Amrit Sarovar

Amrit Sarovar: गुजरात में 2600 से अधिक अमृत सरोवरों का हुआ निर्माण, पढ़ें पूरी खबर…

  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने का आह्वान किया था

Amrit Sarovar: प्रत्येक अमृत सरोवर की जल धारण क्षमता कम से कम 10 हजार घन मीटर है

गांधीनगर, 21 जुलाईः Amrit Sarovar: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल संरक्षण की दिशा में एक अहम प्रयास के हिस्से के रूप में अप्रैल, 2022 के ‘मन की बात’ कार्यक्रम में देशवासियों से देश के प्रत्येक जिले में 75 अमृत सरोवर बनाने का आह्वान किया था।

उन्होंने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर पानी बचाने का संकल्प लेने के लिए अनुरोध किया था। गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में इस दिशा में उल्लेखनीय कार्य करते हुए राज्य सरकार ने 100 फीसदी से अधिक कार्य पूरा कर लिया है। अब तक 2475 के लक्ष्य के मुकाबले राज्य में 2652 अमृत सरोवरों की पहचान की गई और 2612 अमृत सरोवरों का निर्माण पूरा हो चुका है।

भारत के अमृत काल के इस स्वर्ण युग में प्रधानमंत्री की अपील का उद्देश्य सभी जिलों में कम से कम 75 अमृत सरोवर बनाना है। इनमें से प्रत्येक अमृत सरोवर में 1 एकड़ (0.4 हेक्टेयर) का तालाब क्षेत्र होगा, जिसमें लगभग 10 हजार घन मीटर की जल धारण क्षमता होगी।

इसमें जनभागीदारी को सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसका उद्देश्य समाज में साथ मिलकर काम करने की भावना को प्रोत्साहन देना है। इसके लिए आगामी महीनों में अमृत सरोवरों में सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।

हाल ही में योग दिवस 2023 के अवसर पर 1597 सरोवरों पर 65 हजार से अधिक लोगों ने योग दिवस समारोह में भाग लिया था। इसी तरह, 1 जुलाई को कई अमृत सरोवरों पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया था। अमृत सरोवर के लाभ से अवगत कराने के लिए जिला प्रशासन ने स्थानीय संस्थाओं के प्रतिनिधियों और गांव के अग्रणियों के साथ संवाद किया है।

स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के गांवों को प्राथमिकता

स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के गांवों में स्थित सरोवरों के स्थान को प्राथमिकता दी गई है। 15 अगस्त को स्वतंत्रता सेनानियों या उनके परिवार के सदस्यों द्वारा 665 अमृत सरोवर कार्यस्थल पर स्मारक के रूप में नीम, पीपल और बरगद जैसे पेड़ लगाए गए हैं।

अमृत सरोवरों की मिट्टी का हाईवे और खेती में उपयोग

रेलवे, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) तथा सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MORTH) ने सुरेन्द्रनगर-राजकोट डबलिंग प्रोजेक्ट और अहमदाबाद-मेहसाणा ट्रैक डेवलपमेंट, अहमदाबाद-धोलेरा एक्सप्रेस हाईवे, राष्ट्रीय राजमार्ग-27, दिल्ली-वडोदरा एक्सप्रेस हाईवे (NH-148 N), NH-8 E जैसी अपनी परियोजनाओं में अमृत सरोवर की मिट्टी का उपयोग किया है। स्थानीय किसान भी अपनी जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए अमृत सरोवर की मिट्टी का उपयोग करते हैं।

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