Faculty development program

Faculty development program in BHU: बीएचयू में शुरू हुआ फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम

Faculty development program in BHU: पत्रकारिता विभाग में 19 दिसंबर तक चलने वाले प्रोग्राम में सहायक प्रोफेसरो की हो रही है भागीदारी

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 14 दिसंबर: Faculty development program in BHU: काशी हिन्दू विश्वविदयालय में करियर मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और स्थानन प्रकोष्ठ व पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविदयालय के सहायक प्रोफेसरों के लिए फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का शुभारंभ किया गया। पत्रकारिता विभाग में यह प्रोग्राम 19 दिसंबर तक चलेगा।

पत्रकारिता विभाग एवं करियर मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और स्थानन प्रकोष्ठ द्वारा विगत महीनों में विश्वविदयालय के विभिन्न संकाय के छात्रों के लिए 30-30 विद्यार्थियों के 6 बैच में (कुल 180 विद्यार्थी) को कम्युनिकेशन स्किल कार्यशाला में प्रशिक्षित किया गया।

विभिन्न कम्पनियों से मिले फीडबैक के आधार पर विश्वविदयालय के प्लेसमेंट सेल में पंजीकृत विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों का कम्यूनिकेशन स्किल में प्रशिक्षण तथा अन्य विद्यार्थियों के करियर में विकास के लिए विश्वविदयालय के छात्रों को सम्प्रेषण कौशल का प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया गया।

विश्वविद्यालय में छात्रों की कुल संख्या को देखते हुए तथा सभी छात्रों को समयबद्ध प्रशिक्षण देने के उददेश्य से विश्वविदयालय ने विभिन्न संकायों व विभागों के सहायक आचार्यों को कम्युनिकेशन स्किल का प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। जिससे वे अपने शिक्षण कार्य को बेहतर बनाने के साथ ही अपने-अपने विभागों व संकायों के छात्रों को कम्यूनिकेशन स्किल में भी प्रशिक्षण देकर उनके करियर विकास में मदद कर सकें।

प्रोग्राम उद्घाटन के अवसर पर प्रो. शिशिर बसु, विभागाध्यक्ष, पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग ने प्रशिक्षण कार्यक्रम के उददेश्य पर प्रकाश डाला। प्रो. वी. के. चन्दोला, समन्वयक, करियर मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और स्थानन प्रकोष्ठ ने सहायक आचार्यों से प्रशिक्षण के उपरांत अपने अपने संकायों और विभागों में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर प्रो.अनुराग दवे, प्रोफेसर, पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग, डॉ. उमेंश सिंह, प्रशिक्षण और स्थानन अधिकारी, डॉ बाला लखेन्द्र, पत्रकारिता एवं जनसंप्रेषण विभाग, आदि ने भी अपने विचार प्रकट किए। इस अवसर पर विभिन्न संकायों और विभागों के 18 प्रतिभागी सहायक आचार्य उपस्थित रहे।

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