Art of life: जीवन में कुछ कमी भी है, फिर भी जीने की गुंजाइश तो है
Art of life: जीवन में कुछ कमी भी है
फिर भी जीने की गुंजाइश तो है
खाने में एक सब्जी कम है
फिर भी पेट भरने की गुंजाइश तो है
हो गए हमसे कुछ लोग नाराज
तो उन्हें मनाने की गुंजाइश तो है
मिलता नहीं सबको सब कुछ यहां
फिर भी खुश रहने की गुंजाइश तो है
हर किसी का हर सपना होता नहीं पूरा
फिर भी कुछ सपने पूरे होने की गुंजाइश तो है
सुखी रहती है धरती कभी
फिर भी हरियाली की गुंजाइश तो है
कली है जो आज उसके फुल बनने की गुंजाइश तो है
जीवन में आ जाए कितनी ही उलझने
फिर भी उनके सुलझने ने की गुंजाइश तो है
जी ली जिन्होंने एक कमरे में जिंदगी
उनके फ्लैट लेने की गुंजाइश तो है
इन्हीं गुंजाइशों के सहारे जी लेते हैं कई
फिर भी कई गुंजाइश, गुंजाइश ही रहती है।
और इन्हीं गुंजाइशों में
खुश रहने की गुंजाइश तो है।
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