Mamata kushwaha banner 1

Meri Dadi Maa: आज की शाम मेरी दादी के नाम

मेरी दादी माँ (Meri Dadi Maa)

आज की शाम मेरी दादी के नाम
कर रहे सब आज तुम्हारी बातें
इकट्ठा हो घर के सदस्य सभी
और मुझे खल रही कमी तेरी दादी
क्या करे हम सब…
अचानक जो छोड़ चली गई हमें,

आज आपकी बातें बन कर रहे गई यादें
सुन रही हो न दादी हमारी
किस तरह सभी इकट्ठा हो कर रहे बातें आपकी
बिना आपके घर हो गया सुना,

बाबा (दादा जी) को जब याद आ रही है आपकी
बुला सबको कहते……
कहा छोड़ चली गई मेरी पत्नी
कभी कहते कब आयेगी तेरी दादी
खाना खिलाने अपने हाथों से
तो कभी कहते अब उसके बिना
क्या करेंगे जी कर हम,

पल पल सताती कमी तुम्हारी दादी
माँ – पापा का क्या हाल बताऊँ
छुप कर हम सबसे आंसू बहाते
और कहते माँ(मेरी दादी) बिना घर हो गया सुना
अब बढ़ गई उनकी और जिम्मेदारी,

भैया का क्या हाल सुनाऊ
पल -पल तड़प रहे है वो
अचानक जो छोड़ चली गई हमें
दादी माँ हमारी
बड़े भैया की आंखे हो गयी
मानो बहता पानी…
और कह रहे वह सबसे
कौन करेगा इंतजार मेरा ,
घर आने से देर होने पर
अब कौन करेगा सवाल अनेक हमसे
सुन रही हो न दादी
छोटे भैया कह रहे सबसे
दादी का दुलारा हूँ मैं
रखती थी खाने – सोने का ख्याल मेरा,

क्या हाल बताऊँ सबका बिना आपके
सबकी बातें सुन कह रही भाभी
अब कौन सिखायेगा घर संवारने की बातें
सुन रही हो न दादी,

मुझे सता रही है सबके बीच कमी तुम्हारी
कितना भी लिखूँ कम पड़ जायेंगे शब्द मेरे
देती हूँ अश्रुपूर्ण श्रंद्धांजलि तुम्हें दादी
करती हूँ प्रार्थना ईश्वर से
बना रहे आपका आशीर्वाद हमसब पर
आज की शाम आंखे हो गयी सबकी नम
सुन रही हो न दादी खल रही है कमी तुम्हारी ।

यह भी पढ़ें:-Muskurana sikh rahi: मुस्कुराना सीख रही हूँ: ममता कुशवाहा

Hindi banner 02