WR goods supply: पश्चिम रेलवे द्वारा अत्यावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति का सिलसिला है जारी

WR goods supply: इस वित्तीय वर्ष में गुड्स ट्रेनों के अलावा 747 टाइम टेबल्ड पार्सल रेकों का परिचालन किया गया

मुंबई, 15 फरवरीः WR goods supply: पश्चिम रेलवे द्वारा अत्यावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति (WR goods supply) को जारी रखने के लिए देश भर में गुड्स और पार्सल विशेष ट्रेनों का देश भर में लगातार परिचालन किया जा‌ रहा हैं। इसी क्रम में पश्चिम रेलवे द्वारा अत्यावश्यक वस्तुओं को देश के विभिन्न भागों में पहुंचाने के लिए 1 अप्रैल, 2021 से 14 फरवरी, 2022 तक 747 पार्सल ट्रेनें चलाई गई हैं। इस अवधि के दौरान मालगाड़ियों में 75.90 मिलियन टन लदान‌ दर्ज किया गया जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 70.10 मिलियन टन लदान की तुलना में लगभग 8% अधिक है। इसके परिणामस्व रूप कुल 9391 करोड़ रुपये से अधिक का माल राजस्वज प्राप्त हुआ है।

पश्चिम रेलवे की मंडल बिजनेस डेवलपमेंट यूनिटों (BDUs) की क्लोज़ मॉनिटरिंग की जा रही है जिसके परिणामस्वरूप न केवल पार्सल यातायात में सुधार हुआ है बल्कि नए यातायात के मामले में बेहतर माल ढुलाई के अवसर भी प्राप्त हुए हैं। यह उल्लेखनीय है कि हाल ही में पश्चिम रेलवे ने प्रारंभिक राजस्व (WR goods supply) में 12,000 करोड़ रुपये के आँकड़े की एक बड़ी उपलब्धि को पार कर लिया है।

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पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार 1 अप्रैल, 2021 से 14 फरवरी, 2022 तक पश्चिम रेलवे ने अपनी पार्सल विशेष ट्रेनों के माध्यम से 2.87 लाख टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का परिवहन किया है, जिनमें कृषि उत्पाद, दवाएं, चिकित्सा उपकरण, मछली, दूध आदि मुख्य रूप से शामिल हैं। इस परिवहन के माध्यम से लगभग 102.36 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त किये गये।

पश्चिम रेलवे द्वारा 1.14 लाख टन से अधिक भार और वैगनों के 100% उपयोग के साथ 160 दुग्ध विशेष ट्रेनें चलाई गईं। इसी तरह अत्या वश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए 33,600 टन से अधिक भार वाली 167 कोविड-19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी चलाई गईं। इसके अलावा लगभग 94,000 टन माल परिवहन हेतु 252 इंडेंटेड रेक भी 100% उपयोग के साथ चलाए गए। किसानों को उनकी उपज के लिए नए बाजार खोजने में मदद करने तथा इसके किफायती और तेज परिवहन के लिए विभिन्न मंडलों से इस अवधि के दौरान 45,900 टन से अधिक भार वाली 168 किसान रेलें भी चलाई गई हैं।

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