्वितीय संस्करण में सांस्कृतिक कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि प्रो. (डॉ.) टी जी सीताराम, अध्यक्ष, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने सहभागिता की। संगमम में लगे स्टॉल को भी देखा। बनारस घराने से राहुल रोहित मिश्रा और उनकी टीम ने शास्त्रीय गीत गंगे पर प्रस्तुति देकर दर्शकों मां गंगा की पौराणिकता और पवित्रता से परिचित कराया। इसके अलावा, वाराणसी से हरी पौडियाल और उनकी टीम ने वाद्य यंत्रों की प्रस्तुति दी। घाट पर बैठे लोगों को गंगा मां की भक्ति से सराबोर कर दिया।
अन्य प्रस्तुतियां में पी महेंद्रियन और टीम ने ओयलाट्टम, उरुमी, नैयांडिमेलम और टी गोकुल ने अपनी टीम के साथ पंबई, काई सिलांबटम, कवाडिअट्टम पर जोरदार प्रस्तुति दी। इस विधा में तमिल कलाकारों ने कई तरह के हैरतअंगेज करतब भी दिखाए। इसके बाद डांस मास्टर ए माधवर्मन और उनकी नृत्यांगनाओं की टीम ने भरतनाट्टयम पर प्रस्तुति दी। इसके अलावा, एस जयती और टीम ने थपट्टम, कारगम और अंतिम नौवीं प्रस्तुति के. भारनी ने सिवान, पार्वती और सामयट्टम की रही।
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