Crossing Bridge

पटरी पार करने की समस्या पर नियंत्रण हेतु पश्चिम रेलवे द्वारा किये गये विविध उपायों के सकारात्मक परिणाम

अहमदाबाद, 07 अक्टूबर: पश्चिम रेलवे द्वारा पटरी पार करने की समस्या पर नियंत्रण हेतु विभिन्न उपाय किये गये हैं, जिसके परिणामस्वरूप पश्चिम रेलवे के मुंबई उपनगरीय सेक्शन में पटरी पार करने के कारण व्यक्तियों के कुचले जाने और घायल होने के मामलों में उल्लेखनीय कमी आई है। पश्चिम रेलवे ने इस समस्या से निपटने के लिए बहुआयामी पहल करते हुए एक महत्त्वपूर्ण मिशन के तौर पर कार्य किया है। पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक श्री आलोक कंसल ने विशेष रूप से मुंबई के उपनगरीय सेक्शन को प्रभावित करने वाली इस गम्भीर समस्या के सम्पूर्ण निदान की जिम्मेदारी उठाई है। श्री कंसल पटरी पार करने की इस गम्भीर समस्या के नियंत्रण हेतु अपनाए जा रहे विविध उपायों के साथ-साथ उनके कार्यान्वयन पर भी गहनता से निगरानी रखकर समुचित मार्गदर्शन दे रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप सकारात्मक नतीजे देखे गए हैं और पश्चिम रेलवे के मुंबई उपनगरीय सेक्शन पर पटरी पार करने से होने वाली दुर्घटनाओं में काफी कमी हुई है।

 पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार ट्रेसपासिंग पर नियंत्रण रखने के लिए पश्चिम रेलवे द्वारा कई पहल की गई हैं। स्टेशनों पर यात्रियों की आवाजाही को सुगम बनाने तथा ट्रेसपासिंग से बचने के लिए पश्चिम रेलवे के मुंबई उपनगरीय सेक्शन में पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान 20 नये पैदल ऊपरी पुल, 9 नये एस्केलेटर्स तथा एक नई लिफ्ट की व्यवस्था की गई है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 के पहले 6 महीनों में अब तक 9 नये पैदल ऊपरी पुल यात्रियों के आवागमन के लिए खोले जा चुके हैं, जबकि 2 नये एस्केलेटरों को शीघ्र ही यात्रियों के लिए खोला जायेगा। पश्चिम रेलवे के सभी 145 उपनगरीय प्लेटफाॅर्मों की ऊॅंचाई, प्लेटफाॅर्म और कोच के बीच के अंतर को कम करने की दृष्टि से बढ़ाई गई है, जिसके फलस्वरूप गैप में गिरने से होने वाली मृत्यु का आंकड़ा अब बिल्कुल नहीं के बराबर है।

पश्चिम रेलवे एक बार फिर से अपने सम्माननीय ग्राहकों से अपने बहुमूल्य जीवन की रक्षा करने और रेलवे की पटरियों को पार न करने की अपील करती है। पटरियों के आर- पार जाने और प्लेटफार्म बदलने के लिए सदैव एफ ओ बी, सबवे, एस्केलेटर्स और लिफ्ट का इस्तेमाल करने का अनुरोध पश्चिम रेलवे द्वारा किया गया है।

चर्चगेट – विरार सेक्शन पर स्टेशन एरिया में दो ट्रैकों के बीच डिवाइडर फेंसिंग की व्यवस्था की गई है, जिससे लोग ट्रैक क्रॉस करके एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर न जा सकें। स्थान की कमी होने के कारण केवल चार लोकेशनों पर यह व्यवस्था नहीं की जा सकी है। यहाॅं तक कि ऐसी पहचान की गई लोकेशनों पर, जहाॅं प्लेटफार्म की समाप्ति वाले छोर पर अक्सर ट्रेसपासिंग की जाती है, वहाॅं भी फेंसिंग प्लेटफार्म के आगे तक लगाई गई है। ट्रेसपासिंग करने का अन्य मुख्य कारण रेलवे ट्रैक के किनारे अतिक्रमण का मौजूद होना है। अतिक्रमण हटाने के लिए नियमित रूप से अभियान चलाये जाते हैं। वर्ष 2019 में विभिन्न लोकेशनों से 600 से अधिक अतिक्रमण हटाये गये, जबकि जुलाई, 2020 तक कुल 978 अतिक्रमण हटाये गए। चर्चगेट – विरार सेक्शन की कुल लम्बाई के 75.44% भाग में बाउंड्री वॉल मौजूद है। कुल लम्बाई के 12.9 कि.मी. भाग में बाउंड्री वॉल की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि चर्चगेट-विरार खंड के इस भाग में पूर्वी और पश्चिमी दोनों तरफ नदी, मैंग्रोव्स या नालियॉं मौजूद हैं।

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पिछले कुछ वर्षों में 16.53 किलोमीटर लम्बी बाउंड्री वॉल का निर्माण किया गया है। 17.10 किलोमीटर के शेष भाग के लिए नई बाउंड्री वॉल के निर्माण का कार्य तेज गति से किया जा रहा है। ट्रैक के निकट बने स्ट्रक्चरों एवं ओएचई मास्ट या तो हटा दिए गए हैं, अथवा उन्हें स्थानांतरित कर दिया गया है, जिससे  फुटबोर्ड पर यात्रा करने वाले यात्रियों को चोट लगने की सम्भावना से बचा जा सके। जहाॅं इन्हें स्थानांतरित करना सम्भव नहीं हो सका है, वहाॅं फुटबोर्ड यात्रियों को सावधान करने के लिए स्ट्रक्चरों को चटकीले रंगों से पेंट कर दिया गया है।

श्री ठाकुर ने बताया कि सेलिब्रिटियों के माध्यम से यात्रियों को अपील कर, एनजीओ के सहयोग से अभियानों सहित अनेक जन जागरूकता अभियान चलाए गए हैं। इनके अतिरिक्त, स्टेशनों पर उद्घोषणा, एस एम एस, टीवी चैनल, रेडियो चैनल, सिनेमा हॉल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से जागरूकता संदेश जारी किए जा रहे हैं। यह भी उल्लेखनीय है कि पश्चिम रेलवे द्वारा लोगों को सुरक्षित यात्रा की अपील का संदेश देने हेतु भारत रत्न श्री सचिन तेंदुलकर, जॉन अब्राहम, जैकी श्रॉफ  जैसी मशहूर शख्सियतों को भी शामिल किया गया है, जिनके काफी संख्या में प्रशंसक हैं। इसके साथ ही, पश्चिम रेलवे के रेल सुरक्षा बल विभाग ने ट्रेसपासिंग रोकने के लिए “यमराज” नामक एक अनूठे अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य ट्रेसपासिंग करने वालों के बीच मनोवैज्ञानिक डर का भाव पैदा करना है। इस अभियान के अंतर्गत आर पी एफ / एम एस एफ कर्मचारी यमराज की वेशभूषा में होते हैं तथा ट्रेसपासिंग करने वाले व्यक्तियों को पकड़ते हैं और उन्हें काउंसिल करते हैं। इस अभियान को मीडिया और जनता द्वारा काफ़ी सराहा गया है तथा लोगों को ट्रेसपासिंग के खतरे के बारे में जागरूक करने में गेम चेंजर साबित हुआ है।

Trespassing 3

रेलवे ट्रैक पार करने के सम्बंध में स्टेशनों, स्कूलों, सम्भावित स्थानों और झुग्गी-झोपड़ियों में गहन जागरूकता अभियान नियमित अंतराल पर आयोजित किए जाते हैं। श्री ठाकुर ने बताया कि ट्रेसपासिंग के विरुद्ध नियमित अभियानों के अलावा ट्रेसपासिंग करने वालों के ख़िलाफ़ मुकदमा चलाकर दंडित किया जा रहा है। वर्ष 2019 में 16,060 मामले दर्ज़ किए गए; जबकि वर्ष 2020 (जनवरी से जुलाई) में 4,472 मामले दर्ज़ किए गए।  529 एम एस एफ और 350 आरपीएफ स्टाफ भीड़ नियंत्रण के लिए दैनिक आधार पर स्टेशनों पर तैनात किए गए हैं। वे ट्रेन की छत पर और डिब्बों के बीच यात्रा करने वालों पर भी नज़र रखते हैं, जिसके कारण इलेक्ट्रोक्यूशन की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। इसके परिणामस्वरूप, वर्ष 2019 में 21 व्यक्तियों की जानें तथा वर्ष 2020 (जुलाई तक) 6 व्यक्तियों की जानें बचाई गईं हैं। बड़े स्टेशनों पर वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग यात्रियों के लिए आरपीएफ हेल्प डेस्क खोले गए हैं, जो उन्हें ट्रेन में सुरक्षित चढ़ने में सहायता करते हैं।

श्री ठाकुर ने बताया कि पश्चिम रेलवे द्वारा किए गए ठोस प्रयासों के फलस्वरूप ही दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में पिछले कुछ वर्षों के दौरान काफी कमी आई है। दुर्घटनाजनित मौतों की संख्या में कमी लाने तथा “मिशन ज़ीरो डेथ” के साथ आगे बढ़ने हेतु पश्चिम रेलवे द्वारा हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं।

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