पश्चिम रेलवे की 376 पार्सल विशेष ट्रेनों द्वारा 69 हज़ार टन अत्यावश्यक सामग्री का परिवहन

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फोटो कैप्शन: राजकोट और अहमदाबाद रेलवे स्टेशनों पर पार्सल स्पेशल ट्रेनों में लोडिंग गतिविधियों के दृश्य।

पश्चिम रेलवे की पार्सल विशेष ट्रेनों के साथ-साथ मालगाड़ियाँ देश के विभिन्न भागों में आवश्यक वस्तुओं का परिवहन लगातार जारी रख रही हैं। कोरोना महामारी के मद्देनज़र जब परिवहन के अन्य साधन प्रतिबंधित हैं, तब पश्चिम रेलवे अपनी विभिन्न ट्रेनों के माध्यम से देश के विभिन्न हिस्सों में दूध, दवाओं और अन्य आवश्यक उत्पादों की आपूर्ति बखूबी सुनिश्चित कर रही है, वहीं छोटे पार्सल आकारों में आवश्यक वस्तुओं जैसे दवाइयों, चिकित्सा उपकरणों, खाद्यान्नोंआदि के परिवहन की जिम्मेदारी भी पश्चिम रेलवे द्वारा भली-भांति निभाई जा रही है, क्योंकि यह अपने ग्राहकों की
ज़रूरतों के लिए हमेशा पूरी तरह से प्रतिबद्ध रही है। इसी क्रम में ट्रेन नम्बर 00913/00914 पार्सल विशेष ट्रेन, जो पोरबंदर और शालीमार के बीच पहले से अधिसूचित है, को मांग के अनुसार अब दोनों दिशाओं में , भरूच, अंकलेश्वर ,गोंदिया, खड़गपुर, पानसकुरा, मेचेदा स्टेशन पर अतिरिक्त ठहराव दिये जाने का निर्णय लिया गया है।


पश्चिम रेलवे द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 23 मार्च से 2 जुलाई, 2020 तक, पश्चिम रेलवे की 376 पार्सल विशेष गाड़ियों के माध्यम से 69 हजार टन से अधिक वजन वाली वस्तुओं का किया गया, जिनमें मुख्य रूप से कृषि उत्पाद, दवाइयां, मछली, दूध आदि शामिल थे। इस परिवहन के माध्यम से उत्पन्न आय, लगभग 22.15 करोड़ रु रही। इस अवधि के दौरान, इस परिवहन के अंतर्गत पश्चिम रेलवे द्वारा 52 मिल्क स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिनमें 39हज़ार टन से अधिक का भार था और वैगनों के 100 % उपयोग से लगभग 6.72 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ। इसी
तरह, 26,800 टन से अधिक भार वाली 316 कोविड -19 विशेष पार्सल ट्रेनें भी विभिन्न आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए चलाई गईं, जिनके लिए राजस्व 13.68 करोड़ रुपये रहा। इनके अलावा, 3534 टन तक ले जाने वाले 8 इंडेंटेड रेक भी लगभग 100 % उपयोग के साथ चलाए गए, जिनसे 1.76 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ। 22 मार्च से 2 जुलाई, 2020 तक लॉकडाउन की अवधि के दौरान, मालगाड़ियों के कुल 8073 रेकों का उपयोग पश्चिम रेलवे द्वारा
16.67 मिलियन टन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए किया गया।15,871 मालगाड़ियों को अन्य ज़ोनल रेलों के साथइंटरचेंज किया गया, जिनमें 7957 ट्रेनों को सौंप दिया गया और 7914 ट्रेनों को अलग-अलग इंटरचेंज पॉइंटों पर ले जाया गया। पार्सल वैन / रेलवे मिल्क टैंकरों (आरएमटी) के 377 मिलेनियम पार्सल रेकों को आवश्यक वस्तुओं जैसे दूध पाउडर, तरल दूध और अन्य सामान्य उपभोक्ता वस्तुओं की मांग के अनुसार आपूर्ति करने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में भेजा गया। पश्चिम रेलवे ने देश के विभिन्न हिस्सों के लिए लॉकडाउन अवधि के दौरान समयबद्ध पार्सल विशेष
रेलगाड़ियाॅं चलाने का निर्णय लागू किया था। इनमें से एक पार्सल स्पेशल ट्रेन 3 जुलाई, 2020 को पोरबंदर से शालीमार के लिए रवाना हुई।

लाॅकडाउन के कारण नुक़सान और रिफंड अदायगी

कोरोना वायरस के कारण पश्चिमी रेलवे पर कमाई का कुल नुकसान 1567 करोड़ रुपये से अधिक रहा है, जिसमें उपनगरीय खंड के लिए 227.99 करोड़ रुपये और गैर-उपनगरीय के लिए 1339.99 करोड़ रुपये का नुक़सान शामिल है।
इसके बावजूद अब तक टिकटों के निरस्तीकरण के परिणामस्वरूप, पश्चिम रेलवे ने 381.69 करोड़ की रिफंड राशि वापस करना सुनिश्चित किया है। गौरतलब है कि इस रिफंड राशि में, अकेले मुंबई डिवीजन ने 181.19 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड सुनिश्चित किया है। अब तक, 58.55 लाख यात्रियों ने पूरी पश्चिम रेलवे पर अपने टिकट रद्द कर दिए हैं, जो तदनुसार अपनी रिफंड राशि प्राप्त कर चुके हैं।