BHU hospital controversy

BHU hospital controversy: बी एच यू हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के बेड पर नहीं लगा है कोई डिजिटल लॉक: प्रो. संखवार

  • BHU hospital controversy: राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के मानक अनुसार तय संख्या से 13 अधिक बेड मिले हैं कार्डियोलॉजी विभाग को
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रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 19 मई:
BHU hospital controversy: चिकित्सा विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. एस. एन. संखवार के अनुसार काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित सर सुन्दरलाल चिकित्सालय के कार्डियोलॉजी विभाग को सुपर स्पेश्यलिटी ब्लॉक में 61 बेड आवंटित किये जा चुके हैं, जो कि विभाग को पूर्व में आवंटित बेड से 13 अधिक हैं। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के तय मानक अनुसार कार्डियोलॉजी विभाग को पहले से ही निर्धारित संख्या से अधिक बेड आवंटित किये गये हैं, जो उपयोग के लिए पूरी तरह तैयार हैं एवं इन पर किसी भी प्रकार का कोई डिजिटल लॉक नहीं लगा है.

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प्रो संखवार ने कहा कि इस संबंध मे किये जा रहे भ्रामक प्रचार का विश्वविद्यालय प्रशासन कड़ी निंदा करता है, तथा सभी हितधारकों से अपील करता है कि आमजन के हित में किसी भी तरह के दुष्प्रचार से सावधान रहें। कतिपय समाचार व ऑनलाइन माध्यमों में ऐसी सूचनाएं भी साझा की जा रही हैं, कि बेड की अनुपलब्धता के कारण 21000 मरीज़ों की मृत्यु हो चुकी है, जो कि पूर्णतः भ्रामक एवं सत्य से परे है। आपने कहा कि एक महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि कार्डियोलॉजी विभाग कुल आवंटित बेड की पूर्ण क्षमता का भी प्रयोग नहीं कर पा रहा है।

निदेशक, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, ने कहा है कि चिकित्सा अधीक्षक सर सुन्दरलाल चिकित्सालय, तथा विश्वविद्यालय प्रशासन पर लगाए जा रहे आरोपों का कोई आधार नहीं है तथा यह निंदनीय हैं. सर सुन्दरलाल चिकित्सालय में कार्डियोलॉजी विभाग द्वारा अधिक बेड पर अधिपत्य होने से अन्य विभाग राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग के मानक को पूरा नहीं कर पा रहे हैं, जिससे पाठ्यक्रमों के संबंध में आयोग द्वारा विभागों को मिलने वाली आवश्यक मंजूरी प्राप्त करने में तो बाधा आती ही है, मरीजों को चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने में भी चुनौतियां आ रही हैं।

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इस संबंध में यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि अस्पताल पर निरंतर बढ़ते दबाव के चलते किसी भी विभाग को आवश्यकता व तय मानक से अधिक बेड आवंटित करना संभव नहीं है। इसके अतिरिक्त यदि विभाग विशेष में भर्ती मरीज़ों की संख्या अधिक है, तो अन्य विभागों में खाली बेड उपलब्ध कराकर उनके उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है। इस व्यवस्था का लाभ अकसर विभिन्न विभाग समय समय पर लेते रहे हैं। ऐसे में संस्थान व चिकित्सालय प्रशासन द्वारा मरीज़ों के हित में वे सभी संभव उपाय किये गए हैं, जिनसे उत्तम व प्रभावी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य की प्राप्ति में कोई बाधा न आए.

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