Yuva dharma sansad in ayodhya: अयोध्या में विमर्श का महाकुम्भ: युवा धर्म संसद में चिंतको का जमावड़ा
Yuva dharma sansad in ayodhya: युवा जैसा सोचेगा, वैसा ही होगा देश का निर्माण – जल शक्ति मंत्री
- दैहिक आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं है जीवन – आचार्य श्री मिथिलेशनंदिनीशरण जी महाराज
- सेवाज्ञ संस्थानम् और श्री राम शोध पीठ के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय युवा धर्म संसद का आयोजन
रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह
अयोध्या, 18 सितंबर: Yuva dharma sansad in ayodhya; युवा जैसा सोचेगा, देश का निर्माण भी वैसा ही होगा। स्वामी विवेकानंद जी ने युवाओं से एक ध्येय- भारत माता की आराधना के लिए आह्वान किया था। जो बात विवेकानंद ने कही थी, आज के युवा उसे साकार कर रहे हैं। आज का युवा उठ भी गया है, जाग भी गया है। वह अपने लक्ष्य को अवश्य पूरा करेगा।
उक्त विचार अयोध्या स्थित डा. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय में सेवाज्ञ संस्थानम् एवं श्री राम शोध पीठ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय ‘युवा धर्म संसद-2022’ कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार में जल शक्ति मंत्री श्री स्वतंत्र देव सिंह ने व्यक्त की.
स्वतंत्र देव सिंह, जल शक्ति मंत्री युवा धर्म संसद में चिंतको का जमावड़ा
प्रारम्भ में श्री राम तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष, महंत नृत्य गोपाल दास जी, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह सहित सभी अतिथियों ने भगवान श्री राम, मां सरस्वती एवं स्वामी विवेकानंद के चित्रों पर पुष्पांजलि एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। संस्कृति एवं संस्कार पर विचार व्यक्त करते हुए श्री स्वतंत्र देव जी ने कहा कि दुनिया से जो भी सीखना है, वह सब सीखें। लेकिन अपनी संस्कृति को संजोए रखें। उन्होंने कहा कि एक समय तिलक लगाना, जय श्रीराम का नारा लगाना सांप्रदायिकता थी।
देश भर से आए लगभग 1000 युवा तरुणाइयों को संबोधित करते हुए जल शक्ति मंत्री ने जातिवाद, परिवारवाद और क्षेत्रवाद से ऊपर उठकर राष्ट्रवाद को अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि आज विश्व पटल पर भारत की संप्रभुता बढ़ती जा रही है।mश्री स्वतंत्र देव सिंह ने आगे कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सवा सौ करोड़ देशवासियों की सेवा कर रहे हैं। विवेकानंद जी ने भारत को विश्वगुरु बनाने का जो सपना देखा था, उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरा कर रहे हैं।
राष्ट्रीय विचारक एवं संत आचार्य मिथिलेशनंदिनी शरण जी महाराज (Yuva dharma sansad in ayodhya) ने विषय प्रवर्तन के दौरान कहा कि देश एक भौगोलिक इकाई है, लेकिन राष्ट्र एक चिन्मय इकाई है। उन्होंने कहा कि जीवन केवल दैहिक आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं है। धर्म और आचार-विचार पर विषय रखते हुए मिथिलेशनंदिनी शरण ने कहा कि आचार धर्म नहीं है, वह धर्म को व्यक्त करता है। हमारे यहां धर्म आभासी नहीं है।
भारत के युवा वर्ग में भारतीय संस्कृति, संस्कार और राष्ट्र प्रेम की भावना की प्रखर ज्योति प्रज्ज्वलित करने के उद्देश्य से युवा धर्म संसद का आयोजन किया गया. इसके पूर्व यह आयोजन काशी में हुआ था. अयोध्या के इस युवा धर्म संसद में देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से लगभग 1000 छात्र और छात्राएं शामिल हुए. कार्यक्रम का संचालन अवधेश पांडेय बादल ने किया. श्री राम शोध पीठ के निदेशक प्रो अजय प्रताप सिंह ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
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